पटना: गंगा नदी पर मोकामा से बेगूसराय तक बिहार का पहला सिक्स लेन केबल ब्रिज अगले साल शुरू हो जाएगा. एशिया का सबसे चौड़ा केवल ब्रिज बिहार में बन रहा है. इसके बन जाने से बिहार के एक बड़े हिस्से को जाम से मुक्ति मिलेगी. वहीं कच्ची दरगाह बिदुपुर सिक्स लेन दूसरा पुल भी अगले साल बनकर तैयार हो जाएगा. गंगा नदी पर दो सिक्स लेन बन जाने से न केवल बिहार के एक दर्जन जिले बल्कि नेपाल झारखंड पश्चिम बंगाल दिल्ली और असम तक जाना आसान हो जाएगा. व्यावसायिक गतिविधियों में तेजी आएगी.
कब से शुरू होगा आवागमनः मोकामा से बेगूसराय तक बनने वाले सिक्स लेन ब्रिज को अब अंतिम रूप दिया जा रहा है. 2025 के अप्रैल में इसके शुरू होने की पूरी संभावना है. केबल पर ही एशिया के सबसे चौड़े ब्रिज का लोड रहेगा. यह पुल नई तकनीक से बन रहा है. इसकी चौड़ाई 34 मीटर होगी, पुल पर दोनों साइड 13-13 मीटर चौड़ा तीन-तीन लेन रहेगा. दोनों साइड डेढ़ मीटर चौड़ा फुटपाथ का भी निर्माण किया गया है, जिस पर पैदल, साइकिल या बाइक सवार चल सकेंगे.
कई जिलों की दूरी घट जाएगीः इसमें एक रेल ओवर ब्रिज, 2 रेल अंडर ब्रिज और 6 वेकल अंडर ब्रिज शामिल है. हाथीदह जंक्शन के पास ROB का निर्माण चल रहा है. यहां नेशनल हाइवे 80 के ऊपर से एनएच 31 गुजरेगा. ब्रिज के बनने से उत्तर बिहार के कई जिलों जैसे दरभंगा, समस्तीपुर, सहरसा, मधुबनी और दक्षिण बिहार के लखीसराय, शेखपुर, जमुई, नवादा, गया और पश्चिम बिहार के पटना, आरा, बक्सर के बीच की दूरी घट जाएगी.
गंगा पार करना होगा आसानः आजादी के बाद गंगा नदी पर सबसे पहला पुल सिमरिया में ही बनाया गया था. राजेंद्र सेतु पुल काफी पुराना हो चुका है. मोकामा से बेगूसराय आने-जाने आने में काफी परेशानी होती है. हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है. इस कारण काफी समय बर्बाद होता है. पिछले दिनों बेगूसराय जिला प्रशासन की तरफ से भी सिक्स लेन पुल का निरीक्षण किया गया था. इस पुल के जल्द शुरू होने की उम्मीद लगाई जा रही है. इसके अलावा राजेंद्र सेतु के समानांतर डबल लेन रेल पुल भी पर तेजी से काम हो रहा है.
"डबल इंजन की सरकार में विकास की गति को तेज किया गया है. इस तरह के निर्माण कार्य से क्षेत्र में रोजगार के अवसर पढ़ेंगे. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी जल्द से जल्द शुरू करने की बात कही है. अगले साल हम लोग इसको शुरू कर देंगे. बड़े हिस्से में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे."- विजय कुमार सिन्हा, पथ निर्माण मंत्री
पटना पहुंचना होगा आसानः ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह ने गंगा के उस पार कई प्रोजेक्ट स्थापित किए थे. रिफाइनरी से लेकर तमाम प्रोजेक्ट उस समय बनाए गए. अब राज्य का पॉपुलेशन बढ़ा है. हमेशा राजेंद्र सेतु पर जाम की स्थिति बनी रहती है. मुख्यमंत्री ने उसी को देखते हुए नए पुल को पास कराया था. हमारे नेता का जो सपना है 5 घंटे में सुदूर इलाकों से पटना पहुंचने का उसमें यह सिक्स लेन ब्रिज मददगार होगा. अशोक चौधरी ने अप्रैल से मई तक इसके शुरू होने की संभावना जतायी है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञः केबल ब्रिज आधुनिक टेक्नोलॉजी से बनाया जाता है. इंजीनियर इसे आज की जरूरत बता रहे हैं. इंडियन इंजीनियर एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष सुनील कुमार चौधरी का कहना है कि "इस तरह के डिजाइन से बनाने में समय की बचत होती है. साथ ही कॉस्ट भी कम लगता है. इसकी शुरुआत स्विजरलैंड में हुई थी. उसके बाद यूएसए में भी इस पर काम हुआ. बिहार भी अब नई टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर आगे बढ़ रहा है."
कब हुआ था शिलान्यासः मोकामा-बेगूसराय गंगा नदी पर केबल ब्रिज का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2017 में किया था. एसपी सिंगला कंट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड इस प्रोजेक्ट का काम कर रहा है. ब्रिज 1161 करोड़ की लागत से 1.865 किलोमीटर लंबा बन रहा है. हालांकि इसकी लागत में वृद्धि हो चुकी है. 2023 में ही शुरू होने की बात कही गई थी, अब इसमें लगातार विलंब हो रहा है. इसके दोनों ओर एप्रोच रोड बनाया जा रहा है. एप्रोच रोड और ब्रिज को मिलाकर कुल लंबाई 8.15 किलोमीटर हो जाएगी.
पुल से डॉल्फिन का होगा दीदारः कच्ची दरगाह से बिदुपुर के बीच 6 लेन का पुल आधुनिक टेक्नोलॉजी से बनाया जा रहा है. इसमें भी केबल ब्रिज का प्रयोग किया गया है. इस सिक्स लेन से डॉल्फिन का भी लोग दीदार कर सकेंगे. पुल के फुटपाथ पर डॉल्फिन के दीदार के लिए प्लेटफॉर्म बनाया गया है. पुल पर सोलर सिस्टम से रोशनी की व्यवस्था की जा रही है. 9.76 किलोमीटर पुल की लंबाई है. 67 पाए का निर्माण किया गया है इस पर 5000 करोड़ से अधिक की राशि खर्च हुई है.
मिल का पत्थर साबित होगाः बिहार में गंगा नदी पर दो- दो सिक्स लेन पुल 2025 में जब एक साथ शुरू हो जाएगा तो उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार की दूरी सिमट जाएगी. नेपाल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, झारखंड और दिल्ली तक का सफर आसान हो जाएगा. सीमांचल और मिथिलांचल के पिछड़े इलाकों का विकास भी तेजी से संभव हो सकेगा. इन इलाकों में औद्योगिक गतिविधियां तेजी से बढ़ेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. सिक्स लेन ब्रिज बिहार के विकास में मिल का पत्थर साबित होगा.
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