पटना: 70वीं बीपीएससी परीक्षा को फिर से कराने की मांग को लेकर बिहार में सियासत चरम पर पहुंच गई है. वहीं बीपीएससी परीक्षा को रद्द कराने की मांग कर रहे अभ्यर्थियों के समर्थन में उतरे भाकपा माले और कांग्रेस ने मंगलवार को राजभवन मार्च किया, लेकिन लेकिन राजभवन पहुंचने से पहले ही पुलिस ने तमाम विधायकों को बीच रास्ते में ही रोक दिया.
पुलिस ने विधायकों को रास्ते में रोका: उधर, पुलिस के रोकने के बाद तमाम विधायक सड़क पर बैठकर हंगामा करने लगे. इसके बाद महागठबंधन के विधायकों ने विरोध जताया. देखते ही देखते विधायकों और पुलिस के झड़प होने लगी. फिलहाल नाराज विधायक रोड पर बैठ कर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
"बिहार के पुलिस चुनी हुई सरकार से ऊपर समझ रही है.पुलिस बिना सोचे समझे पुलिस लाठी चार्ज कर रही है. हमारी राज्यपाल से मांग है कि सरकार बीपीएससी परीक्षा रद्द करे."- संदीप सौरव, माले विधायक
राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा: हालांकि थोड़ी देर बाद ही विधायकों के एक प्रतिनिधि मंडल को प्रशासन की टीम राजभवन लेकर गई, जहां विधायक अपनी मांगों को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. विधायकों ने राज्यपाल से आग्रह किया कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाएं.
राज्यपाल से न्याय की अपील की: उन्होंने अभ्यर्थियों के लंबित परिणामों के त्वरित निर्णय की भी मांग की. माले और कांग्रेस विधायकों ने राज्य सरकार से बीपीएससी के मामले में निष्पक्षता और न्याय की अपील की, ताकि छात्रों को उनका हक मिल सके और उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन हो सके.
"70वीं बीपीएससी परीक्षा रद्द किया जाए. अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है. सरकार के इशारे पर पुलिस लाठी चार्ज कर ही है. यह सरकार लाठी डंडों की सरकार हो गई है. आज हमे ये रोक देंगे. सैलाब जो उमड़ रहा है उसे कैसे रोकेंगे."-शकील अहमद खान, कांग्रेस विधायक दल के नेता
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