भोपाल: ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के दौरान मध्य प्रदेश में सहकारिता के क्षेत्र में भी निवेश करने के लिए उद्योगपतियों ने खासी रुचि दिखाई है. मंगलवार को जीआईएस में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग की उपस्थिति में 2305 करोड़ रुपये के 19 एमओयू साइन हुए हैं. इसके साथ ही नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड(एनडीडीबी) और मध्य प्रदेश स्टेट डेयरी को-ऑपरेटिव फेडरेशन के बीच प्रदेश में संचालित 6 सांची दुग्ध संघों के संचालन को लेकर अनुबंध हुआ है.
सीपीपीपी मॉडल पर होगा काम
मध्य प्रदेश में सीपीपीपी यानि कोऑपरेटिव पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर काम होगा. मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि "समिट में पहली बार सहकारिता क्षेत्र का विशेष सत्र किया गया है. सहकारिता विभाग में निवेश विंग की स्थापना की जाएगी. रिलायंस, वैद्यनाथ जैसी बड़ी कंपनियां सहकारिता क्षेत्र में निवेश करेंगी."
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इन बिंदुओं पर सांची और बोर्ड के बीच अनुबंध
अधिकारियों ने बताया कि सांची और एनडीडीबी के बीच प्रमुख 7 बिंदुओं पर अनुबंध हुआ है. इसमें सहकारी समितियों को मजबूत बनाने के साथ इससे जुड़े लोगों को एनडीडीबी प्रशिक्षण दिलाएगा. बोर्ड ही सभी दुग्ध संघों के प्लांट को अपग्रेड करेगा. दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखना होगा. दुग्ध संघों के क्षेत्र में उपयुक्त विपणन प्रणाली लागू की जाएगी. ग्वालियर और जबलपुर दुग्ध संघ का उन्नयन और रीवा-शहडोल में नए प्लांट लगाए जाएंगे. इसके साथ ही पड़ोसी राज्यों में भी सांची की ब्रांड बिल्डिंग मजबूत करनी होगी.
सांची का नहीं बदलेगा ब्रांड नेम
सांची दुग्ध संघ के एमडी सतेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि "एनडीडीबी न तो दुग्ध संघों को अपने आधिपत्य में लेगा और न ही ब्रांड सांची के नाम में बदलाव करेगा. पिछले साल सितंबर में भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के साथ भारत सरकार की पशुपालन एवं डेयरी सचिव अल्का उपाध्याय और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड आनंद (गुजरात) के अध्यक्ष एवं प्रबंध संचालक मीनेश शाह ने बैठक की थी. बैठक में दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण को लेकर चर्चा हुई थी. साथ ही बैठक में मध्य प्रदेश सरकार और एनडीडीबी के बीच एमओयू को लेकर सैद्धांतिक सहमति बनी थी. अब 5 महीने बाद ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में इसका एमओयू साइन हुआ."
5 साल में दोगुना होगा उत्पादन
सांची दुग्ध संघ के एमडी सतीश कुमार एस ने बताया कि एनडीडीबी के कमान संभालने के बाद कच्चे दूध की प्रोसेसिंग करने, पावडर बनाने और अन्य उत्पाद बनाने के लिए अत्याधुनिक प्रोसेसिंग प्लांट स्थापति किया जाएगा. जिसमें एक साथ सभी दुग्ध उत्पादों की प्रोसेसिंग की जा सकेगी. वर्तमान में दूध के विभिन्न उत्पाद बनाने के लिए अलग-अलग स्तर पर प्रोसेसिंग की जाती है. अभी एनडीडीबी के अधिकारी संघ के आय-व्यय और व्यवस्थाओं की जानकारी ले रहे हैं. यहां के कर्मचारियों की जानकारी भी जुटा रहे हैं."
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कई दुग्ध संघों को कर्ज से उबार चुका है एनडीडीबी
बता दें कि एनडीडीबी को कर्ज में फंसे दुग्ध संघों को उबारने में महारत हासिल है. बोर्ड कई दुग्ध संघों को घाटे से उबार चुका है और कुछ संघों को वापस संचालन का अधिकार दिया गया है. इससे पहले एनडीडीबी ने राजस्थान, जलगांव, झारखंड, असम, वाराणसी और विदर्भ समेत कई दुग्ध संघों को घाटे से उबारकर मुनाफे में लाया है. इसी वजह से एमपी सरकार सांची दुग्ध संघ की कमान एनडीडीबी को सौंपने जा रही है.