पटना : बीते दिनों शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के गाली देने का एक वीडियो सामने आया था. वीडियो में केके पाठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अपशब्द का प्रयोग करते नजर आए थे. इस मामले को लेकर विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान सत्ता और विपक्ष दोनों के विधायकों और पार्षदों ने सदन में खूब हंगामा किया था. विधानसभा में जांच कमेटी भी बनी और केके पाठक को निर्दोष घोषित कर दिया गया.
वीडियो वायरल करने में नप गए रजनीश कुमार झा : हालांकि इसी बीच शिक्षा विभाग के जिस पदाधिकारी ने वीडियो रिकॉर्ड किया उस पर सरकार ने जरूर कार्रवाई कर दी है. सहरसा जिला के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी माध्यमिक शिक्षा एवं साक्षरता रजनीश कुमार झा को सरकार ने उक्त वीडियो का क्लिप काटकर उसे सोशल मीडिया में फैलाने का दोषी माना है. सरकार ने कहा है कि रजनीश कुमार झा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सही बताया है.
लापरवाही, अनुशासनहीनता का लगा आरोप : शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया है कि सरकारी बैठक की कार्यवाही को सार्वजनिक करना बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली, 1976 के नियम 3 की कंडिका (i), (ii), (iii) तथा नियम 12 (जानकारी का अप्राधिकृत संसूचन) का उल्लंघन है. साथ ही इससे रजनीश झा के कर्तव्य के प्रति लापरवाही, अनुशासनहीनता एवं बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली, 1976 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन परिलक्षित होता है.
रजनीश कुमार झा हुए निलंबित : शिक्षा विभाग की ओर से अपर सचिव सुबोध कुमार ने संकल्प पत्र जारी करते हुए बताया है कि रजनीश कुमार झा को बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2005 के संगत प्रावधानों के तहत निलंबित किया जाता है. निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, दरभंगा प्रमंडल, दरभंगा के कार्यालय में रहेगा. निलंबन अवधि में इन्हें जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा, जिसका भुगतान इनके निर्धारित मुख्यालय के कार्यालय से किया जायेगा.
पद पर बने हुए हैं केके पाठक : बताते चलें कि एक तरफ केके पाठक को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए सरकार से एनओसी मिलने के बाद यह माना जा रहा था कि जल्द ही वह केंद्रीय प्रति नियुक्ति पर जाएंगे. लेकिन जो सूत्रों से जानकारी मिल रही है अगस्त 2024 तक केके पाठक अपने पद पर बने रहेंगे.
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