जयपुर. राज्य के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में रविवार देर रात एसीबी ने कार्रवाई की. पूरा मामला अंग प्रत्यारोपण में फर्जी एनओसी से जुड़ा है. बताया जा रहा है कि ये पूरा लेनदेन का मामला है और एक विदेशी मरीज के ट्रांसप्लांट से जुड़ा है. वहीं, करीब 17 मामलों में एनओसी ली जानी थी. इधर, एसीबी ने सवाई मानसिंह अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह व ईएचसीसी अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर अनिल जोशी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है, जिनके पास से 70 हजार रुपए और तीन फर्जी एनओसी बरामद हुई है. इस वाकया के प्रकाश में आने के बाद चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड पर है. पूरे मामले को लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है. साथ ही एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है.
अहम दस्तावेज बरामद : इस संबंध में चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई. बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अधिकारियों को रिश्वत लेकर अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी देने के प्रकरण में तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने उच्च स्तरीय कमेटी से प्रकरण की जांच करवाने और 15 दिन में रिपोर्ट पेश करने के लिए भी निर्देशित किया.
इसे भी पढ़ें - एसएमएस अस्पताल में एसीबी का एक्शन, रिश्वत लेकर फर्जी अंग प्रत्यारोपण के एनओसी जारी करने वाले ट्रैप
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग की ओर से मानव अंग प्रत्यारोपण को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं. इस कार्य में किसी भी तरह की अनियमितता न हो, इसलिए विभाग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए एसीबी को इसकी जांच करने के लिए आग्रह किया था. उन्होंने कहा कि इस प्रकरण को लेकर सरकार पूरी तरह से गंभीर है और मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 के तहत ईएचसीसी अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट का लाइसेंस तुरंत प्रभाव से स्थगित करने की कार्रवाई की जा रही है. शुभ्रा सिंह ने कहा कि इस प्रकरण की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें - एसएमएस अस्पताल ने रचा इतिहास, 100 से अधिक रोबोटिक सर्जरी को दिया अंजाम
बैठक में एसीबी के डीजी राजीव शर्मा ने बताया कि एसीबी ने इस संबंध में तुरंत कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके कार्यालय की तलाशी लेकर अहम दस्तावेज बरामद किए हैं. साथ ही उनके कार्यालय से इलेक्ट्रानिक उपकरण भी जब्त किए गए हैं.