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शिक्षक भर्ती : VDO ने दो अभ्यर्थियों की जगह बिठाए चार डमी कैंडिडेट, 35 लाख में हुआ सौदा, अब एसओजी रिमांड पर लेकर कर रही पूछताछ - SOG ACTION - SOG ACTION

Dummy Candidate Case शिक्षक भर्ती में डमी अभ्यर्थी बिठाकर परीक्षा पास करने के मामले में एसओजी लगातार खुलासे कर रही है. अब एसओजी ने दो अभ्यर्थियों की जगह 4 डमी कैंडिडेट बिठाने का सौदा करने वाले ग्राम विकास अधिकारी को दबोचा है. उसने 35 लाख रुपए लेकर दो अभ्यर्थियों की जगह अलग-अलग पारियों में चार डमी कैंडिडेट बिठाए थे.

एसओजी रिमांड पर लेकर कर रही पूछताछ
एसओजी रिमांड पर लेकर कर रही पूछताछ (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 12, 2024, 11:20 AM IST

Updated : Sep 12, 2024, 11:28 AM IST

जयपुर. शिक्षक भर्ती में डमी अभ्यर्थी बिठाकर परीक्षा पास करने के मामले में एसओजी ने दो अभ्यर्थियों की जगह 4 डमी कैंडिडेट बिठाने का सौदा करने वाले ग्राम विकास अधिकारी को दबोचा है. उसने 35 लाख रुपए लेकर दो अभ्यर्थियों की जगह अलग-अलग पारियों में चार डमी कैंडिडेट बिठाए थे. एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया, करौली के काचरोदा निवासी अनिल कुमार मीणा और गंगापुरसिटी के बामनवास निवासी सुरतराम मीणा ने राजस्थान लोकसेवा आयोग की शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन किया था. लेकिन दोनों ने परीक्षा नहीं दी और अपनी जगह दो पारियों में चार अलग-अलग डमी कैंडिडेट बिठाए थे.

दोनों शिक्षकों को एसओजी कर चुकी गिरफ्तार : अनिल कुमार मीणा और सुरतराम मीणा ने 24 दिसंबर 2022 को दूसरी पारी में हुई विज्ञान विषय की परीक्षा और 29 जनवरी को हुई सामान्य ज्ञान व शैक्षिक मनोविज्ञान की परीक्षा में डमी कैंडिडेट बिठाए थे. इस मामले में दोनों को एसओजी पहले गिरफ्तार कर चुकी है. पूछताछ और जांच में सामने आया कि उन्होंने खुद की जगह डमी कैंडिडेट बिठाने के लिए ग्राम विकास अधिकारी दर्शनलाल मीणा से सौदा किया था.

पढ़ें: प्राध्यापक भर्ती में खुद की जगह बिठाया डमी अभ्यर्थी, अब एसओजी के हत्थे चढ़ा मुख्य आरोपी

वीडीओ की मदद लेकर धोखे से बने टीचर : दर्शनलाल मीणा साल 2018 से पाली जिले की मांडा ग्राम पंचायत में ग्राम विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत है. जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि दर्शन लाल ने अनिल कुमार से 20 लाख रुपए और सुरतराम से 15 लाख रुपए में सौदा तय कर चार डमी कैंडिडेट परीक्षा में बिठाने के लिए उपलब्ध करवाए थे. परीक्षार्थी अनिल कुमार मीणा और सुरतराम मीणा ने खुद परीक्षा नहीं देकर डमी परीक्षार्थीयों से दोनों विषयों की परीक्षा दिलवाई और विज्ञान विषय के शिक्षक बन गए.

वीडीओ 17 सितंबर तक रिमांड पर : इस मामले में अनिल कुमार मीणा को 4 सितंबर 2024 को और सुरतराम मीणा को 5 सितंबर 2024 को गिरफ्तार किया गया था. अब इस मामले के जांच अधिकारी एसओजी के एएसपी प्रकाश कुमार शर्मा ने अनिल कुमार मीणा और सुरतराम मीणा के लिए डमी अभ्यर्थी बिठाने वाले ग्राम विकास अधिकारी दर्शनलाल मीणा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने उसे 17 सितंबर तक एसओजी को रिमांड पर सौंपा है.

चार डमी कैंडिडेट की तलाश में एसओजी : दर्शनलाल मीणा मूलतः करौली जिले के अस्थल गांव का रहने वाला है और 2018 से पाली जिले के मांडा ग्राम पंचायत में ग्राम विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत है. अब एसओजी अनिल कुमार मीणा और सुरतराम मीणा के स्थान पर डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा देने वाले चार युवकों की तलाश में जुटी है. इनके बारे में दर्शनलाल मीणा से पूछताछ की जा रही है. उससे पूछताछ में डमी कैंडिडेट बिठाने वाले गिरोह के बारे में कई अहम खुलासे होने की संभावना है.

जयपुर. शिक्षक भर्ती में डमी अभ्यर्थी बिठाकर परीक्षा पास करने के मामले में एसओजी ने दो अभ्यर्थियों की जगह 4 डमी कैंडिडेट बिठाने का सौदा करने वाले ग्राम विकास अधिकारी को दबोचा है. उसने 35 लाख रुपए लेकर दो अभ्यर्थियों की जगह अलग-अलग पारियों में चार डमी कैंडिडेट बिठाए थे. एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया, करौली के काचरोदा निवासी अनिल कुमार मीणा और गंगापुरसिटी के बामनवास निवासी सुरतराम मीणा ने राजस्थान लोकसेवा आयोग की शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन किया था. लेकिन दोनों ने परीक्षा नहीं दी और अपनी जगह दो पारियों में चार अलग-अलग डमी कैंडिडेट बिठाए थे.

दोनों शिक्षकों को एसओजी कर चुकी गिरफ्तार : अनिल कुमार मीणा और सुरतराम मीणा ने 24 दिसंबर 2022 को दूसरी पारी में हुई विज्ञान विषय की परीक्षा और 29 जनवरी को हुई सामान्य ज्ञान व शैक्षिक मनोविज्ञान की परीक्षा में डमी कैंडिडेट बिठाए थे. इस मामले में दोनों को एसओजी पहले गिरफ्तार कर चुकी है. पूछताछ और जांच में सामने आया कि उन्होंने खुद की जगह डमी कैंडिडेट बिठाने के लिए ग्राम विकास अधिकारी दर्शनलाल मीणा से सौदा किया था.

पढ़ें: प्राध्यापक भर्ती में खुद की जगह बिठाया डमी अभ्यर्थी, अब एसओजी के हत्थे चढ़ा मुख्य आरोपी

वीडीओ की मदद लेकर धोखे से बने टीचर : दर्शनलाल मीणा साल 2018 से पाली जिले की मांडा ग्राम पंचायत में ग्राम विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत है. जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि दर्शन लाल ने अनिल कुमार से 20 लाख रुपए और सुरतराम से 15 लाख रुपए में सौदा तय कर चार डमी कैंडिडेट परीक्षा में बिठाने के लिए उपलब्ध करवाए थे. परीक्षार्थी अनिल कुमार मीणा और सुरतराम मीणा ने खुद परीक्षा नहीं देकर डमी परीक्षार्थीयों से दोनों विषयों की परीक्षा दिलवाई और विज्ञान विषय के शिक्षक बन गए.

वीडीओ 17 सितंबर तक रिमांड पर : इस मामले में अनिल कुमार मीणा को 4 सितंबर 2024 को और सुरतराम मीणा को 5 सितंबर 2024 को गिरफ्तार किया गया था. अब इस मामले के जांच अधिकारी एसओजी के एएसपी प्रकाश कुमार शर्मा ने अनिल कुमार मीणा और सुरतराम मीणा के लिए डमी अभ्यर्थी बिठाने वाले ग्राम विकास अधिकारी दर्शनलाल मीणा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने उसे 17 सितंबर तक एसओजी को रिमांड पर सौंपा है.

चार डमी कैंडिडेट की तलाश में एसओजी : दर्शनलाल मीणा मूलतः करौली जिले के अस्थल गांव का रहने वाला है और 2018 से पाली जिले के मांडा ग्राम पंचायत में ग्राम विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत है. अब एसओजी अनिल कुमार मीणा और सुरतराम मीणा के स्थान पर डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा देने वाले चार युवकों की तलाश में जुटी है. इनके बारे में दर्शनलाल मीणा से पूछताछ की जा रही है. उससे पूछताछ में डमी कैंडिडेट बिठाने वाले गिरोह के बारे में कई अहम खुलासे होने की संभावना है.

Last Updated : Sep 12, 2024, 11:28 AM IST
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