छिंदवाड़ा: अमरवाड़ा के ग्राम गाडरवाडा में जलाशय के लिए अधिग्रहण की जा रही जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर किसान आवाज उठा रहे हैं. इस दौरान एक किसान ने जमीन छीने जाने का आरोप लगाते हुए आत्मघाती कदम उठा लिया. जिससे उसकी स्थिति बिगड़ गई. इसके बाद परिजनों ने तुरंत उसे छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में भर्ती कराये, जहां उसकी इलाज जारी है.
परिवार के भरण पोषण की चिंता में उठाया ये कदम
पीड़ित किसान मुकेश यादव ने कहा कि "हमारे पास केवल डेढ़-दो एकड़ जमीन है. जिस पर खेती कर जैसे-तैसे अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं. लेकिन हमारी जमीन छीनी जा रही है और पर्याप्त मुआवजा भी नहीं मिल रहा है. जमीन चली जाएगी तो परिवार का भरण पोषण कैसे करेंगे. इससे चिंतित होकर ये कदम उठाया."
डूब क्षेत्र के किसानों का विरोध प्रदर्शन
जलाशय के लिए जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसान और उनके परिवारों का कहना है कि "मंगलवार को गाडरवाडा में सर्वे करने का कार्य हुआ. जहां अमरवाड़ा और हरई थाने की पुलिस, पटवारी, तहसीलदार समेत जल संसाधन विभाग की टीम भी पहुंची थी. उन्होंने पुलिस बल और डंडों के डर से अपने-अपने खेतों में चुपचाप बैठे रहे और सर्वे का विरोध किया."
जल संसाधन विभाग की कार्यपालन यंत्री कुमकुम कौर पटेल ने बताया कि "मंगलवार को जल संसाधन विभाग की टीम सर्वे करने गई थी. उस दौरान मैं वहां नहीं थी. इस मामले को लेकर मुझे ज्यादा जानकारी पता नहीं है. मैं प्रकरण निकाल कर देखती हूं. शासन की जो भी प्रक्रिया है वह चल रही है."
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31 हजार हेक्टेयर भूमि का होगा अधिग्रहण
छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा में शक्कर परियोजना के अंतर्गत अमरवाड़ा में लगभग 92 गांव की 31 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होनी है. जिसमें गाडरवाडा, जुगावानी, सिमरिया और मुलतानी सहित अन्य गांव भी शामिल हैं. जिसमें लगभग 104 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई के लिए 90 एकड़ किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया जाना है. इसको लेकर किसानों ने भी जमीन और मुआवजा की मांग को लेकर आवाज उठाई है.