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मास्टर साहब का गुस्सा देखिए.. अधिकारी से बोल रहे हैं- 'हे प्रभु, बाधा ही बाधा है, परिस्थिति क्यों नहीं समझते हैं' - Bihar Teacher Angry - BIHAR TEACHER ANGRY

Bihar Education Department : बिहार में स्कूल टाइमिंग को लेकर शिक्षक का गुस्सा देखने वाला है. एक शिक्षक ने अपनी समस्याओं से शिक्षा अधिकारियों को अवगर कराया है. आगे पढ़ें पूरी खबर और देखें वीडियो.

जमुई के शिक्षक.
जमुई के शिक्षक. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 22, 2024, 10:50 PM IST

शिक्षक का वीडियो. (ETV Bharat)

जमुई : बिहार में जब से शिक्षकों को समय पर स्कूल आने के लिए कहा गया है तबसे उनका गुस्सा सातवें आसमान पर दिख रहा है. ऐसा ही मामला जमुई से सामने आया है. जहां के एक शिक्षक अधिकारियों-पदाधिकारियों को ज्ञान देते वीडियो रिकॉर्ड किए हैं.

"हे प्रभु क्या व्यवस्था और कैसा व्यवस्थापक है, समझ में नहीं आता है. कुछ समझ में आता है कि नहीं. तुगलकी आदेश भेज दिये तो भेज दिये. चलो धन्यवाद, धन्यवाद और धन्यवाद.''- प्रभात रंजन, शिक्षक

स्कूल के निकले, फाटक पर फंसे : दरअसल, लक्ष्मीपुर प्रखंड के मेदनीपुर सरकारी स्कूल में पदस्थापित शिक्षक प्रभात रंजन अपने विद्यालय में जाने के लिऐ घर से निकले थे, लेकिन जमुई के मलयपुर स्थित मलयपुर रेलवे स्टेशन के बगल के रेलवे फाटक के पास रूकना पड़ गया. किसी ट्रेन के गुजरने का समय था, फाटक के पास कुछ देर रुकने के बाद जब देर होने लगी तो शिक्षक परेशान हो गए और अधिकारियों को संबोधित करते हुऐ खुद एक वीडियो बनाया.

''लो यह देखो रेलवे गेट पर खड़े हैं और आप कहोगे समय से स्कूल आइऐ.. कैसे आ पाउंगा बताओ? अरे इन सब चीजों का ध्यान क्यों नहीं रखते हो? आई एस हो आई एस हैं बड़े कंपीटिशन पास किऐ हैं मेनेजमेंट अच्छा आता है, टाइम मेनेजमेंट आता है, पैसेंस मेनेजमेंट आता है, तो विचार क्यों नहीं अच्छा आता है? परिस्थितियों को क्यों नहीं समझते हैं? कि कहां लेट होगा, कहां चक्का पंचर होगा, कहां गेट जाम होगा, कहां क्या मिलेगा?''- प्रभात रंजन, शिक्षक

समय से विद्यालय पहुंचेंगे? : प्रभात रंजन यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, परिस्थितियों को समझो और कम से कम 45 मिनट 30 मिनट तो देना ही पड़ेगा और अगर नहीं देते हैं तो जहां घर है, वहां विद्यालय दे दो. एकदम समय से पहले पहुंचे रहेंगे. अब हमारा विद्यालय 20 किलोमीटर पर है. 20 किलोमीटर.. किलोमीटर, किलोमीटर पर बाधा है, कितने मिनट लगेंगे. 20 मिनट तो बाधाओं को पार करने में लगेंगे. हम कैसे समय से विद्यालय पहुंचेंगे?

ये भी पढ़ें :-

'स्कूलों में मार्गदर्शिका उपलब्ध कराइए, ताकि शिक्षक भूमिका का निर्वहन कर सकें', ACS का सभी DEO को निर्देश - ACS S Siddharth

शिक्षक का वीडियो. (ETV Bharat)

जमुई : बिहार में जब से शिक्षकों को समय पर स्कूल आने के लिए कहा गया है तबसे उनका गुस्सा सातवें आसमान पर दिख रहा है. ऐसा ही मामला जमुई से सामने आया है. जहां के एक शिक्षक अधिकारियों-पदाधिकारियों को ज्ञान देते वीडियो रिकॉर्ड किए हैं.

"हे प्रभु क्या व्यवस्था और कैसा व्यवस्थापक है, समझ में नहीं आता है. कुछ समझ में आता है कि नहीं. तुगलकी आदेश भेज दिये तो भेज दिये. चलो धन्यवाद, धन्यवाद और धन्यवाद.''- प्रभात रंजन, शिक्षक

स्कूल के निकले, फाटक पर फंसे : दरअसल, लक्ष्मीपुर प्रखंड के मेदनीपुर सरकारी स्कूल में पदस्थापित शिक्षक प्रभात रंजन अपने विद्यालय में जाने के लिऐ घर से निकले थे, लेकिन जमुई के मलयपुर स्थित मलयपुर रेलवे स्टेशन के बगल के रेलवे फाटक के पास रूकना पड़ गया. किसी ट्रेन के गुजरने का समय था, फाटक के पास कुछ देर रुकने के बाद जब देर होने लगी तो शिक्षक परेशान हो गए और अधिकारियों को संबोधित करते हुऐ खुद एक वीडियो बनाया.

''लो यह देखो रेलवे गेट पर खड़े हैं और आप कहोगे समय से स्कूल आइऐ.. कैसे आ पाउंगा बताओ? अरे इन सब चीजों का ध्यान क्यों नहीं रखते हो? आई एस हो आई एस हैं बड़े कंपीटिशन पास किऐ हैं मेनेजमेंट अच्छा आता है, टाइम मेनेजमेंट आता है, पैसेंस मेनेजमेंट आता है, तो विचार क्यों नहीं अच्छा आता है? परिस्थितियों को क्यों नहीं समझते हैं? कि कहां लेट होगा, कहां चक्का पंचर होगा, कहां गेट जाम होगा, कहां क्या मिलेगा?''- प्रभात रंजन, शिक्षक

समय से विद्यालय पहुंचेंगे? : प्रभात रंजन यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, परिस्थितियों को समझो और कम से कम 45 मिनट 30 मिनट तो देना ही पड़ेगा और अगर नहीं देते हैं तो जहां घर है, वहां विद्यालय दे दो. एकदम समय से पहले पहुंचे रहेंगे. अब हमारा विद्यालय 20 किलोमीटर पर है. 20 किलोमीटर.. किलोमीटर, किलोमीटर पर बाधा है, कितने मिनट लगेंगे. 20 मिनट तो बाधाओं को पार करने में लगेंगे. हम कैसे समय से विद्यालय पहुंचेंगे?

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