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रामनिवास के इस्तीफे के बाद वन विभाग के लिए विधायकों की लाइन, नागर सिंह भी रेस में शामिल!

रामनिवास रावत की हार के बाद वन विभाग किसे मिलेगा. नागर सिंह की उम्मीद तो बढ़ी है साथ ही कई विधायक जोर लगा रहे हैं.

FOREST AND ENVIRONMENT MINISTER
वन विभाग के लिए विधायकों की लगी लाइन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

भोपाल: विजयपुर उपचुनाव में रामनिवास रावत की हार के बाद प्रदेश की मोहन सरकार में एक बार फिर मंत्री पद को लेकर रेस शुरू होने जा रही है. रामनिवास रावत को इसी साल 8 जुलाई को वन मंत्री बनाया गया था, लेकिन उनकी हार के बाद एक बार फिर मोहन सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं. रामनिवास रावत के पास पर्यावरण और वन जैसे बड़े विभाग थे. उनके इस्तीफे के साथ ही फिलहाल यह दोनों विभाग मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के पास चले जाएंगे. रामनिवास रावत के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अब मोहन कैबिनेट में मंत्रिमंडल में सदस्यों की संख्या घटकर 30 रह गई है. इस तरह अभी मंत्रिमंडल में 4 और मंत्रियों की जगह खाली हो गई है.

क्या फिर नागर को मिलेगा वन विभाग

रामनिवास रावत विधायक बनने के पहले ही कैबिनेट मंत्री बन गए थे. बीजेपी ने नागर सिंह चौहान से वन एवं पर्यावरण विभाग लेकर रामनिवास रावत को सौंप दिया था. इसके बाद नागर सिंह चौहान ने कड़ी नाराजगी जताई थी. रामनिवास रावत की उपचुनाव में हार और मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद नागर सिंह चौहान एक बार फिर इस विभाग की दावेदारी कर सकते हैं. उधर कई सीनियर विधायकों की मंत्री पद को लेकर निगाह है. पार्टी के सीनियर विधायक गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह, संजय पाठक एक बार फिर मंत्री बनाए जाने को लेकर दवाब बना सकते हैं.

मंत्रिमंडल में अब 4 जगह खाली

मोहन कैबिनेट में रामनिवास रावत के इस्तीफे के बाद मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या घटकर 30 रह गई है. मोहन सरकार में दो उप मुख्यमंत्री, 18 कैबिनेट मंत्री, 6 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 4 राज्य मंत्री बनाए गए थे. मध्यप्रदेश विधानसभा सदस्यों की संख्या के हिसाब से देखा जाए तो मोहन सरकार में 34 मंत्री बनाए जा सकते हैं. मंत्री पद के 4 खाली स्थानों पर बीजेपी के एक दर्जन से ज्यादा विधायक दौड़ में हैं. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया कहते हैं कि "अभी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोई सूचना नहीं है. पार्टी में संगठन तय करता है कि किसे क्या जिम्मेदारी दी जानी है."

भोपाल: विजयपुर उपचुनाव में रामनिवास रावत की हार के बाद प्रदेश की मोहन सरकार में एक बार फिर मंत्री पद को लेकर रेस शुरू होने जा रही है. रामनिवास रावत को इसी साल 8 जुलाई को वन मंत्री बनाया गया था, लेकिन उनकी हार के बाद एक बार फिर मोहन सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं. रामनिवास रावत के पास पर्यावरण और वन जैसे बड़े विभाग थे. उनके इस्तीफे के साथ ही फिलहाल यह दोनों विभाग मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के पास चले जाएंगे. रामनिवास रावत के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अब मोहन कैबिनेट में मंत्रिमंडल में सदस्यों की संख्या घटकर 30 रह गई है. इस तरह अभी मंत्रिमंडल में 4 और मंत्रियों की जगह खाली हो गई है.

क्या फिर नागर को मिलेगा वन विभाग

रामनिवास रावत विधायक बनने के पहले ही कैबिनेट मंत्री बन गए थे. बीजेपी ने नागर सिंह चौहान से वन एवं पर्यावरण विभाग लेकर रामनिवास रावत को सौंप दिया था. इसके बाद नागर सिंह चौहान ने कड़ी नाराजगी जताई थी. रामनिवास रावत की उपचुनाव में हार और मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद नागर सिंह चौहान एक बार फिर इस विभाग की दावेदारी कर सकते हैं. उधर कई सीनियर विधायकों की मंत्री पद को लेकर निगाह है. पार्टी के सीनियर विधायक गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह, संजय पाठक एक बार फिर मंत्री बनाए जाने को लेकर दवाब बना सकते हैं.

मंत्रिमंडल में अब 4 जगह खाली

मोहन कैबिनेट में रामनिवास रावत के इस्तीफे के बाद मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या घटकर 30 रह गई है. मोहन सरकार में दो उप मुख्यमंत्री, 18 कैबिनेट मंत्री, 6 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 4 राज्य मंत्री बनाए गए थे. मध्यप्रदेश विधानसभा सदस्यों की संख्या के हिसाब से देखा जाए तो मोहन सरकार में 34 मंत्री बनाए जा सकते हैं. मंत्री पद के 4 खाली स्थानों पर बीजेपी के एक दर्जन से ज्यादा विधायक दौड़ में हैं. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया कहते हैं कि "अभी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोई सूचना नहीं है. पार्टी में संगठन तय करता है कि किसे क्या जिम्मेदारी दी जानी है."

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