जयपुर : प्रदेश की भजनलाल सरकार 19 फरवरी को अपना दूसरा पूर्ण बजट पेश करेगी. सत्ता पक्ष जहां बजट पेश करने की तैयारी में है, वहीं विपक्ष फोन टैपिंग के मुद्दे को लेकर सरकार से जवाब की मांग करेगा. ऐसी स्थिति में सदन में फिर हंगामा होने के आसार हैं. हालांकि, यह माना जा रहा है कि सदन में गतिरोध खत्म करने करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष इस मुद्दे पर व्यवस्था देंगे और अगले दिन यानी 20 फरवरी को शून्यकाल में पक्ष-विपक्ष इस पर चर्चा कर सकता है. इन सबके बीच बजट पेश करते वक्त विपक्ष को किस तरह से काउंटर किया जाए और क्या सत्ता पक्ष की रणनीति रहे, इसको लेकर सीएम भजनलाल शर्मा न भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई है. सीएम भजनलाल की अध्यक्षता में शाम 7 बजे मुख्यमंत्री निवास पर होने वाली इस बैठक में सदन में विपक्ष के आरोपों और सवालों के जवाब को लेकर रणनीति बनेगी.
विधायक दल की बैठक : दरअसल, कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के फोन टैपिंग को लेकर दिए गए बयान के बाद पिछले दिनों विधानसभा में हंगामा बरपा और विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण पर भी जवाब नहीं दिया. ऐसी स्थिति में यह माना जा रहा है कि जिस हंगामा के साथ सदन की कार्यवाही 19 फरवरी तक की स्थिति हुई थी, जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू होगी विपक्ष सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश करेगा.
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विधायकों को आवश्यक दिशा निर्देश देंगे : विपक्ष की ओर से सरकार को बजट पेश करने से रोकने की होगी, जब तक कि विधानसभा अध्यक्ष कुछ व्यवस्था नहीं दे देते. विधायक दल की बैठक में सीएम भजन लाल शर्मा बजट पेश होने और बजट के बाद होने वाली चर्चा को लेकर भाजपा विधायकों को आवश्यक दिशा निर्देश देंगे. बजट की जाने वाली घोषणाओं को किस तरह से सदन और सदन के बाहर प्रेजेंट किया जाए, इसको लेकर भी विधायक दल की बैठक में चर्चा होगी.
सर्वदलीय बैठक के जरिए किया गतिरोध खत्म : बता दें कि फोन टैपिंग को लेकर विधानसभा में चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर इस गतिरोध को खत्म करने की कोशिश की. बैठक के बाद यह कहा गया कि फोन टैपिंग के मुद्दे पर विपक्ष सरकार से जो जवाब सदन में मांग रहा है, वह सदन की कार्रवाई शुरू होने के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष व्यवस्था दे देंगे. 19 फरवरी जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू होगी विपक्ष की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष 20 फरवरी को शून्यकाल के दौरान फोन टैपिंग के मुद्दे पर चर्चा के लिए व्यवस्था दे देंगे. जैसे ही अध्यक्ष की ओर से सरकार के जवाब को लेकर व्यवस्था दी जाएगी उसके बाद विपक्ष शांतिपूर्ण तरीके से बजट को सुनेंगे.