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न नाव मिली न ठांव, टापू बन चुके गांव में घिरे लोग, चारा लाने गई बेतिया प्रशासन की लाइसेंसी नाव - Bihar Flood

Flood in Bettiah गंडक बराज से छोड़ा गया पानी पश्चिमी चंपारण जिले के कई प्रखंडों में तबाही मचा रही है. नौतन प्रखंड के कई पंचायत बाढ़ की चपेट में है. लोगों को बाहर निकालने के लिए नाव की व्यवस्था नहीं थी. इस गांव में कई बीमार लोग हैं जो नाव का इंतजार कर रहे हैं. लोगों में गुस्सा है. लोगों का कहना है कि रविवार रात से ही लगातार नौतन अंचल अधिकारी को फोन कर रहे हैं लेकिन, वो उठा नहीं रहे हैं. समय रहते रेस्क्यू कार्य शुरू किया जाता तो यह नौबत ही नहीं आती. पढ़ें, विस्तार से.

Bihar Flood
बाढ़ के पानी में फंसी बीमार महिला. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 30, 2024, 5:40 PM IST

Updated : Sep 30, 2024, 6:32 PM IST

बेतियाः बिहार के बेतिया के नौतन प्रखंड स्थित शिवराजपुर में बाढ़ ने तबाही मचा रखी है. शिवराजपुर पंचायत की आधी आबादी गांव में फंसी हुई है. प्रशासन द्वारा नाव की कोई व्यवस्था नहीं करने के कारण कई बीमार लोग भी गांव में फंसे हुए हैं. बाढ़ की खबर की रिपोर्टिंग करने गये ईटीवी भारत के रिपोर्टर भी 2 घंटे से अधिक समय तक गांव में फंसे रहे. वहां से फोन कर अधिकारियों को गांव में लोगों के फंसे होने की जानकारी दी उसके बाद भी बीमार लोगों के लिए नाव की व्यवस्था नहीं की जा सकी थी.

नाव से चारा लाने चले गयेः थोड़ी देर बाद गांव वालों ने एक नाव की व्यवस्था की, जिससे ईटीवी भारत का रिपोर्टर गांव से बाहर आया. इधर, प्रशासन को सूचना दिये जाने के बाद राहत कार्य में लगे कर्मचारी हरकत में दिखे. लेकिन, उनका कहना था कि नाव है ही नहीं. नाव लेकर मवेशी के लिए चारा लाने चले गये थे. नौतन प्रखंड की राजस्व कर्मचारी मीना कुमारी और पवन कुमार ने बताया कि "नाव की व्यवस्था में हम लगे हुए हैं. जिन्हें नाव के लिए लाइसेंस दिया गया है, वह नाव लेकर घास व आनाज लेने चले गए हैं. जो लोग बीमार है उन्हें तुरंत नाव मंगवाकर गांव से निकाला जा रहा है."

बेतिया में बाढ़. (ETV Bharat)

चार नाव को लाइसेंस, उपलब्ध एक भी नहींः नौतन प्रखंड के अधिकारियों की लापरवाही सामने आ रही है. प्रशासन ने चार लोगों को नाव का लाइसेंस दिया था, लेकिन आज जब नाव की जरूरत बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने की पड़ी तो एक भी नाव उपलब्ध नहीं थी. मीना कुमारी ने जब फोन किया तो तीन नावों के बारे में पता चला. एक नाव की जानकारी भी नहीं मिल सकी कि कहां है. नाव से चारा लाने गया था. मीना कुमारी ने लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी देते हुए फटकार भी लगायी. नाविक से बोली, कि चारा जरूरी है या फिर आदमी.

लोगों में आक्रोशः बता दें कि शिवराजपुर जारलहीया बांध जरिया से वार्ड नंबर 12 में जाने वाला रास्ता टूट गया है. शिवराजपुर पंचायत की आधी आबादी पानी के बीच फांसी हुई है. ईटीवी भारत की टीम करीब दो घंटे तक इस गांव में फंसी रही. प्रशासनिक अधिकारियों को गांव से ही फोन कर नाव की व्यवस्था के बारे में जानना चाहा तो किसी ने भी फोन नहीं उठाया. काफी मशक्कत के बाद अंचल अधिकारी अजित झा से बात हुई तो उन्होंने बोला कि नाव की व्यवस्था कर रहा हूं. लेकिन, बीमार लोग नाव के इंतजार में पानी के बीच पड़े थे.

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बेतियाः बिहार के बेतिया के नौतन प्रखंड स्थित शिवराजपुर में बाढ़ ने तबाही मचा रखी है. शिवराजपुर पंचायत की आधी आबादी गांव में फंसी हुई है. प्रशासन द्वारा नाव की कोई व्यवस्था नहीं करने के कारण कई बीमार लोग भी गांव में फंसे हुए हैं. बाढ़ की खबर की रिपोर्टिंग करने गये ईटीवी भारत के रिपोर्टर भी 2 घंटे से अधिक समय तक गांव में फंसे रहे. वहां से फोन कर अधिकारियों को गांव में लोगों के फंसे होने की जानकारी दी उसके बाद भी बीमार लोगों के लिए नाव की व्यवस्था नहीं की जा सकी थी.

नाव से चारा लाने चले गयेः थोड़ी देर बाद गांव वालों ने एक नाव की व्यवस्था की, जिससे ईटीवी भारत का रिपोर्टर गांव से बाहर आया. इधर, प्रशासन को सूचना दिये जाने के बाद राहत कार्य में लगे कर्मचारी हरकत में दिखे. लेकिन, उनका कहना था कि नाव है ही नहीं. नाव लेकर मवेशी के लिए चारा लाने चले गये थे. नौतन प्रखंड की राजस्व कर्मचारी मीना कुमारी और पवन कुमार ने बताया कि "नाव की व्यवस्था में हम लगे हुए हैं. जिन्हें नाव के लिए लाइसेंस दिया गया है, वह नाव लेकर घास व आनाज लेने चले गए हैं. जो लोग बीमार है उन्हें तुरंत नाव मंगवाकर गांव से निकाला जा रहा है."

बेतिया में बाढ़. (ETV Bharat)

चार नाव को लाइसेंस, उपलब्ध एक भी नहींः नौतन प्रखंड के अधिकारियों की लापरवाही सामने आ रही है. प्रशासन ने चार लोगों को नाव का लाइसेंस दिया था, लेकिन आज जब नाव की जरूरत बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने की पड़ी तो एक भी नाव उपलब्ध नहीं थी. मीना कुमारी ने जब फोन किया तो तीन नावों के बारे में पता चला. एक नाव की जानकारी भी नहीं मिल सकी कि कहां है. नाव से चारा लाने गया था. मीना कुमारी ने लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी देते हुए फटकार भी लगायी. नाविक से बोली, कि चारा जरूरी है या फिर आदमी.

लोगों में आक्रोशः बता दें कि शिवराजपुर जारलहीया बांध जरिया से वार्ड नंबर 12 में जाने वाला रास्ता टूट गया है. शिवराजपुर पंचायत की आधी आबादी पानी के बीच फांसी हुई है. ईटीवी भारत की टीम करीब दो घंटे तक इस गांव में फंसी रही. प्रशासनिक अधिकारियों को गांव से ही फोन कर नाव की व्यवस्था के बारे में जानना चाहा तो किसी ने भी फोन नहीं उठाया. काफी मशक्कत के बाद अंचल अधिकारी अजित झा से बात हुई तो उन्होंने बोला कि नाव की व्यवस्था कर रहा हूं. लेकिन, बीमार लोग नाव के इंतजार में पानी के बीच पड़े थे.

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Last Updated : Sep 30, 2024, 6:32 PM IST
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