पटनाः लोकसभा चुनाव 2024 के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कार्यालय में आज पहली बार समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में उन सीटों पर भी चर्चा की गई जहां बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को हार का सामना करना पड़ा था. बैठक में पार्टी के सभी नेताओं ने आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने का संकल्प लिया. बैठक में दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा मौजूद रहे.
विधानसभा चुनाव की तैयारीः बैठक के दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए. सम्राट चौधरी ने कहा, "100 में से 75% अंक जनता ने हमें दिए हैं, लेकिन हम 90% अंक प्राप्त करना चाहते हैं. आने वाले विधानसभा चुनावों में हम अपनी स्थिति को और मजबूत करना चाहते हैं और जो अंक इस चुनाव में मिले हैं, उसे बढ़ाना चाहते हैं." 75 प्रतिशत अंक दिये से सम्राट चौधरी का मतलब लोकसभा चुनाव में एनडीए को मिली 30 सीट की ओर था.
नीतीश कुमार का नेतृत्व स्वीकारः सम्राट चौधरी से जब यह पूछा गया कि जदयू ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में आनेवाले विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है. इस पर सम्राट चौधरी ने कहा "1996 से हम उनके साथ मिलकर काम कर रहे हैं और आने वाले समय में भी उनके नेतृत्व में बिहार में काम करेंगे." रोहिणी आचार्या के सिंगापुर लौटने पर सम्राट चौधरी ने तंज कसते हुए कहा कि वो मेरी बहन है. उनको सारण में रहकर जनता की सेवा करनी चाहिए.
मोदी को विकास के नाम पर वोट मिलाः राहुल गांधी ने कहा था अगर प्रियंका, वाराणसी से नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ती तो नरेंद्र मोदी हार जाते. इस पर सम्राट चौधरी ने कहा कि इस बात का ध्यान रखना चाहिए पंडित नेहरू के बाद जितनी भी कांग्रेस की सरकार बनी वह सहानुभूति पर बनी है. इंदिरा गांधी की हत्या हुई तो उनके पिता राजीव गांधी की सरकार बन पाई. राजीव गांधी की हत्या हुई तो सहानुभूति के आधार पर उन्हें वोट मिले थे. नरेंद्र मोदी ने सिर्फ ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो विकास के नाम पर वोट लोगों से ले पाए हैं.
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