भोपाल: यदि किसी में हौसला हो तो उम्र बाधा नहीं बनती, ये साबित कर दिखाया है, मध्य प्रदेश की ज्योति रात्रे ने. जो 55 साल की उम्र में अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट विंसन फतह करने जा रही हैं. इससे पहले वे 5 महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटियों तक पहुंच चुकी हैं. अब माउंट विंसन पर जाने वाली ज्योति मध्य प्रदेश की पहली पर्वतारोही बनने जा रही हैं. इसके लिए वो भोपाल में काफी पसीना बहा रही हैं.
सेवन समिट मिशन करेंगी पूरा
ज्योति रात्रे ने बताया कि "उनका लक्ष्य सेवन समिट मिशन को पूरा करना है. इसका मतलब है कि विश्व के सात महाद्वीपों की सबसे उंची चोटियों को फतह करना. ज्योति माउंट विंसन की 4,892 मीटर उंचाई तक जाएंगी. इस दौरान उनके साथ भारत के 6 अन्य पर्वतारोही और क्रू मेंबर रहेंगे. उन्होंने बताया कि 13 दिसंबर को भोपाल से मुंबई के लिए फ्लाइट है. इसके बाद 14 दिसंबर को मुंबई से चिली के सेंटिएगो के लिए रवाना होगी. 18 दिसंबर को विशेष विमान से ज्योति अंटार्कटिका पहुंचेगी."
-30 से -60 सेंटीग्रेट टेंप्रेचर पर रहना होगा
"ज्योति ने बताया कि अंटार्कटिका में केवल 6 महीने ही दिन होते हैं. केवल दिसंबर के महीने में ही मौसम ऐसा रहता है, जब माउंट विंसन पर पहुंचा जा सकता है. जबकि साल के बाकी महीनों में यहां पहुंचना बहुत कठिन होता है. वेदर के कारण यहां दिसंबर के अलावा फ्लाईट लैंड होने में भी काफी परेशानियां आती है. यहां का सामान्य टेम्प्रेचर -30 से लेकर -60 डिग्री सेंटीग्रेट तक होता है. ऐसे में माउंट विंसन पर फतह से पहले पर्वतारोही को पर्याप्त प्रशिक्षण और तैयारी की जरुरत होती है.
मौसम के प्रभाव से बचने के लिए कर रही तैयारी
अंटार्कटिका जाने से पहले ज्योति पर्याप्त तैयारी कर रही हैं. वो प्रतिदिन प्राणायाम कर रही हैं. जिससे शरीर को गर्म रखा जा सके. इसके साथ ही आईस बाथ ले रही हैं. पर्वतारोही को माउंट विंसन पर जाते समय अपने साथ 35 से 40 किलो का लगेज भी ले जाना होता है. इसके लिए वो भोपाल के मनुआभान टेकरी की दिन में 2 से 3 बार चढ़ाई कर रही हैं. इस दौरान वो अपनी कमर पर एक टायर को बांधकर उसमें कुछ पत्थर रखकर चढ़ाई करती हैं. बता दें कि माउंट विसंन पर जाने वाले पर्वतारोही को स्लेज पर अपने लगेज को खींचना होता है.
पर्वतारोहण में खर्च कर दी करोड़ों की जमा पूंजी
पति केके रात्रे ने बताया कि "ज्योति का आखिरी पड़ाव उत्तर अमेरिका की सबसे उंची चोटी देनाली फतह करना है. इसके बाद उनका सेवन समिट मिशन पूरा होगा. केके रात्रे ने बताया कि अब तक उन्होंने जितने पर्वतों पर फतह की है, इसमें काफी पैसा खर्च हुआ है. एवरेस्ट फतह में ही 30 लाख रुपये से ज्यादा खर्च हो चुका है. अब माउंट विसंन का खर्च ही 60 लाख रुपये है. इन सब में परिवार की जमापूंजी खर्च हो चुकी है. हालांकि कुछ स्पांसरशिप भी मिली है."
48 साल की उम्र में ऐसे लगा शौक
केके रात्रे ने बताया कि "साल 2017 में ज्योति मनाली घूमने गई थी. जिसके बाद उन्हें हिमालय का सौंदर्य देखकर इसे बार-बार देखने का मन हुआ. यहीं से उन्होंने तय किया कि वो माउंट एवरेस्ट पर जाएंगी, लेकिन उनके पास इसके लिए कोई अनुभव नहीं था. इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण भी नहीं मिल पाया, क्योंकि 40 साल के बाद माउंट एवरेस्ट फहत के लिए प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है. ज्योति 55 साल की उम्र में अब तक 17 उंचे पर्वतों की चढ़ाई पूरी कर चुकी हैं."
खुद का व्यापार, पति बिजली कंपनी में अधिकारी
बता दें कि ज्योति रात्रे का खुद का बिजनेस है. वो स्कूल और कार्पोरेट सेक्टर में यूनिफार्म की डील करती हैं. उनकी खुद की मैनुफैक्चर यूनिट और बल्क सप्लाई है. इससे जो भी कमाई होती है, ज्योति उसे पर्वतारोहण पर खर्च करती हैं. उनके पति केके रात्रे मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में डिप्टी चीफ जनरल मैनेजर हैं. ज्योति के शौक को आगे बढ़ाने में उनका भी काफी योगदान है.
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2023 में एक क्रू मेंबर की वजह से छोड़ना पड़ी एवरेस्ट फतह
बता दें कि ज्योति साल 2023 में माउंट एवरेस्ट की यात्रा पर गई थी. इस दौरान उन्होंने 8200 मीटर तक चढ़ाई पूरी कर ली थी, लेकिन इसी बीच एक क्रू मेंबर की तबीयत खराब हो गई. जिसकी वजह से उन्हें अपना शेरपा बीमार व्यक्ति को देना पड़ गया और ज्योति एवरेस्ट फतह करने की केवल 650 मीटर दूरी से वापस लौटना पड़ा. हालांकि उन्होंने 2024 में फिर प्रयास किया और 19 मई 2024 को नेपाल के माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पूरी की.