बैतूल। सावलीगढ़ रेंज के जंगल से लगे खेत के कुएं में गिरे दुर्लभ व विलुप्त प्रजाति के पेंगोलिन को किसान और ग्रामीणों ने रेस्क्यू किया. लोगों ने टोकरी के सहारे कुएं से पेंगोलिन को बाहर निकालकर उसे वन विभाग को सुरक्षित सौंपा. विलुप्त वन्यप्राणी पेंगोलिन मिलने से इलाके में कौतूहल मच गया था. बताया जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी तस्करी होती है. यह पेंगोलिन करीब 10 से 15 लाख रुपए तक में बिकता है.
ग्रामीणों ने कुएं से निकाला बाहर
किसान लब्बू यादव की सूचना पर वन विभाग के प्रशिक्षु आईएफएस अक्षत जैन, एसडीओ चिचोली गौरव मिश्रा और सांवलीगढ़ रेंजर भीमा मंडलोई अपने स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे. वहां उन्होंने रेस्क्यू कर बाहर निकाले गए पेंगोलिन को देखा. इसके बाद पशु चिकित्सक ने वन्यप्राणी पेंगोलिन के स्वास्थ्य का परीक्षण किया. जब परीक्षण में पेंगोलिन स्वस्थ निकला, तो उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया.
यह पेंगोलिन एक से डेढ़ साल की मादा थी
किसान लब्बू यादव ने बताया कि "खेत के कुएं में पेंगोलिन को देखा तो डर गए. वह बार बार ऊपर आने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वह ऊपर नहीं चढ़ पा रहा था. गौरतलब है कि जिले के जंगल में पैंगोलिन का मिलना बहुत अच्छा माना जा रहा है, क्योंकि यह इस इलाके का वन्य प्राणी नहीं है. अभी तक इस वन्यप्राणी की मौजूदगी मण्डला, बालाघाट, सिवनी और छिंदवाड़ा में मिली है. बताया जाता कि भारत में यह विलुप्त प्रजाति का दुर्लभ स्तनधारी जानवर है."
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जंगल में सुरक्षित छोड़ा गया पेंगोलिन
सूचना मिलने के बाद वन मण्डल से टीम रवाना की गई थी. टीम के साथ पशु चिकित्सक को भी भेजा गया था. चिकित्सक ने मौके पर पहुंचकर पेंगोलिन की हालत की जांच की. जब जांच के दौरान पेंगोलिन स्वस्थ मिला तो उसे जिले के अन्य जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया गया है.