रतलाम: सोया स्टेट मध्य प्रदेश में सोयाबीन के दाम एमएसपी रेट के आसपास बने हुए हैं. दीपावली के त्योहार के बाद सोयाबीन के दाम में सुधार भी हुआ है. वहीं किसान सरकार द्वारा एमएसपी पर सोयाबीन खरीदे जाने की योजना में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. जिसका प्रमुख कारण आने वाले समय में किसानों को सोयाबीन के दाम एमएसपी से अधिक मिलने की उम्मीद है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन के उत्पादन, सोया तेल और डीओसी की डिमांड को लेकर मिल रहे समाचारों से सोयाबीन उत्पादक किसानों और व्यापारियों को सोयाबीन के दाम 55 सौ रुपये से 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल के बीच मिलने की उम्मीद है.
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सरकार ने 4892 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी पर सोयाबीन खरीदे जाने को मंजूरी दी है
दरअसल मध्य प्रदेश में सोयाबीन की एमएसपी 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल किए जाने की मांग ने खासा जोर पकड़ा था. सोशल मीडिया और ग्रामीण क्षेत्रों में इसके लिए आंदोलन ने भी शुरू हुआ था. जिसके बाद प्रदेश सरकार ने 4892 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी पर सोयाबीन खरीदे जाने को मंजूरी दी थी. हालांकि किसानों ने इस दाम पर सोयाबीन सोयाबीन बेचने में रुचि नहीं दिखाई है. हालांकि अब सोयाबीन के दाम में 43 सौ प्रति क्विंटल से 49 सौ रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच रहे हैं. सोयाबीन मंडी के जानकारों की माने तो आने वाले दिनों सोयाबीन के दाम 55 सौ रुपये से 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल के बीच तक रह सकते हैं.
इन वजहों से बढ़ सकता है सोयाबीन का दाम
सोयाबीन कारोबारी नरेंद्र जैन एवं सोया मिल के खरीदी करने वाले ब्रोकर अनुराग अग्रवाल के अनुसार "जनवरी 2025 तक सोयाबीन के दाम 55 सौ रुपये प्रति क्विंटल से 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचने की संभावना बनी हुई है. वर्तमान में मालवा मंडियों में बीज क्वालिटी के सोयाबीन की खरीदी 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक भी हुई है. मुहूर्त के सौदे में सोयाबीन 71 सौ रुपये प्रति क्विंटल तक भी बिका है."
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन का उत्पादन हुआ है प्रभावित
सोयाबीन व्यापारियों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन का उत्पादन प्रभावित हुआ है. खासकर ब्राज़ील में बाढ़ की वजह से सोयाबीन का उत्पादन और गुणवत्ता पर असर पड़ा है. अमेरिका में सोयाबीन तेल की डिमांड बढ़ने, सोया प्रोडक्ट और डीओसी की मांग की वजह से भारत में सोयाबीन का दाम बढ़ने की उम्मीद है. एमएसपी पर सोयाबीन नहीं बेच रहे किसानों को पूरी उम्मीद है कि सोयाबीन के दाम 2025 की शुरुआत में उच्चतम स्तर पर होंगे. जिसकी वजह से वे मंडी में अपनी फसल नहीं ले जा रहे हैं.