भोपाल। राजधानी भोपाल तेजी से मेट्रोपोलिटन शहर की तरह विकास कर रही है. आवागमन के लिए बढ़ती आधारभूत सरचनाएं इसे और तेज परिवहन सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं. जल्द ही शहर में मेट्रो के कामर्शियल रन की तैयारी की जा रही है. अधिकारियों का दावा है कि सितंबर 2024 से शहरवासी मेट्रो के सफर का आनंद ले सकेंगे. इसकी शुरुआत एम्स अस्पताल से सुभाष नगर तक बनाए गए सात किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर से होगी. इसमें हबीबगंज नाका से रानी कमलापति के बीच स्टील ब्रिज बनाने का काम किया जा रहा है. इसके पूरा होते ही पूरे ट्रैक के गुणवत्ता की जांच होगी. इसके बाद मेट्रो को चलाने की हरी झंडी दी जाएगी.
रत्नागिरी से भदभदा तक के लिए 1122 करोड़ रुपए का टेंडर जारी
प्रायोरिटी कॉरिडोर में मेट्रो का संचालन शुरु होते ही रत्नागिरी तिराहे से भदभदा तक करीब 14 किलोमीटर का एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जाएगा. इसमें 13 मेट्रो स्टेशन बनेंगे. एमपी मेट्रो कार्पोरेशन ने एलिवेटेड कॉरिडोर, मेट्रो स्टेशन, रोलिंग स्टाक समेत अन्य कार्यों के लिए 1122 करोड़ के टेंडर जारी किया है. अधिकारियों का दावा है कि वर्ष 2026 तक मेट्रो परियोजना में प्रथम चरण का काम पूरा कर लिया जाएगा.
आरामिल के पास भूमिगत टनल से गुजरेगी मेट्रो
पातरापुल के पास आरा मिल से सिंधी कॉलोनी तक 3.39 किलोमीटर का मार्ग भूमिगत होगा. इसके लिए जमीन के 20 मीटर नीचे टनल बनाई जाएगी. भूमिगत मार्ग में भोपाल रेलवे स्टेशन और नादरा बस स्टैंड के पास दो मेट्रो स्टेशन बनेंगे. इनको इस प्रकार तैयार किया जाएगा, कि बिना परिसर से बाहर निकले यात्री मेट्रो स्टेशन से सीधे रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड में प्रवेश कर सकेंगे.
भूमिगत ट्रैक के लिए 60 हजार घन मीटर पत्थर की होगी खुदाई
ऑरेंज लाइन में ऐशबाग स्थित आरा मिल से डीआइजी बंगला तक दो किलोमीटर का मेट्रो ट्रैक भूमिगत होगा. इसके अंदर दो मेट्रो स्टेशन बनेंगे. इसमें इलेक्ट्रीफिकेशन, पत्थरों की खोदाई समेत अन्य कार्यों में 892 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस दौरान दो किलोमीटर टनल बनाने के लिए 60 हजार घन मीटर पत्थर निकालना पड़ेगा.
सुभाष नगर से करोंद तक 647 करोड़ रुपये से बनेगा एलिवेटेड कॉरिडोर
एम्स से करोंद तक करीब 16 किलोमीटर एलिवेटेड व भूमिगत कॉरिडोर में मेट्रो का संचालन किया जा रहा है. इसमें एम्स से सुभाष नगर तक 90 फीसद सिविल वर्क पूरा हो गया है. अब सुभाष नगर से ऐशबाग स्थित आरा मिल तक एलिवेटेड कॉरिडोर बनेगा. जबकि इसके आगे आरामिल से मेट्रो भूमिगत हो जाएगी, जो सिंधी कॉलोनी के पास स्थित बड़े बाग से एलिवेटेड कॉरिडोर तक पहुंचेगी. डीआजी बंगला से करोंद तक फिर एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण होगा. इसमें 647 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
2025 तक पर्पल और रेड लाइन में दौड़ेगी मेट्रो
राजधानी में पर्पल और रेड लाइन में मेट्रो के संचालन की समय सीमा वर्ष 2025 तक निर्धारित की गई है. लिहाजा वर्ष 2024 तक मेट्रो रेल कॉरपोरेशन का पर्पल कॉरीडोर के सिविल वर्क को पूरा करने पर जोर है. इसमें पर्पल लाइन 14.19 और दूसरी रेड लाइन 12.88 किलोमीटर की होगी. इसमें 6941.40 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
मेट्रो प्रोजेक्ट एक नजर में
प्रोजेक्ट मंजूरी 30 नवंबर 2018
एमओयू साइन हुआ- 19 अगस्त 2019
ज्वांइट वेंचर की पहली बैठक - 29 दिसंबर 2020
प्रायोरिटी कॉरिडोर में ट्रायल रन की सयम सीमा -सितंबर 2023
मेटो प्रोजेक्ट की कुल लागत - 6,941 करोड़ रुपये
प्रायोरिटी कॉरिडोर- 6.2 किलोमीटर
ट्रायल रन(सुभाष नगर से आरकेएमपी) - तीन अक्टूबर 2023