जोधपुर : बेंगलुरु का अतुल सुभाष आत्महत्या मामला पूरे देश में चर्चा में है. एक ऐसा ही मामला जोधपुर में ओसियां क्षेत्र के बिगमी गांव में मंगलवार को सामने आया, जिसमें एक ही परिवार के तीन लोगों की सामूहिक आत्महत्या ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया. भंवरीदेवी राजपुरोहित और उनके दो बेटे नवरतन राजपुरोहित और प्रदीप राजपुरोहित ने अपनी जान ले ली. पुलिस के अनुसार घटना के बाद सामने आए एक नोट और अन्य जानकारियों में ससुराल पक्ष द्वारा झूठे आरोप लगाकर प्रताड़ना और धन की मांग को इस आत्महत्या का कारण बताया गया है.
परिवार ने दर्ज कराया मामला : ओसियां डीएसपी जब्बरसिंह ने बताया कि मृतकों के परिजन जगदीश सिंह ने ओसियां थाने में नामजद मामला दर्ज कराया है. इसमें नवरतन की पत्नी नीतू कंवर, उसके पिता लालसिंह और अन्य लोगों को इस घटना के लिए दोषी ठहराया गया है. आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. परिजनों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अभी तक सहमति नहीं बन पाई है. घटना के 24 घंटे बाद भी परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, जिसके चलते शवों का अंतिम संस्कार नहीं किया गया है. परिजन और अन्य लोग अस्पताल की मोर्चरी के बाहर जमा हैं.
मांगों को लेकर उपखंड अधिकारी को सौंपा ज्ञापन : इस मामले को लेकर अभी तक पुलिस प्रशासन की समझाइश से कोई हल नहीं निकला है. परिजनों और समाज के लोगों ने उपखंड अधिकारी को एक मांग पत्र सौंपा है, जिसमें दी गई मांगों के पूरा नहीं होने तक शवों का अंतिम संस्कार नहीं करने की बात कही गई है.
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व्हाट्सएप मैसेज और नोट में खुलासा : मौत से पहले नवरतन ने कई लोगों को व्हाट्सएप मैसेज भेजकर न्याय की गुहार लगाई. दोनों भाइयों ने गांव के एक ज्वेलर दोस्त को एक डिब्बी सौंपी थी, जिसमें एक नोट मिला है. इस नोट में उन्होंने अपनी मौत के लिए नवरतन की पत्नी और उसके पिता और अन्य पर प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं.
चार माह पहले हुई थी शादी : ओसियां डीएसपी जब्बरसिंह ने बताया कि नवरतन की शादी चार महीने पहले मंडला निवासी नीतू कंवर से हुई थी. पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि शादी के बाद से ही सास और बहू के बीच विवाद शुरू हो गया था. परिवार के अनुसार, नवरतन की पत्नी की प्रताड़ना से पूरा परिवार परेशान था. नोट में भाइयों ने अपने पास मौजूद संपत्ति को गौचर (पशुओं की चरागाह) में देने की इच्छा जताई हैं. साथ ही सोने और अन्य संपत्तियों का विवरण देकर अपने मामा को धन सौंपने की बात कही.
बेंगलुरु जैसी घटना : इस घटना ने बेंगलुरु के सुभाष आत्महत्या मामले की याद दिला दी, जहां एक व्यक्ति ने ससुराल पक्ष की प्रताड़ना के चलते आत्महत्या की थी. दोनों घटनाओं में ससुराल पक्ष की भूमिका और मानसिक उत्पीड़न का दर्दनाक परिणाम देखने को मिला है. सुभाष ने भी आत्महत्या से पहले एक नोट में अपने परिजनों को न्याय दिलाने की अपील की थी.