हैदराबाद: Apple ने यूरोपीय संघ (EU) के अधिकांश क्षेत्रों में अपने iPhone 14 सीरीज और iPhone SE (तीसरी-जनरेशन) डिवाइस बेचना बंद कर दिया है. यह कदम EU के उस फैसले के बाद उठाया गया है, जिसमें USB टाइप-C चार्जिंग पोर्ट के साथ न आने वाले सभी डिवाइस को बाहर करने का फैसला किया गया है.
यह फैसला 28 दिसंबर, 2024 को प्रभावी हुआ, जिसके बाद क्यूपर्टिनो स्थित टेक कंपनी ने रिटेल और ऑनलाइन बाजारों से लाइटनिंग पोर्ट वाले अपने पुराने iPhone वापस लेना शुरू कर दिया. EU के इस विनियमन का उद्देश्य ई-कचरे को कम करना और हर डिवाइस जैसे स्मार्टफोन, टैबलेट, कैमरा और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए एक ही USB टाइप-C चार्जिंग पोर्ट होने से यूजर्स के लिए चार्जिंग को सरल बनाना है, खासकर यूरोपीय बाजार में.
Apple iPhone 15 सीरीज
Apple iPhone 15 सीरीज़ कंपनी का पहला स्मार्टफोन है, जो USB टाइप-C चार्जिंग पोर्ट के साथ बाजार में आया, जिसे EU द्वारा समान चार्जिंग मानक को अपनाने के संबंध में नियम निर्धारित करने के बाद लागू किया गया है. USC-C पोर्ट के साथ iPhones को अपडेट करने के अलावा, Apple ने अपने अन्य डिवाइस जैसे iPad, AirPod और Apple Pencil को भी USB टाइप-C पोर्ट के साथ अपग्रेड किया है.
हालांकि, टेक दिग्गज यूरोपीय संघ के बाजारों में लाइटनिंग पोर्ट के साथ अपने iPhone 14 सीरीज और iPhone SE (2022) बेच रहा था. विनियमन के अनुसार, Apple इन उपकरणों को यूरोपीय संघ क्षेत्र में नहीं बेच सकता है. हालांकि, तीसरे पक्ष के विक्रेता अभी भी उन्हें तब तक बेच सकते हैं, जब तक उनका स्टॉक खत्म न हो जाए.
यूनाइटेड किंगडम को छोड़कर, जो 2020 में संघ से बाहर हो गया था, यह विनियमन यूरोप के सभी देशों को प्रभावित करता है. उल्लेखनीय है कि उत्तरी आयरलैंड, यू.के. का हिस्सा होने के बावजूद, इस विनियमन का पालन करेगा, क्योंकि वह यूरोपीय संघ के बाजार से बाहर नहीं निकला है. Apple अभी भी इन पुराने उत्पादों को यूरोपीय संघ क्षेत्र के बाहर बेच सकता है.
यूरोपीय संघ द्वारा लिए गए निर्णय से इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या यूएसबी टाइप-C को वैश्विक मानक चार्जिंग पोर्ट के रूप में अपनाया जाए, क्योंकि ई-कचरा एक वैश्विक मुद्दा है और यह केवल यूरोपीय संघ क्षेत्रों तक सीमित नहीं है.