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शांत हुईं भागीरथी की विकराल लहरें, घाटों पर लगा मलबा और बोल्डर का ढेर, तीर्थपुरोहितों का फूटा गुस्सा - Bhagirathi Water level In Gangotri

Bhagirathi Water level In Gangotri Uttarkashi 26 जुलाई को खतरे के निशान के ऊपर बह रही भागीरथी नदी अब शांत हो गई है. जलस्तर कम होने के बाद नदी के घाटों में मलबे और बोल्डर का ढेर लग गया है.

Bhagirathi Water level In Gangotri Uttarkashi
शांत हुईं भागीरथी की विकराल लहरें (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 28, 2024, 8:04 PM IST

Updated : Jul 28, 2024, 10:01 PM IST

शांत हुईं भागीरथी की विकराल लहरें (VIDEO-ETV Bharat)

उत्तरकाशी: गंगोत्री धाम में खतरे के निशान के करीब बह रही भागीरथी (गंगा) का जलस्तर कुछ घटा है. लेकिन नदी के बढ़े हुए जलस्तर से गंगा घाटों को क्षति पहुंचने के साथ घाटों पर मलबा और बोल्डर का ढेर लग गया है. रविवार को उप जिलाधिकारी बृजेश तिवारी और सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता केएस चौहान ने धाम का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया. इधर, गंगोत्री धाम में बाढ़ जैसे हालातों के लिए तीर्थपुरोहितों ने सिंचाई विभाग की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि उनके कई बार कहने के बाद भी विभाग ने सुरक्षा उपायों पर ध्यान नहीं दिया, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई.

बीते शुक्रवार को गंगोत्री धाम में भागीरथी (गंगा) का जलस्तर अचानक बढ़ा गया था. यह स्थिति शनिवार रात तक भी बनी रही. नदी के रौद्र रूप से गंगा घाट जलमग्न हो गए. वहीं नदी का बढ़ा हुआ जलस्तर भागीरथ शिला और आरती स्थल तक पहुंच गया. शिवानंद कुटीर आश्रम में नदी की जलधारा के घुसने से दस साधु-संत और मजदूर आश्रम में फंस गए थे, जिन्हें पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने किसी तरह बचाया था. रविवार को नदी का जलस्तर कुछ कम हुआ. लेकिन यह अपने पीछे घाटों पर मलबे और बोल्डर का ढेर छोड़ गया. इससे घाटों को क्षति भी पहुंची है.

डीएम के निर्देश पर धाम में कैंप कर रहे भटवाड़ी एसडीएम बृजेश तिवारी ने रविवार को सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता के साथ धाम का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने मंदिर समिति के पदाधिकारियों से वार्ता कर सुरक्षा उपायों पर चर्चा की. सिंचाई विभाग के ईई केएस चौहान ने बताया कि नदी में पानी के साथ अत्यधिक मात्रा में बहकर आए मलबे और बोल्डर के नदी तल पर जमा होने से नदी का रूख दाईं ओर हुआ है. लेकिन आरसीसी निर्मित घाट अभी कटाव से सुरक्षित हैं. उन्होंने नदी की मूल धारा पर जमा मलबे को हटाकर चैनलाइज करने सहित अन्य दीर्घकालीन सुरक्षा उपाय किए जाने जरूरी बताए.

उन्होंने कहा कि आवश्यक सुरक्षा कार्यों को तत्काल शुरू कराया जाएगा. पानी को घाटों की तरफ बहने से रोकने के लिए वायरक्रेट लगाए जाएंगे. जलस्तर कम होते ही घाटों से मलबे को हटाने और नदी को मूल धारा की तरफ ले जाने का काम शुरू किया जाएगा.

इधर, मंदिर समिति के कोषाध्यक्ष महेश सेमवाल ने गंगोत्री धाम में बाढ़ जैसे हालातों के लिए सिंचाई विभाग की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है. कहा कि मार्च की बैठक में ही उन्होंने सिंचाई विभाग के बंगले के पास बड़ा पिलर डालने को कहा था, जिससे नदी का रूख इस तरफ न हो. लेकिन विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. बताया पिछले वर्ष भी नदी में बाईं तरफ सुरक्षा दीवार लगाई गई. बड़ी-बड़ी मशीनें नदी में उतारी गई थी. लेकिन नदी में आए मलबे को सही ढंग से नहीं हटाया गया, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई. उन्होंने सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन से शीघ्र सुरक्षात्मक उपाय शुरू करने की मांग की.

ये भी पढ़ेंः गंगोत्री में बढ़ा भागीरथी का जलस्तर, जलमग्न हुए घाट, मची अफरा-तफरी

शांत हुईं भागीरथी की विकराल लहरें (VIDEO-ETV Bharat)

उत्तरकाशी: गंगोत्री धाम में खतरे के निशान के करीब बह रही भागीरथी (गंगा) का जलस्तर कुछ घटा है. लेकिन नदी के बढ़े हुए जलस्तर से गंगा घाटों को क्षति पहुंचने के साथ घाटों पर मलबा और बोल्डर का ढेर लग गया है. रविवार को उप जिलाधिकारी बृजेश तिवारी और सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता केएस चौहान ने धाम का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया. इधर, गंगोत्री धाम में बाढ़ जैसे हालातों के लिए तीर्थपुरोहितों ने सिंचाई विभाग की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि उनके कई बार कहने के बाद भी विभाग ने सुरक्षा उपायों पर ध्यान नहीं दिया, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई.

बीते शुक्रवार को गंगोत्री धाम में भागीरथी (गंगा) का जलस्तर अचानक बढ़ा गया था. यह स्थिति शनिवार रात तक भी बनी रही. नदी के रौद्र रूप से गंगा घाट जलमग्न हो गए. वहीं नदी का बढ़ा हुआ जलस्तर भागीरथ शिला और आरती स्थल तक पहुंच गया. शिवानंद कुटीर आश्रम में नदी की जलधारा के घुसने से दस साधु-संत और मजदूर आश्रम में फंस गए थे, जिन्हें पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने किसी तरह बचाया था. रविवार को नदी का जलस्तर कुछ कम हुआ. लेकिन यह अपने पीछे घाटों पर मलबे और बोल्डर का ढेर छोड़ गया. इससे घाटों को क्षति भी पहुंची है.

डीएम के निर्देश पर धाम में कैंप कर रहे भटवाड़ी एसडीएम बृजेश तिवारी ने रविवार को सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता के साथ धाम का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने मंदिर समिति के पदाधिकारियों से वार्ता कर सुरक्षा उपायों पर चर्चा की. सिंचाई विभाग के ईई केएस चौहान ने बताया कि नदी में पानी के साथ अत्यधिक मात्रा में बहकर आए मलबे और बोल्डर के नदी तल पर जमा होने से नदी का रूख दाईं ओर हुआ है. लेकिन आरसीसी निर्मित घाट अभी कटाव से सुरक्षित हैं. उन्होंने नदी की मूल धारा पर जमा मलबे को हटाकर चैनलाइज करने सहित अन्य दीर्घकालीन सुरक्षा उपाय किए जाने जरूरी बताए.

उन्होंने कहा कि आवश्यक सुरक्षा कार्यों को तत्काल शुरू कराया जाएगा. पानी को घाटों की तरफ बहने से रोकने के लिए वायरक्रेट लगाए जाएंगे. जलस्तर कम होते ही घाटों से मलबे को हटाने और नदी को मूल धारा की तरफ ले जाने का काम शुरू किया जाएगा.

इधर, मंदिर समिति के कोषाध्यक्ष महेश सेमवाल ने गंगोत्री धाम में बाढ़ जैसे हालातों के लिए सिंचाई विभाग की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है. कहा कि मार्च की बैठक में ही उन्होंने सिंचाई विभाग के बंगले के पास बड़ा पिलर डालने को कहा था, जिससे नदी का रूख इस तरफ न हो. लेकिन विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. बताया पिछले वर्ष भी नदी में बाईं तरफ सुरक्षा दीवार लगाई गई. बड़ी-बड़ी मशीनें नदी में उतारी गई थी. लेकिन नदी में आए मलबे को सही ढंग से नहीं हटाया गया, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई. उन्होंने सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन से शीघ्र सुरक्षात्मक उपाय शुरू करने की मांग की.

ये भी पढ़ेंः गंगोत्री में बढ़ा भागीरथी का जलस्तर, जलमग्न हुए घाट, मची अफरा-तफरी

Last Updated : Jul 28, 2024, 10:01 PM IST
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