लखनऊ : उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी की तरह PDA का बड़ा दांव चला है. समाजवादी पार्टी PDA को पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक कहती है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने इसका अर्थ पिछला, दलित और अगड़ा निकाला है. भारतीय जनता पार्टी ने कुल 51 टिकट में सामान्य वर्ग यानी आगड़ों को 19, पिछड़ों को 20 और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दलितों को 12 टिकट दिए हैं. इस तरह से भारतीय जनता पार्टी का पीडीए फार्मूला पूरा होता है. अब देखने वाली बात यह होगी कि समाजवादी पार्टी भारतीय जनता पार्टी कैसे फार्मूले का जवाब चुनाव में कैसे देगी.
यूपी- BJP के घोषित 51 प्रत्याशियों के जातीय समीकरण कुछ इस तरह से किया गया है. सामान्य वर्ग को कुल 19 सीट दी गई हैं. इनमें ब्राह्मण- 10, ठाकुर 7, बनिया 1 और अन्य- 1 सीट पा सके हैं. OBC को कुल 20 सीट पर टिकट दिया गया है. इनमें कुर्मी-4, निषाद/कश्यप-3, लोधी-4, कुशवाहा/सैनी-2, जाट-3, गुर्जर-2, यादव-1, अन्य-1 सीट पा सके हैं. इसके बाद में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार हैं जिनका कुल 12 सीटों से नवाजा गया है.
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी को समाजवादी पार्टी के पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक फार्मूले का जवाब देना था. भारतीय जनता पार्टी यह मानकर चलती है कि मुसलमानों का वोट उसे न के बराबर मिलता है. ऐसे में किसी भी लोकसभा पर अगर वह मुस्लिम उम्मीदवार उतार देगी तो हिंदू भी नाराज होंगे और मुसलमान वोट नहीं देंगे. ऐसी सीट बीजेपी गंवा देगी.
इसलिए भाजपा ने अपने PDA फॉर्मूले को थोड़ा बदलकर पिछड़ा, दलित और अगड़ा कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी के टिकट वितरण के फार्मूले में इसकी झलक साफ देखी जा रही है. माना जा रहा है कि सीटों पर जातियों के प्रभाव को पूरी तरह से परखते हुए. विस्तारकों, जिला प्रभारी लोकसभा प्रभारियों की रिपोर्ट के आधार पर टिकट वितरण किया गया है.
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