मोतिहारी : शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक के सख्त रवैये के बावजूद शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. नियोजित शिक्षकों ने शहर के बंग्ला स्कूल से मशाल जुलूस निकाला जो चरखा पार्क तक पहुंचा. शिक्षक एकता मंच के बैनर तले अपनी मांगों के समर्थन में सड़क पर उतरे शिक्षक सरकार विरोधी नारा लगा रहे थे.
मोतिहारी में शिक्षकों का प्रदर्शन : शिक्षकों की मांग है कि जब दक्षता परीक्षा के अलावा कई परीक्षा शिक्षक दे चुके हैं. तो अब राज्यकर्मी का दर्जा बिना किसी ना नुकूर के दे दे, अन्यथा पूरे राज्य के शिक्षक 13 फरवरी को विधानसभा का घेराव करेंगे. उसके बाद विद्यालयों में तालाबंदी करेंगे.
'13 फरवरी को करेंगे विधानसभा घेराव' : शिक्षक नेता प्रमोद यादव ने एसीएस केके पाठक को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, ''जिस प्रकार हम सरकार के नौकर हैं. उसी तरह केके पाठक भी सरकार के नौकर हैं. बिहार के शिक्षक अब उनके आदेश को नहीं मानेंगे. सरकार से मांग है कि वह बिना शर्त नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दें. 10 फरवरी झांकी है और 13 फरवरी बाकी है. 13 फरवरी को पूरे बिहार के शिक्षक विधानसभा का घेराव करेंगे.''
'काला कानून वापस ले सरकार' : वहीं शिक्षक नेता केशव कुमार ने कहा कि आज बिहार शिक्षक एकता मंच के बैनर तले मशाल जुलूस निकाल कर सरकार को चेतावनी दी गई है. सरकार ने अगर 13 फरवरी के पहले अपने काला कानून को वापस नहीं लिया तो विधानसभा के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा.
मोतिहारी में शिक्षकों का मशाल जुलूस : दरअसल, शनिवार को बिहार शिक्षक एकता मंच के बैनर तले बंग्ला स्कूल में पहले बैठक की गयी. उसके बाद शिक्षक मशाल जुलूस के साथ निकले. मशाल जुलूस बंग्ला स्कूल से चलकर मुख्यपथ होते हुए चरखा पार्क पहुंचा. शिक्षकों की मांग है कि सरकार सक्षमता परीक्षा दिए बगैर उनलोगों को राज्यकर्मी का दर्जा दे.
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