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'बजट सत्र में गृह विभाग के प्रश्न के लिए मात्र दो दिन का आवंटन चिंताजनक' : विजय सिन्हा

बिहार में 6 फरवरी को बजट पेश किया जाएगा. हालांकि इस सत्र को लेकर बीजेपी ने नीतीश सरकार पर सदस्यों के प्रश्न उठाने के अवसर को छीनने का आरोप लगाया है. साथ ही उनकी ओर से कहा गया है कि बिहार सरकार ने बजट पर चर्चा के लिए समय में भारी कटौती की है.

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा
नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 20, 2024, 7:56 PM IST

पटना : बजट सत्र में गृह विभाग के प्रश्न के लिए मात्र दो दिन का समय मिलने पर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने चिंता जताई. उन्होंने कहा कि बिहार में हत्या, लूट, डकैती, अपहरण और रेप की घटनाओं में भारी बढ़ोतरी की अनदेखी करके सरकार सदस्यों के प्रश्न उठाने के अवसर को छीन रही है.


लंबे सत्र में टूटी परंपरा : नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि राज्य में माफियाओं द्वारा नरसंहार, जहरीली शराब से मौत, भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों औऱ ध्वस्त कानून व्यवस्था पर सदन में गृह विभाग के माध्यम से ही सरकार का ध्यान आकृष्ट किया जा सकता है. लेकिन, प्रतीत होता है कि माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों के गठजोड़ ने विधानमंडल के कार्यक्रम को प्रभावित कर सदस्यों के लिए मुद्दों को उठाने में अवसरों की कमी करवा दिया.


''राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर वाद-विवाद एवं सरकार का उत्तर के लिए मात्र 1 दिन का समय दिनांक 06-02-2024 को दिया गया है. उस दिन ही 2:00 बजे अपराह्न से वित्त मंत्री द्वारा वर्ष 2024 -25 का बजट पेश होगा. बजट भाषण में भी 1 घंटा का समय लगेगा. तब धन्यवाद प्रस्ताव को लिया जाएगा।. पूर्व में धन्यवाद प्रस्ताव पर विचार-विमर्श और सरकार के उत्तर के लिए दो दिन होते थे. पर इसबार मुश्किल से 2-3 घंटे का समय दिया गया.''- विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष


बजट पर चर्चा में की सरकार ने कटौती : ये बजट सत्र फुल बजट सत्र है. परन्तु बजट पर सामान्य विमर्श में भी 1 दिन की कटौती कर ली गई है. 7 फरवरी 2024 को सेकेण्ड हाफ में विमर्श शुरू होगा और उसी दिन सरकार का उत्तर होगा. विजय सिन्हा ने कहा कि गैर सरकारी सदस्यों के कार्य के लिए फुल बजट सत्र में दो दिन दिए जाते थे. उसे इसबार एक दिन कर दिया गया. सामान्य सदस्यों के लिए क्षेत्र के जनहित मुद्दों को गैर सरकारी संकल्प के माध्यम से उठाने के अवसर में कटौती की गई.


''सरकार ने हड़बड़ी में बजट का कार्यक्रम तैयार किया है. यह फुल बजट की खानापूर्ति है. 6 फरवरी को बजट प्रस्तुत होगा. वित्तीय वर्ष के 10 माह शेष रहेंगे. इस परिस्थिति में चालू वित्तीय वर्ष के 10 माह का वास्तविक व्यय, उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं जमीन पर वास्तविक उपलब्धि से भी विधायिका को अवगत कराना सरकार के लिए चुनौती होगी. देश में रामराज्य का सूत्रपात हो चुका है. बिहार में भी अब जंगल राज को हटाकर सुशासन की पुनर्स्थापना जरुरी है.''- विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष

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पटना : बजट सत्र में गृह विभाग के प्रश्न के लिए मात्र दो दिन का समय मिलने पर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने चिंता जताई. उन्होंने कहा कि बिहार में हत्या, लूट, डकैती, अपहरण और रेप की घटनाओं में भारी बढ़ोतरी की अनदेखी करके सरकार सदस्यों के प्रश्न उठाने के अवसर को छीन रही है.


लंबे सत्र में टूटी परंपरा : नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि राज्य में माफियाओं द्वारा नरसंहार, जहरीली शराब से मौत, भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों औऱ ध्वस्त कानून व्यवस्था पर सदन में गृह विभाग के माध्यम से ही सरकार का ध्यान आकृष्ट किया जा सकता है. लेकिन, प्रतीत होता है कि माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों के गठजोड़ ने विधानमंडल के कार्यक्रम को प्रभावित कर सदस्यों के लिए मुद्दों को उठाने में अवसरों की कमी करवा दिया.


''राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर वाद-विवाद एवं सरकार का उत्तर के लिए मात्र 1 दिन का समय दिनांक 06-02-2024 को दिया गया है. उस दिन ही 2:00 बजे अपराह्न से वित्त मंत्री द्वारा वर्ष 2024 -25 का बजट पेश होगा. बजट भाषण में भी 1 घंटा का समय लगेगा. तब धन्यवाद प्रस्ताव को लिया जाएगा।. पूर्व में धन्यवाद प्रस्ताव पर विचार-विमर्श और सरकार के उत्तर के लिए दो दिन होते थे. पर इसबार मुश्किल से 2-3 घंटे का समय दिया गया.''- विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष


बजट पर चर्चा में की सरकार ने कटौती : ये बजट सत्र फुल बजट सत्र है. परन्तु बजट पर सामान्य विमर्श में भी 1 दिन की कटौती कर ली गई है. 7 फरवरी 2024 को सेकेण्ड हाफ में विमर्श शुरू होगा और उसी दिन सरकार का उत्तर होगा. विजय सिन्हा ने कहा कि गैर सरकारी सदस्यों के कार्य के लिए फुल बजट सत्र में दो दिन दिए जाते थे. उसे इसबार एक दिन कर दिया गया. सामान्य सदस्यों के लिए क्षेत्र के जनहित मुद्दों को गैर सरकारी संकल्प के माध्यम से उठाने के अवसर में कटौती की गई.


''सरकार ने हड़बड़ी में बजट का कार्यक्रम तैयार किया है. यह फुल बजट की खानापूर्ति है. 6 फरवरी को बजट प्रस्तुत होगा. वित्तीय वर्ष के 10 माह शेष रहेंगे. इस परिस्थिति में चालू वित्तीय वर्ष के 10 माह का वास्तविक व्यय, उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं जमीन पर वास्तविक उपलब्धि से भी विधायिका को अवगत कराना सरकार के लिए चुनौती होगी. देश में रामराज्य का सूत्रपात हो चुका है. बिहार में भी अब जंगल राज को हटाकर सुशासन की पुनर्स्थापना जरुरी है.''- विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष

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