कोटा : जिले के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए शहर के बालिता इलाके में रहने वाले बृजेश कुमार सेन ने एक अनोखा अभियान चलाया है. बृजेश कुमार सेन सरकारी स्कूल के बच्चों की नि:शुल्क हेयर कटिंग रहे हैं. सेन अब तक करीब 8 से 10 सरकारी स्कूलों के बच्चों की फ्री हेयर कटिंग कर चुके हैं. अभियान के तहत करीब 500 से ज्यादा बच्चों की कटिंग की जा चुकी है. सेन अकेले इस अभियान में शामिल नहीं हैं, उनके साथ सैलून पर काम करने वाले 6 लोगों का स्टाफ और उनकी पत्नी भी इसमें जुटी हुई हैं. उन्होंने इसी महीने 11 जुलाई से ये अभियान शुरू किया था. इसके बाद सप्ताह में चार दिन उन्होंने स्कूलों में कैंप लगाना शुरू कर दिया. सेन की टीम एक दिन में 70 से 80 बच्चों की हेयर कटिंग करती है. स्कूल टाइम में ही बच्चों के बाल काटे जाते हैं. बृजेश कुमार सेन के इस अभियान की शिक्षकों ने काफी सराहना की है.
सभी बच्चों की एक ही हेयर स्टाइल : रामनगर बंजारा बस्ती नांता स्कूल के टीचर संजय चंदेल का कहना है कि कई स्टूडेंट्स हेयर कटिंग समय से नहीं करवाते थे. इसके अलावा बच्चे अलग-अलग स्टाइल की हेयर कटिंग करवाकर स्कूल आते थे. बृजेश कुमार सेन ने स्कूल में आकर इस संबंध में प्रिंसिपल से बात की. उनकी अनुमति के बाद ही सेन ने स्कूल में कैंप लगाकर बच्चों के बाल काटे. बृजेश कुमार का कहना है कि बच्चा साफ-सुथरा रहेगा, तो बीमार भी कम होगा और पढ़ाई में भी उसका मन लगेगा. उन्होंने कहा कि हम हेयर कट करने के साथ बच्चों को साफ-सुथरे कपड़े पहनने और सफाई से रहने के लिए प्रेरित करते हैं.
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ड्रॉप आउट हो जाते हैं बच्चे : बृजेश कुमार का कहना है कई बार स्कूल में टीचर्स भी बच्चों को साफ-सुथरा और कटिंग करवा कर आने के लिए कहते हैं, लेकिन कई बार बच्चा हेयर कट नहीं करवा पाता. ऐसे में वह कुछ दिन तक स्कूल ही नहीं आता है. हमारे अभियान से इन बच्चों को भी सॉल्यूशन मिला है. उन्होंने बताया कि ये अभियान कोटा के सभी सरकारी स्कूलों में पहुंचाने का उनका लक्ष्य है. सेन के साथ कटिंग करने के अभियान में दुर्गेश सेन, शुभम, राज, लखन, राम व प्रमोद सेन शामिल हैं, जबकि उनकी पत्नी ममता सेन कैंप के आयोजन की पूरी योजना तैयार करती हैं. स्कूल में टीचर से बात करने भी दोनों साथ जाते हैं.
मजदूर माता-पिता नहीं करवा पाते समय पर कटिंग : बृजेश कुमार सेन का कहना है कि सरकारी स्कूल में अधिकांश मजदूरों या गरीब परिवार के बच्चे पढ़ रहे हैं. इनके माता-पिता सुबह जल्दी मजदूरी के लिए निकल जाते हैं. उन्हें किसी तरह की कोई छुट्टी भी नहीं मिलती. इसलिए बच्चों की हेयर कटिंग समय पर नहीं हो पाती है. बृजेश कुमार सेन का कहना है कि उनका अगला लक्ष्य रोडसाइड रहने वाले मानसिक विमंदित और असहाय लोगों की कटिंग करने का है. इसके अलावा वह अनाथालय और वृद्धाश्रम भी जाएंगे और वहां पर रहने वाले निराश्रित लोगों की वो फ्री में हेयर कटिंग करके सेवा करेंगे.
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विदेश में की थी नौकरी, वापस आकर सैलून चलाया : बृजेश का कहना है कि नौकरी के सिलसिले में वो यूएई चले गए थे और वहां पर ह्यूमन रिसोर्स का काम करते थे. पिता की मौत के बाद उन्हें वापस कोटा लौटना पड़ा. इसके बाद उन्होंने कोटा में ही सैलून खोल लिया. उन्होंने बताया कि दुबई में भी कई लोग सेवा कार्य करते हैं, जिनसे प्रेरित होकर वो भी सेवा कार्य करना चाहते थे. तभी उनके दोस्त ने सरकारी स्कूल के बच्चों के कटिंग करने का सुझाव दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार करते हुए फ्री हेयर कटिंग अभियान छेड़ दिया.
छात्राओं के लिए भी लगाएंगे स्टाफ : बृजेश कुमार सेन का कहना है कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली छात्राएं भी उनसे आग्रह करती हैं कि उनकी भी हेयर कटिंग और ट्रिमिंग करें, लेकिन वर्तमान में महिला स्टाफ उनके पास नहीं है. इन छात्राओं की कटिंग करने के लिए महिला स्टाफ की तलाश उन्होंने शुरू कर दी है. स्टाफ मिलने के बाद छात्राओं के लिए भी कटिंग शुरू कर दी जाएगी.