पटना: बिहार में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई जिलों का ग्रामीण क्षेत्र जलमग्न होने लगा है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार किशनगंज जिले के तैयबपुर में महानंदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर ऊपर है, इसमें लगातार वृद्धि हो रही है. वहीं अररिया जिले के अररिया में परमान नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान से 14 सेंटीमीटर ऊपर है.
बिहार में नदियों का जलस्तर: सीमांचल को छोड़कर सभी जगह नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से भी नीचे है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंडक नदी का जलस्तर गोपालगंज जिले के डुमरिया घाट में खतरे के निशान से 22 सेंटीमीटर नीचे है लेकिन इसमें लगातार वृद्धि हो रही है. सुपौल जिले के बासुआ में कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 75 सेमी नीचे है. खगड़िया जिले के बलतारा में कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 18 सेंटीमीटर नीचे है.
बिहार में मानसून सक्रिय: बिहार में पिछले 24 घंटे में बिहार में कई जगह 50 मिलीमीटर से ऊपर बारिश रिकार्ड की गई है. मुंगेर में 63 मिली मीटर, बैरगनिया में 63 मिली मीटर, श्रीपालपुर में 64 मिली मीटर, सिकटी में 87 मिलिमिटर, रुन्नीसैदपुर में 51 मिलिमिटर, लालबेगिया घाट में 101 मिली मीटर, बलतारा में 96 मिलीमीटर, तैयबपुर में 130 मिली मीटर, अररिया में 66 मिली मीटर और रोसरा में 51 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है. जहां तक गंगा नदी का जलस्तर की बात है तो सभी जगह खतरे के निशान से काफी नीचे है लेकिन नदी का जलस्तर अधिकांश जगहों पर बढ़ रहा है.
कई जगहों पर घरों में घुसा पानी: लगातार बारिश और नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण बिहार की कई नदियों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. आलम ये है कि कोसी और सीमांचल के साथ-साथ सारण और तिरहुत प्रमंडल के जिलों में बाढ़ जैसे हालात देखने को मिलने लगे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में घरों में पानी घुसने लगा है.
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