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आर-पार के मूड में बिहार के शिक्षक संघ, कहा- 'दीपावली से छठ तक की छुट्टियों में कटौती आस्था के साथ खिलवाड़ है' - DIPAWALI CHHATH LEAVE

बिहार के शिक्षकों की छुट्टी में कटौती को लेकर हंगामा मचा है. इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी गुहार लगायी गई है. पढ़ें खबर

छुट्टी कटौती पर हंगामा
छुट्टी कटौती पर हंगामा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 22, 2024, 6:07 PM IST

पटना : बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ ने दीपावली से छठ तक की छुट्टियों में कटौती को आस्था के साथ खिलवाड़ बताते हुए इसे पुनः बहाल करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. संघ ने पत्र में कहा है कि शिक्षकों की त्योहारों में छुट्टियों की कटौती कर शिक्षा विभाग उनकी आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहा है. संघ के महासचिव और पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री के बार-बार निर्देश के बावजूद शिक्षा विभाग शिक्षकों की छुट्टियों में कटौती कर रहा है.

2023 की अवकाश तालिका लागू की मांग : शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि पिछले दिनों रक्षाबंधन और अन्य छुट्टियों में भी कटौती के संबंध में मुख्यमंत्री से मिलकर ध्यान आकृष्ट किया गया था. यह स्थायी आदेश दिया गया था कि वर्ष 2023 की अवकाश तालिका के मुताबिक विद्यालयों में छुट्टियां दी जाएं. इसके बावजूद इसका उल्लंघन हो रहा है.

शत्रुघ्न प्रसाद सिंह
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह (Etv Bharat)

''मुख्यमंत्री को यह बताया गया है कि यदि शिक्षा विभाग शिक्षकों की सेवा और सुविधा एक समान करना चाहता है और जिसमें छुट्टियां भी शामिल रहती है. तो उन्हें राजपत्रित अवकाश के अतिरिक्त प्रतिबंधित छुट्टियों का भी लाभ दिया जाय और अर्जितावकाश 33 दिनों का दिया जाय. शिक्षा विभाग न तो शिक्षकों को राज्यकर्मी का लाभ देना चाहता है और ना ही शिक्षा सेवक मानना चाहता है. हर हाल में शिक्षकों का सम्मान, उनकी गरिमा को बरकरार रखनी होगी.''- शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, महासचिव, बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ

'तनाव में शिक्षक' : शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री को बताया है कि विद्यालयों में कुल 60 दिनों की छुट्टियां होती हैं. तत्कालीन अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग ने अनावश्यक रूप से इसमें छेड़छाड़ कर दिया और यहां तक कि रविवार की साप्ताहिक छुट्टियों को भी गणना में शामिल कर अवैध आदेश दे दिया.

लिखा गया पत्र.
लिखा गया पत्र. (ETV Bharat)

''वर्तमान अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग ने इसमें संशोधन का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक महान आस्था के पर्व के पवित्र मौके पर वर्ष 2023 की ही भांति छुट्टियां लागू करने का निर्देश नहीं दिया जा रहा है. इससे शिक्षक काफी तनाव में हैं और इससे पठन-पाठन पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ता है.''- शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, महासचिव, बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ

बाहर के शिक्षकों को भी परेशानी : शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री को कहा है कि आपने बिहार राज्य के बाहर के भी शिक्षकों को नियुक्त किया है. लेकिन दीपावली में सिर्फ एक दिन की छुट्टी दी जा रही है. ऐसे में एक दिन की छुट्टी में वे अपने-अपने घरों में दीपावली मनाने से वंचित रह जायेंगे. पूर्व में आजादी के बाद से अब तक दीपावली से छठ तक छुट्टियां सरकारी स्कूलों में रही हैं.

'तुरंत संज्ञान लें CM नीतीश': इसी तरह नहाय-खाय और खरना करने से भी शिक्षक वंचित रह जायेंगे क्योंकि उस दिन स्कूल खुला है. उन्होंने कहा है कि यह सामाजिक सरोकार का अति संवेदनशील मामला है. शिक्षा विभाग का ऐसा आस्थाविहीन आदेश आपको भी पीड़ा पहुंचायेगा. शत्रुघ्न प्रसादने मुख्यमंत्री से इसे तुरंत संज्ञान में लेने और यथोचित कार्रवाई करने की मांग की है.

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पटना : बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ ने दीपावली से छठ तक की छुट्टियों में कटौती को आस्था के साथ खिलवाड़ बताते हुए इसे पुनः बहाल करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. संघ ने पत्र में कहा है कि शिक्षकों की त्योहारों में छुट्टियों की कटौती कर शिक्षा विभाग उनकी आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहा है. संघ के महासचिव और पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री के बार-बार निर्देश के बावजूद शिक्षा विभाग शिक्षकों की छुट्टियों में कटौती कर रहा है.

2023 की अवकाश तालिका लागू की मांग : शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि पिछले दिनों रक्षाबंधन और अन्य छुट्टियों में भी कटौती के संबंध में मुख्यमंत्री से मिलकर ध्यान आकृष्ट किया गया था. यह स्थायी आदेश दिया गया था कि वर्ष 2023 की अवकाश तालिका के मुताबिक विद्यालयों में छुट्टियां दी जाएं. इसके बावजूद इसका उल्लंघन हो रहा है.

शत्रुघ्न प्रसाद सिंह
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह (Etv Bharat)

''मुख्यमंत्री को यह बताया गया है कि यदि शिक्षा विभाग शिक्षकों की सेवा और सुविधा एक समान करना चाहता है और जिसमें छुट्टियां भी शामिल रहती है. तो उन्हें राजपत्रित अवकाश के अतिरिक्त प्रतिबंधित छुट्टियों का भी लाभ दिया जाय और अर्जितावकाश 33 दिनों का दिया जाय. शिक्षा विभाग न तो शिक्षकों को राज्यकर्मी का लाभ देना चाहता है और ना ही शिक्षा सेवक मानना चाहता है. हर हाल में शिक्षकों का सम्मान, उनकी गरिमा को बरकरार रखनी होगी.''- शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, महासचिव, बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ

'तनाव में शिक्षक' : शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री को बताया है कि विद्यालयों में कुल 60 दिनों की छुट्टियां होती हैं. तत्कालीन अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग ने अनावश्यक रूप से इसमें छेड़छाड़ कर दिया और यहां तक कि रविवार की साप्ताहिक छुट्टियों को भी गणना में शामिल कर अवैध आदेश दे दिया.

लिखा गया पत्र.
लिखा गया पत्र. (ETV Bharat)

''वर्तमान अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग ने इसमें संशोधन का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक महान आस्था के पर्व के पवित्र मौके पर वर्ष 2023 की ही भांति छुट्टियां लागू करने का निर्देश नहीं दिया जा रहा है. इससे शिक्षक काफी तनाव में हैं और इससे पठन-पाठन पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ता है.''- शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, महासचिव, बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ

बाहर के शिक्षकों को भी परेशानी : शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री को कहा है कि आपने बिहार राज्य के बाहर के भी शिक्षकों को नियुक्त किया है. लेकिन दीपावली में सिर्फ एक दिन की छुट्टी दी जा रही है. ऐसे में एक दिन की छुट्टी में वे अपने-अपने घरों में दीपावली मनाने से वंचित रह जायेंगे. पूर्व में आजादी के बाद से अब तक दीपावली से छठ तक छुट्टियां सरकारी स्कूलों में रही हैं.

'तुरंत संज्ञान लें CM नीतीश': इसी तरह नहाय-खाय और खरना करने से भी शिक्षक वंचित रह जायेंगे क्योंकि उस दिन स्कूल खुला है. उन्होंने कहा है कि यह सामाजिक सरोकार का अति संवेदनशील मामला है. शिक्षा विभाग का ऐसा आस्थाविहीन आदेश आपको भी पीड़ा पहुंचायेगा. शत्रुघ्न प्रसादने मुख्यमंत्री से इसे तुरंत संज्ञान में लेने और यथोचित कार्रवाई करने की मांग की है.

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