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बुधनी की पिच पर कार्तिकेय की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी, क्या निगाहें अगले चुनाव पर हैं

शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान के लिए बुधनी विधानसभा उपचुनाव प्रतिष्ठा का सवाल क्यों बना, क्या है आगे की रणनीति.

Kartikeya Chouhan Budhi
शिवराज सिंह चौहान के बेटे का अंदाज लोगों को लुभा रहा है (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

भोपाल। बुधनी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार भले ही रमाकांत भार्गव हों, लेकिन ये चुनाव बुधनी में भविष्य देख रहे कार्तिकेय सिंह चौहान का लिटमस टेस्ट भी है. असल में ये 20 साल बाद पहला चुनाव होगा कि जिसमें शिवराज सिंह चौहान का चेहरा उम्मीदवार के तौर पर नहीं है. वहीं, बीजेपी प्रत्याशी के प्रचार की कमान कार्तिकेय ने संभाली हुई है. जिस तरह से शुरुआती प्रचार में कार्तिकेय के बयान आए. क्या बुधनी का उपचुनाव कार्तिकेय की नेट प्रैक्टिस का मैदान बन चुका है.

बुधनी में कार्तिकेय का चुनाव प्रचार जोरों पर

बुधनी विधानसभा सीट के उपचुनाव में कार्तिकेय सिंह चौहान केवल एक कार्यकर्ता के रूप में ही हैं. वह खुद को जनता के सामने प्रोजेक्ट भी इसी रूप में करते हैं. लेकिन अपने पिता शिवराज सिंह चौहान की राजनीतिक विरासत को संभालने की तैयारी कर रहे कार्तिकेय के लिए बुधनी वह मैदान है, जहां पर नेट प्रैक्टिस के साथ वह सियासत के फाइनल मैच का अभ्यास कर रहे हैं. बुधनी में बीजेपी उम्मीदवार के ऐलान से लेकर अब तक कार्तिकेय के बयानों पर गौर कीजिए तो अंदाजा लगेगा कि कैसे उम्मीदवार भले रामांकात भार्गव हों लेकिन पूरा चुनाव कार्तिकेय के बयानों पर दौड़ रहा है.

शिवराज के बेटे कार्तिकेय चुनाव प्रचार में (ETV BHARAT)
Kartikeya Chouhan Budhni
आम लोगों से आशीर्वाद लेते कार्तिकेय सिंह चौहान (ETV BHARAT)

खुद को साबित करने में जुटे कार्तिकेय सिंह चौहान

वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर शिवराज सिंह की सियासत को लंबे समय से देखते आए हैं और अब कार्तिकेय की राजनीति को परख रहे हैं. वे कहते हैं "इसमें दो राय नहीं कि कार्तिकेय राजनीतिक परिवार से आने के बावजूद उस अंदाज में एंट्री नहीं ले रहे जैसे आमतौर पर नेतापुत्रों के साथ होता है. उनकी स्काईलैब लैंडिग नहीं है. शिवराज सिंंह चौहान के चुनाव में खड़े होने तक उनका प्रचार करना और बुधनी में कमान संभालना बेटे होने की वजह से नैतिक जवाबदारी थी. लेकिन अब जिस तरह से कार्तिकेय ने रमाकांत भार्गव का प्रचार संभाला है. इस चुनाव के जरिए वे खुद को साबित कर रहे हैं."

Kartikeya Chouhan Budhni
खुद को साबित करने में जुटे कार्तिकेय सिंह चौहान (ETV BHARAT)
Kartikeya Chouhan Budhni
बुधनी में कार्यकर्ताओं से मिलते कार्तिकेय (ETV BHARAT)

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बुधनी उपचुनाव प्रचार के दौरान कार्तिकेय के चर्चित बयान

बुधनी उपचुनाव के दौरान कार्तिकेय सिंह चौहान के जो बयान चर्चा में आए, उनमें एक बयान पर तो पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने उन्हें जवाब भी दिया. कार्तिकेय ने बुधनी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा "अगर गलती से भी कांग्रेस का उम्मीदवार जीत गया जिसकी संभावना ना के बराबर है तो तय मानिए कि फिर यहां ईंट भी नहीं लगेगी. उनके कहने का मतलब था कि बुधनी में विकास तभी होगा, जब यहां से बीजेपी का उम्मीदवार जीते." इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा था "कार्तिकेय सिंह चौहान धमकाने की राजनीति कर रहे हैं." इसी तरह से अपना टिकट कट जाने पर भी कार्तिकेय ने बहुत साफगोई से कह दिया था "उनका नाम दावेदारों की सूची में था, उनके लिए ये ही बहुत है. उनके पिता के कृषि मंत्री के पद पर रहते उनको टिकट मिलना ठीक नहीं था. वैसे भी बुधनी के लोगों तक पहुंचने के लिए उन्हें किसी तरह के टिकट की आवश्यकता नहीं है."

भोपाल। बुधनी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार भले ही रमाकांत भार्गव हों, लेकिन ये चुनाव बुधनी में भविष्य देख रहे कार्तिकेय सिंह चौहान का लिटमस टेस्ट भी है. असल में ये 20 साल बाद पहला चुनाव होगा कि जिसमें शिवराज सिंह चौहान का चेहरा उम्मीदवार के तौर पर नहीं है. वहीं, बीजेपी प्रत्याशी के प्रचार की कमान कार्तिकेय ने संभाली हुई है. जिस तरह से शुरुआती प्रचार में कार्तिकेय के बयान आए. क्या बुधनी का उपचुनाव कार्तिकेय की नेट प्रैक्टिस का मैदान बन चुका है.

बुधनी में कार्तिकेय का चुनाव प्रचार जोरों पर

बुधनी विधानसभा सीट के उपचुनाव में कार्तिकेय सिंह चौहान केवल एक कार्यकर्ता के रूप में ही हैं. वह खुद को जनता के सामने प्रोजेक्ट भी इसी रूप में करते हैं. लेकिन अपने पिता शिवराज सिंह चौहान की राजनीतिक विरासत को संभालने की तैयारी कर रहे कार्तिकेय के लिए बुधनी वह मैदान है, जहां पर नेट प्रैक्टिस के साथ वह सियासत के फाइनल मैच का अभ्यास कर रहे हैं. बुधनी में बीजेपी उम्मीदवार के ऐलान से लेकर अब तक कार्तिकेय के बयानों पर गौर कीजिए तो अंदाजा लगेगा कि कैसे उम्मीदवार भले रामांकात भार्गव हों लेकिन पूरा चुनाव कार्तिकेय के बयानों पर दौड़ रहा है.

शिवराज के बेटे कार्तिकेय चुनाव प्रचार में (ETV BHARAT)
Kartikeya Chouhan Budhni
आम लोगों से आशीर्वाद लेते कार्तिकेय सिंह चौहान (ETV BHARAT)

खुद को साबित करने में जुटे कार्तिकेय सिंह चौहान

वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर शिवराज सिंह की सियासत को लंबे समय से देखते आए हैं और अब कार्तिकेय की राजनीति को परख रहे हैं. वे कहते हैं "इसमें दो राय नहीं कि कार्तिकेय राजनीतिक परिवार से आने के बावजूद उस अंदाज में एंट्री नहीं ले रहे जैसे आमतौर पर नेतापुत्रों के साथ होता है. उनकी स्काईलैब लैंडिग नहीं है. शिवराज सिंंह चौहान के चुनाव में खड़े होने तक उनका प्रचार करना और बुधनी में कमान संभालना बेटे होने की वजह से नैतिक जवाबदारी थी. लेकिन अब जिस तरह से कार्तिकेय ने रमाकांत भार्गव का प्रचार संभाला है. इस चुनाव के जरिए वे खुद को साबित कर रहे हैं."

Kartikeya Chouhan Budhni
खुद को साबित करने में जुटे कार्तिकेय सिंह चौहान (ETV BHARAT)
Kartikeya Chouhan Budhni
बुधनी में कार्यकर्ताओं से मिलते कार्तिकेय (ETV BHARAT)

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बुधनी उपचुनाव प्रचार के दौरान कार्तिकेय के चर्चित बयान

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