पटनाः केंद्र में रविवार 9 जून को नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल का गठन हुआ था. आज मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारा कर दिया गया. बिहार के मंत्रियों के हिस्से में जो मंत्रालय आए हैं उससे संकेत मिलता है कि बिहार में डबल इंजन सरकार की रफ्तार आने वाले दिनों में देखने को मिलेगी. इन महत्वपूर्ण मंत्रालयों के साथ, राज्य में डबल इंजन सरकार की प्रभावशीलता आने वाले दिनों में देखने को मिलेगी.
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में अपार संभावनाः नरेंद्र मोदी कैबिनेट में बिहार से चार कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं. चिराग पासवान, गिरिराज सिंह, ललन सिंह और जीतन राम मांझी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला है. इन चारों को महत्वपूर्ण मंत्रालय की जिम्मेवारी दी गयी. ये ऐसे विभाग हैं जिसमें रोजगार के अवसर सृजित किये जा सकेंगे. चिराग पासवान को खाद्य प्रसंस्करण विभाग सौंपा गया है. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में रोजगार के अपार संभावना है.
मतस्य पालन बिहार कर रहा बेहतरः जदयू सांसद ललन सिंह को पंचायती राज और पशुपालन विभाग की जिम्मेदारी मिली है. बिहार में पंचायत के जरिए विकास कार्य होते हैं, और पंचायती राज विभाग इस विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इसके अलावा, पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन के क्षेत्र में भी बिहार के लिए काफी कुछ करने की जरूरत है. खासकर मतस्य उत्पादन में बिहार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. बिहार में जल संग्रह क्षेत्र हैं. ये दोनों विभाग राज्य को तरक्की की राह पर ले जा सकते हैं.
लघु मध्यम उद्योग मंत्रालयः पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को लघु मध्यम उद्योग मंत्री बनाया गया है. बिहार में उद्योग की अपार संभावनाएं हैं और मांझी निर्णय लेने के लिए जाने जाते हैं. उनके नेतृत्व में बिहार में औद्योगिक क्रांति की उम्मीद है. गिरिराज सिंह को कपड़ा मंत्रालय दिया गया है. टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज के लिए बिहार में बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है. गिरिराज सिंह के अनुभव के साथ, इस क्षेत्र में भी विकास की प्रबल संभावनाएं हैं.
खेतों को मिल सकता है पानीः इसके अलावा चार राज्य मंत्री के बीच भी विभागों का बंटवारा हो चुका है. नित्यानंद राय फिर से गृह राज्य मंत्री बनाए गए हैं. राजभूषण निषाद को जल शक्ति विभाग में राज्य मंत्री बनाया गया है, तो सतीश चंद्र दुबे को कोयला एवं खनन विभाग में राज्य मंत्री बनाया गया है. रामनाथ ठाकुर को कृषि और किसान कल्याण विभाग में राज्य मंत्री बनाया गया है. बिहार में बाढ़ और सूखे की समस्याएं आम हैं, और जल शक्ति विभाग इन समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. विभाग द्वारा जल संचयन और प्रबंधन के लिए नई योजनाएं और परियोजनाएं शुरू की जा सकती हैं, जिससे राज्य की कृषि और ग्रामीण विकास को बल मिलेगा
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