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छतरपुर में मछलियों के लिए दांव पर मासूम, जरा सी चूक और कई जिंदगियां समा जाएंगी मौत मुंह में - Chhatarpur Life Trouble for Fishing - CHHATARPUR LIFE TROUBLE FOR FISHING

मध्य प्रदेश में बारिश अपना रौद्र रूप दिखा रही है. ऐसे में छतरपुर से आई इन तस्वीरों को देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. बीच नदी में मछलियों का शिकार उस पर मासूम भी साथ में. यदि अचानक पानी बढ़ा तो मौत के मुंह में कई जिंदगियां समा जाएंगी.

CHHATARPUR LIFE TROUBLE FOR FISHING
मछलियों के लिए जान की बाजी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 31, 2024, 2:10 PM IST

छतरपुर: मछलियों का शिकार करते ये लोग उस खतरे से बेखौफ हैं जब नदी में अचानक पानी बढ़ता है. भले ही बड़ी चट्टान पर बैठे हों लेकिन उस वक्त का अंदाज लगाइए जब बांध से पानी छोड़ा जाता है और नदी में चारों ओर से पानी आता है तो बाढ़ के हालात होते हैं. तस्वीरें छतरपुर की धसान नदी की हैं जहां जान की बाजी लगाकर मछलियों का शिकार किया जा रहा है और तो और इन मछलीमारों के साथ मासूम भी नजर आ रहे हैं.

धसान नदी में मछलियों का शिकार करते लोग (ETV Bharat)

मछलियों के लिए जान की बाजी

आमतौर पर बारिश में नदी में जमकर मछलियां रहती हैं और मछुआरों के साथ आसपास के लोग नदी-नालों में मछलियों का जमकर शिकार करते हैं. ऐसे में मछली पकड़ने के लिए लोग नदी के किनारे पहुंच जाते हैं और अपने जीवन को खतरे में डालते हैं. ऐसे में कई मासूम भी इन लोगों के साथ जाते हैं.

धसान नदी में बाढ़ जैसे हालात

धसान नदी में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. बान सुजारा बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है और नदी में पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. इन हालात के बावजूद मछली का शिकार करने वालों की कमी नहीं है. पचेर घाट पर अपनी जान की परवाह किए बिना मछुआरे बीच नदी में जाकर मछलियों को पकड़ रहे हैं, इतना ही नहीं इसमें कई मासूम बच्चे भी शामिल हैं.

बीच नदी में चट्टान पर बैठकर मछली का शिकार

धसान नदी में तेज बहाव के बीचों बीच चट्टानों पर बैठकर स्थानीय लोग अपने छोटे-छोटे बच्चों सहित मछलियां पकड़ रहे हैं. नदी में जलस्तर बढ़ने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है और कई जिंदगियां खतरे में पड़ सकती हैं. कुछ दिनों पहले ही बान सुजारा बांध के दो गेट खोले गए थे जिस वजह धसान नदी में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. नदी में तेज बहाव है लेकिन इसके बाद भी स्थानीय मछुआरे जान का जोखिम उठाकर मछलियों को पकड़ रहे हैं.

ये भी पढ़ें:

जान से खिलवाड़! चंद रुपयों की मछली के लिए बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक लगा रहे जान की बाजी

बेखबर है जिला प्रशासन

इस मामले में जिला प्रशासन भी लगता है बेखबर बना हुआ है. अभी तक इस ओर किसी भी तरह का ध्यान नहीं दिया गया है. इसे लेकर ना तो मुनादी की गई है और ना ही ऐलान किया गया है. हालांकि जिले में आपदा प्रबंधन को लेकर दो दिन पहले एक बड़ी मीटिंग की गई जिसमे जिले के तमाम अधिकारी मौजूद थे. ईटीवी भारत ने भी अधिकारियों से इस मुद्दे पर उनका पक्ष जानना चाहा लेकिन अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं.

छतरपुर: मछलियों का शिकार करते ये लोग उस खतरे से बेखौफ हैं जब नदी में अचानक पानी बढ़ता है. भले ही बड़ी चट्टान पर बैठे हों लेकिन उस वक्त का अंदाज लगाइए जब बांध से पानी छोड़ा जाता है और नदी में चारों ओर से पानी आता है तो बाढ़ के हालात होते हैं. तस्वीरें छतरपुर की धसान नदी की हैं जहां जान की बाजी लगाकर मछलियों का शिकार किया जा रहा है और तो और इन मछलीमारों के साथ मासूम भी नजर आ रहे हैं.

धसान नदी में मछलियों का शिकार करते लोग (ETV Bharat)

मछलियों के लिए जान की बाजी

आमतौर पर बारिश में नदी में जमकर मछलियां रहती हैं और मछुआरों के साथ आसपास के लोग नदी-नालों में मछलियों का जमकर शिकार करते हैं. ऐसे में मछली पकड़ने के लिए लोग नदी के किनारे पहुंच जाते हैं और अपने जीवन को खतरे में डालते हैं. ऐसे में कई मासूम भी इन लोगों के साथ जाते हैं.

धसान नदी में बाढ़ जैसे हालात

धसान नदी में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. बान सुजारा बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है और नदी में पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. इन हालात के बावजूद मछली का शिकार करने वालों की कमी नहीं है. पचेर घाट पर अपनी जान की परवाह किए बिना मछुआरे बीच नदी में जाकर मछलियों को पकड़ रहे हैं, इतना ही नहीं इसमें कई मासूम बच्चे भी शामिल हैं.

बीच नदी में चट्टान पर बैठकर मछली का शिकार

धसान नदी में तेज बहाव के बीचों बीच चट्टानों पर बैठकर स्थानीय लोग अपने छोटे-छोटे बच्चों सहित मछलियां पकड़ रहे हैं. नदी में जलस्तर बढ़ने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है और कई जिंदगियां खतरे में पड़ सकती हैं. कुछ दिनों पहले ही बान सुजारा बांध के दो गेट खोले गए थे जिस वजह धसान नदी में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. नदी में तेज बहाव है लेकिन इसके बाद भी स्थानीय मछुआरे जान का जोखिम उठाकर मछलियों को पकड़ रहे हैं.

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बेखबर है जिला प्रशासन

इस मामले में जिला प्रशासन भी लगता है बेखबर बना हुआ है. अभी तक इस ओर किसी भी तरह का ध्यान नहीं दिया गया है. इसे लेकर ना तो मुनादी की गई है और ना ही ऐलान किया गया है. हालांकि जिले में आपदा प्रबंधन को लेकर दो दिन पहले एक बड़ी मीटिंग की गई जिसमे जिले के तमाम अधिकारी मौजूद थे. ईटीवी भारत ने भी अधिकारियों से इस मुद्दे पर उनका पक्ष जानना चाहा लेकिन अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं.

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