फिरोजाबाद : बाबा नीम करोली (Neem Karori Baba) के बारे में कौन नहीं जानता है. फेसबुक और एप्पल के मालिक समेत देशभर में उनके लाखों अनुयायी हैं. नैनीताल का कैंची धाम और वृंदावन में उनकी समाधि स्थल विश्व प्रसिद्ध स्थान है. आज हम आपको बताएंगे कि बाबा नीम करोली का यूपी के फिरोजाबाद जिले से क्या नाता है. दरअसल, यहां बाबा का जन्म हुआ था. यह जिला बाबा की जन्मस्थली है. रविवार को जिले में उनका जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए और प्रसाद में कंबल चढ़ाए. इस दौरान बाबा नीम करोली के नाती ने ईटीवी के साथ कुछ यादें साझा कीं.
बाबा नीम करोली की गिनती चमत्कारी संतों में की जाती है. बाबा के अनुयायी तो उन्हें रामभक्त हनुमानजी का अवतार भी मानते हैं. विश्वभर में उनके करोड़ों भक्त भी हैं. नैनीताल का कैंचीधाम बाबा का प्रसिद्ध आश्रम है. यहां देशभर से लाखों अनुयायी माथा टेकने पहुंचते हैं. मान्यता है कि बाबा नीब करोली का जन्म मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर सन् 1900 में फिरोजाबाद के गांव अकबरपुर में हुआ था जो जिले की टूण्डला तहसील में है. उनका असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था. बाबा हनुमानजी के अनन्य भक्त थे. उन्हें हनुमानजी का अवतार भी कहा जाता था.
कहा जाता है बाबा ने भवानी-अल्मोड़ा मार्ग पर स्थित दो पहाड़ियों के बीच कैंची धाम को अपनी तपोस्थली के रूप में चुना था. बाबा ने यहां कई वर्षों तक तपस्या कर सिद्धियां प्राप्त की थीं. यहां की सड़कें एक दूसरे को कैंची की तरह काटती हैं. इस वजह से इसे कैंची धाम कहा जाता है. यह स्थान नैनीताल के नजदीक है. यहां हर वर्ष बड़ी संख्या में भक्त उमड़ते हैं. 10 सितंबर 1973 को बाबा नीब करोली ने वृंदावन में समाधि ली थी. बाबा पर कई किताबें भी लिखी है. कैंची धाम तब ज्यादा चर्चा में आया जब यहां स्टीव जॉब्स से लेकर मार्क जुकरबर्ग पहुंचे. इसके अलावा कई जानी-मानी विदेश हस्तियां यहां बाबा के दर्शन को पहुंचीं. इसके अलावा विराट कोहली, अनुष्का शर्मा समेत कई बॉलीवुड हस्तियां यहां अक्सर दर्शन को पहुंचतीं हैं.
डाक बगलिया में रहते थे बाबाः बताया जाता है कि अकबरपुर गांव में एक डाक बगलिया में बाबा रहते थे. वह डाक बगलिया आज भी मौजूद है. रविवार को शुक्लपक्ष अष्टमी के दिन बाबा के अकबर गांव में भव्य जन्मोत्सव मनाया गया. बाबा नीम करोली के नाती डॉ. धनंजय शर्मा ने जन्मोत्सव में शिरकत की और केक भी काटा. उन्होंने ईटीवी के साथ बाबा की यादों को साझा किया. साथ ही क्षेत्र के विकास पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि गांव और जन्मस्थली के विकास के लिए जो धनराशि स्वीकृत की गई है उसे जल्द से जल्द रिलीज किया जाए.