छिन्दवाड़ा. कांग्रेस में मची भगदड़ और बीजेपी ज्वॉइन कर रहे कांग्रेस नेताओं को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता की तीखी टिप्पणी सामने आई है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने दल बदल कानून लागू कर इसे अपराध माना था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी अब एक प्रकोष्ठ बनाकर उस कानून का मजाक बना रही है. भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि जिस तरीके से कांग्रेस के लोग बीजेपी में जा रहे हैं बीजेपी को अब वेयर हाउस की जरूरत पड़ेगी।
अटल जी ने बनाया था कानून, बीजेपी उड़ा रही मजाक : गुप्ता
छिंदवाड़ा के कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा, ' अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने दल बदल कानून लाकर दल बदल को अपराध माना था लेकिन अब मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी ने दल बदल करने के लिए एक प्रकोष्ठ का गठन कर लिया है. इससे ज्यादा मजाक क्या होगा? बाकायदा उस कानून का मजाक उड़ाया जा रहा है और अपने नीति और नीयत की बात बीजेपी करती है.'
कांग्रेसियों को रखने के लिए वेयरहाउस की जरूरत
भूपेंद्र गुप्ता ने कहा, ' जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं को डरा धमका कर या फिर लालच देखकर अपनी पार्टी में शामिल कर रही है. अब कोई कांग्रेस की टोली नहीं बची है, बल्कि कांग्रेस के बड़े-बड़े टोला हो गए हैं. अब समय आ रहा है कि भारतीय जनता पार्टी में कांग्रेस से जाने वाले नेताओं को रखने के लिए कार्यालय नहीं बल्कि वेयरहाउस की जरूरत होगी. छिंदवाड़ा आज फिर से पूरे देश की नजरों में छाया हुआ है भारतीय जनता पार्टी के सारे नेता इस एक सीट पर अपनी जान लड़ाए हुए हैं. सेवा के लिए नहीं सत्ता के लिए.'
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छिंदवाड़ा कमलनाथ की तपस्या की सीट है : मसानी
कांग्रेस के नेता और पूर्व उपाध्यक्ष संजय मसानी ने कहा, ' कमलनाथ के विकास का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कमलनाथ के विकास को देखकर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी कमलनाथ को अपना.गुरु कहते हैं. कमलनाथ के काम ने उन्हें भाजपा के नेताओं का भी गुरु बनाया. यही बात प्रफुल्ल पटेल भी सार्वजनिक रूप से कहते हैं. छिंदवाड़ा का अपना एक पालक है, उसका अपना नाथ है. छिंदवाड़ा अनाथ नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी के फोकट नेता इसे गोद लेने की चर्चा करने लगें. छिंदवाड़ा को किसी की गोद नहीं चाहिए. छिंदवाड़ा को कमलनाथ जैसी तपस्या और एक निष्ठा चाहिए.'