भोपाल। एमपी में कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी होने के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ गोविंद सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि 'कांग्रेस में संवादहीनता की स्थिति हो रही है. जब निर्णय में मनमानी होती है, तो कुछ लोगों को वेदना होती है और वो सहन नहीं कर पाते. उन्होंने कहा कि पार्टी में संवाद नहीं है. परिवार की तरह साझा निर्णय नहीं हो पा रहे हैं.'
कांग्रेस के निर्णयों में मनमानी, संवादहीनता भी
डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि कोई तो कमी है, जिसके बाद इस तादात में लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी में वार्तालाप संवाद नहीं है. जैसे एक दूसरे से भाईचारे के साथ परिवार में लोग रहते हैं, निर्णय लेते हैं. वो नहीं है. डिसीजन में मनमानी होती है तो कुछ लोगों को वेदना होती है. वे सहन नहीं कर पाते हैं और जल्दबाजी में ऐसा निर्णय ले लेते हैं.
लोगों को हैसियत से ज्यादा मिला फिर भी छोड़ गए
डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि जो नेता छोड़ रहे हैं. समझ आ रहा है कि अलग-अलग मतलब से जुड़े थे. अब भी मतलब है कि कहीं कुछ मिल जाए. जब पार्टी ने इतना कुछ दिया. हैसियत से ज्यादा दिया. उसके बाद पार्टी छोड़ दी. लोग क्या सोच कर गए हैं. क्या बात हुई है उनसे पूछना चाहिए.
मैंने ग्वालियर से टिकट मांगा है
डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि उन्होने 'पहले मुरैना से टिकट भी मांगा था, सहमति भी बन गई थी. फिर मुरैना में जात-पात की राजनीति ज्यादा है. अव वे ग्वालियर से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं और टिकट मांग रहे हैं. उन्होंने इस बात से इंकार किया कि कांग्रेस में उम्मीदवारों का टोटा है. गोविंद सिंह ने कहा कि अब भी हमारे यहां कतार है टिकट मांगने वालों की.
यहां पढ़ें... |
मैं कहीं नहीं जा रहा...नरोत्तम अच्छे दोस्त
डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि मैं 35 साल कांग्रेस का विधायक रहा हूं. कांग्रेस की विचारधारा से जुड़ा हूं. मैं कहीं नहीं जा रहा. रही बात नरोत्तम मिश्रा से मुलाकत की तो ये तो लोगों को अलग-अलग नजरिया हो सकता है. उन्होंने कहा कि नरोत्तम और हम कॉलेज के समय से हम दोनों मित्र हैं. पड़ोसी भी हैं, एक दूसरे से पारिवारिक संबंध है. एक दूसरे के घर आना जाना रहता है और अभी भी बना हुआ है. विभिन्न विचारधाराओं में रहते हुए भी हमारा सौजन्य मुलाकात होती रहती है.