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फल बेचने वाले की बिटिया बनी सोल्जर, ट्रेनिंग से गांव लौटने पर हुआ गाजे-बाजे के साथ Welcome - BANKA SOLDIER DAUGHTER

बांका की बेटी रिया सोल्जर बन गई. रविवार को गांववालों ने बैंड-बाजे के साथ स्वागत किया. ग्रामीणों ने उन पर फूलों की बरसात कर दी.

बांका में सोल्जर बेटी का स्वागत
बांका में सोल्जर बेटी का स्वागत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 13, 2024, 7:21 PM IST

Updated : Oct 13, 2024, 10:33 PM IST

बांका: बिहार के बांका में फल बेचने वाले की बेटी रिया कुमारी ने अभावों में रहकर भी मुकाम पर पहुंचने का ऐसा जज्बा दिखाया है कि उससे कई युवक-युवतियों की उम्मीदों को भी पंख लगना लाजमी है. बिहार के बांका की रहने वाली फल विक्रेता की बेटी अपने पहले ही प्रयास में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स में कॉस्टेबल बन गई है. जिसका रविवार को गांव वालों ने बैंड-बाजे के साथ स्वागत किया.

फल बेचने वाली की बेटी बनी सोल्जर: खास बात यह है कि बांका की इस बेटी के पिता फल बेचकर अपना गुजारा करते आ रहे हैं. पर रिया ने आर्थिक तंगी को अपनी पढ़ाई पर हावी नहीं होने दिया. वे अपने लगातार अध्ययन के जरिए खुद को ताराशती रहीं और आखिरकार सेना में सोल्जर बनने में कामयाब रहीं. स्कूल की पढ़ाई के दौरान देश की सेवा करने का जज्बा रखने वाली रिया कहती हैं कि प्रथम प्रयास में ही मैंने यह नौकरी हासिल की है.

बांका में सोल्जर बेटी का स्वागत (ETV Bharat)

सब काम करते हैं तब गुजारा: अमरपुर नगर पंचायत की वार्ड संख्या आठ की रहने वाली रिया ने कहा कि माता-पिता लगातार हौसला देते रहे. जिसके बाद यह सफलता मिली है. रिया का कहना है कि परिवार में सभी लोग काम करते हैं, तब जाकर गुजारा होता है. पढ़ाई के लिए परिवार के सभी सदस्यों ने मदद की. इसलिए उनकी यह सफलता केवल अकेले की नहीं बल्कि, पूरे परिवार के सामूहिक प्रयासों का फल है.

"माता-पिता ने मुझे कड़ी मेहनत करके पढ़ाया है. बारिश और धूप में भी दुकान चलाकर मुझे पढ़ाया. मेरी पढ़ाई 12वीं तक हुई है. अभी ग्रेजुएशन में हूं. पढ़ाई के साथ साथ फिजिकल की तैयारी करने के लिए भगालपुर जाना पड़ता था. मैंने अपनी पढ़ाई जारी रखा और लगातार प्रयास करती रही. जिसका फल मुझे मिला पहले ही प्रयास में BSF में भर्ती हो गईं." - रिया कुमारी

बांका में बेटी का स्वागत
बांका में बेटी का स्वागत (ETV Bharat)

माता-पिता का सपना हकीकत में बदला: बेटी की इस उपलब्धि पर पूरा परिवार खुश हैं. रिया के पिता कहते हैं कि हमें अपने समय में पढ़ने का मौका नहीं मिल पाया. पर हमने बेटे बेटियों को पढ़ाने का सपना देखा था जो आज सच हो गया है. कई साल से फल बेच रहे हैं. रिया के पिता सरवन कुमार ने कहा कि हमारी बेटी एक मिसाल है क्योंकि उसने जीवन में कड़े संघर्ष के बावजूद हिम्मत नहीं हारी.

'बेटी ने जो सोचा था वह कर दिखाया': पिता ने कहा कि मेरे मोहल्ले का जो माहौल था उस माहौल को बदल दिया है. अपने परिवार के साथ अपने मोहल्ले के लोग भी काफी खुश हैं सभी झूम रहे हैं. बच्चे पटाखे फोड़ रहे हैं. इसी मेहनत का फल है कि बेटी ने जो सोचा था वह कर दिखाया.

बांका में सोल्जर बेटी का गांव में बैंड-बाजे से स्वागत
बांका में सोल्जर बेटी का गांव में बैंड-बाजे से स्वागत (ETV Bharat)

बेटी ट्रेनिंग कर लौटी तो पूरा गांव झूमा: मां ने बताया की बड़ी बेटी रिया कुमारी का चयन बीएसएफ में हुआ. रिया तीन भाई बहन है. दो छोटे भाई पीयूष और आयुष है जो अंडर मैट्रिक की पढ़ाई कर रहे हैं. भाई बहनों में सबसे बड़ी है और अपने हुनर से पहले ही प्रयास में बीएसएफ में सिलेक्शन हुआ. मगर जब ट्रेनिंग लेकर अपने मोहल्ला वापस लौटी तो घर और मोहल्ला के लोगों ने अपने मोहल्ले की बेटी पर फक्र जताते हुए बैंड बाजा के साथ उनका स्वागत किया.

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फल बेचने वाली की बेटी बनी सोल्जर: खास बात यह है कि बांका की इस बेटी के पिता फल बेचकर अपना गुजारा करते आ रहे हैं. पर रिया ने आर्थिक तंगी को अपनी पढ़ाई पर हावी नहीं होने दिया. वे अपने लगातार अध्ययन के जरिए खुद को ताराशती रहीं और आखिरकार सेना में सोल्जर बनने में कामयाब रहीं. स्कूल की पढ़ाई के दौरान देश की सेवा करने का जज्बा रखने वाली रिया कहती हैं कि प्रथम प्रयास में ही मैंने यह नौकरी हासिल की है.

बांका में सोल्जर बेटी का स्वागत (ETV Bharat)

सब काम करते हैं तब गुजारा: अमरपुर नगर पंचायत की वार्ड संख्या आठ की रहने वाली रिया ने कहा कि माता-पिता लगातार हौसला देते रहे. जिसके बाद यह सफलता मिली है. रिया का कहना है कि परिवार में सभी लोग काम करते हैं, तब जाकर गुजारा होता है. पढ़ाई के लिए परिवार के सभी सदस्यों ने मदद की. इसलिए उनकी यह सफलता केवल अकेले की नहीं बल्कि, पूरे परिवार के सामूहिक प्रयासों का फल है.

"माता-पिता ने मुझे कड़ी मेहनत करके पढ़ाया है. बारिश और धूप में भी दुकान चलाकर मुझे पढ़ाया. मेरी पढ़ाई 12वीं तक हुई है. अभी ग्रेजुएशन में हूं. पढ़ाई के साथ साथ फिजिकल की तैयारी करने के लिए भगालपुर जाना पड़ता था. मैंने अपनी पढ़ाई जारी रखा और लगातार प्रयास करती रही. जिसका फल मुझे मिला पहले ही प्रयास में BSF में भर्ती हो गईं." - रिया कुमारी

बांका में बेटी का स्वागत
बांका में बेटी का स्वागत (ETV Bharat)

माता-पिता का सपना हकीकत में बदला: बेटी की इस उपलब्धि पर पूरा परिवार खुश हैं. रिया के पिता कहते हैं कि हमें अपने समय में पढ़ने का मौका नहीं मिल पाया. पर हमने बेटे बेटियों को पढ़ाने का सपना देखा था जो आज सच हो गया है. कई साल से फल बेच रहे हैं. रिया के पिता सरवन कुमार ने कहा कि हमारी बेटी एक मिसाल है क्योंकि उसने जीवन में कड़े संघर्ष के बावजूद हिम्मत नहीं हारी.

'बेटी ने जो सोचा था वह कर दिखाया': पिता ने कहा कि मेरे मोहल्ले का जो माहौल था उस माहौल को बदल दिया है. अपने परिवार के साथ अपने मोहल्ले के लोग भी काफी खुश हैं सभी झूम रहे हैं. बच्चे पटाखे फोड़ रहे हैं. इसी मेहनत का फल है कि बेटी ने जो सोचा था वह कर दिखाया.

बांका में सोल्जर बेटी का गांव में बैंड-बाजे से स्वागत
बांका में सोल्जर बेटी का गांव में बैंड-बाजे से स्वागत (ETV Bharat)

बेटी ट्रेनिंग कर लौटी तो पूरा गांव झूमा: मां ने बताया की बड़ी बेटी रिया कुमारी का चयन बीएसएफ में हुआ. रिया तीन भाई बहन है. दो छोटे भाई पीयूष और आयुष है जो अंडर मैट्रिक की पढ़ाई कर रहे हैं. भाई बहनों में सबसे बड़ी है और अपने हुनर से पहले ही प्रयास में बीएसएफ में सिलेक्शन हुआ. मगर जब ट्रेनिंग लेकर अपने मोहल्ला वापस लौटी तो घर और मोहल्ला के लोगों ने अपने मोहल्ले की बेटी पर फक्र जताते हुए बैंड बाजा के साथ उनका स्वागत किया.

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Last Updated : Oct 13, 2024, 10:33 PM IST
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