पटना : बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा को लेकर प्रदर्शन करते हुए दर्जनों अभ्यर्थी आज अचानक बीजेपी कार्यालय पहुंच गए. कार्यालय के अंदर पोर्टिको में बैठकर अभ्यर्थियों ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके कारण कार्यालय में मौजूद बीजेपी कार्यकर्ता और नेता चौंक गए. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पार्टी नेताओं ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पटना पुलिस ने बड़ी संख्या में फोर्स भेजकर प्रदर्शनकारियों को कार्यालय के बाहर निकाल दिया. इसके बाद भी अभ्यर्थी कार्यालय के बाहर बैठकर अपना प्रदर्शन जारी रखते हुए अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते रहे.
अभ्यर्थियों की मुख्य मांग : अभ्यर्थियों का कहना था कि वे ''पहले से ही बीपीएससी परीक्षा के परिणामों में गड़बड़ी की शिकायत कर रहे थे. आज वे बीजेपी नेताओं से मिलकर अपनी समस्याओं का समाधान चाह रहे थे, लेकिन उन्हें पार्टी कार्यालय में दिलीप जायसवाल या किसी अन्य नेता से मुलाकात का अवसर नहीं मिला. उन्होंने आरोप लगाया कि न तो कोई ज्ञापन लिया गया और न ही उनकी समस्याओं पर ध्यान दिया गया. प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे लगातार प्रदर्शन करते रहेंगे.''
बीजेपी से उम्मीद और पुलिस का हस्तक्षेप : अभ्यर्थियों का कहना था कि चूंकि भारतीय जनता पार्टी सरकार में है, इसलिए वे उनसे मिलकर अपनी समस्याओं का समाधान चाहते थे. वे उम्मीद कर रहे थे कि पार्टी के बड़े नेता उनकी बात सुनेंगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें कार्यालय से बाहर कर दिया. प्रदर्शनकारी यह भी कहते हैं कि अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया, तो वे पूरे बिहार में प्रदर्शन करेंगे.
बीपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत : अभ्यर्थियों ने बीपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत की है और मांग की है कि परीक्षा की प्रक्रिया में सुधार किया जाए. वे सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी समस्याओं का समाधान शीघ्र किया जाएगा. अगर उनकी आवाज़ को अनसुना किया गया, तो वे आने वाले समय में और अधिक बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना सकते हैं.
क्या है मामला : बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा का परिणाम आने में कुछ दिन बाकी हैं, लेकिन बीपीएससी के अभ्यर्थी लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू कार्यालय के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया था. अब बीजेपी कार्यालय में प्रदर्शन करने से यह साफ हो गया है कि अभ्यर्थी अपने हक के लिए पूरी तरह से सक्रिय हैं और किसी भी पार्टी से अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं.
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