भरतपुर/डीग : राजस्थान और हरियाणा के मेवात क्षेत्र में अब तक 4000 फर्जी सिम बेच चुके असम के साइबर अपराधी जहीरुल इस्लाम उर्फ जुहरू को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया है. यह साइबर अपराधी मेवात के साइबर अपराधी बिलाल के संपर्क में था, जो असम से फर्जी सिम खरीदकर राजस्थान व हरियाणा के मेवात क्षेत्र में बेचता था. वहीं, पुलिस ने भरतपुर और डीग जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से कुल 10 अन्य साइबर ठगों को भी गिरफ्तार किया है.
डीग एसपी राजेश कुमार मीणा ने बताया कि 12 नवंबर को जुरहरा थाने के गांवड़ी निवासी ठग बिलाल को 60 फर्जी सिमों के साथ गिरफ्तार किया गया था. आरोपी ठग बिलाल ने पूछताछ में बताया कि उसने ये सिम असम के ग्वालपाड़ा निवासी जहीरुल से खरीदा था. उसके बाद डीग पुलिस ने तकनीकी सूचना के आधार पर संबंधित थाने की मदद से आरोपी जहीरुल को गिरफ्तार कर लिया.
इसे भी पढ़ें - MP के फर्जी सिम, एटीएम कार्ड सप्लाई करने वाले 3 ठग समेत 8 गिरफ्तार, विज्ञापन और सेक्सटोर्शन से करते थे ठगी
एसपी राजेश कुमार ने बताया कि साइबर ठग जहीरुल ने पूछताछ में कबूला है कि वो अब तक राजस्थान और हरियाणा के मेवात क्षेत्र में करीब 4 हजार सिम बेच चुका है. आरोपी जहीरुल 1600 से 1800 रुपए प्रति सिम के हिसाब से अपराधियों को सिम बेचता था. मामले में अब तक बिलाल और जहीरुल के अलावा तीन और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि दो विधि से संघर्षरत बालकों को निरुद्ध किया गया है.
9 अन्य ठग गिरफ्तार : मुखबिर से सूचना पर कामां पुलिस ने गुड़गांवा कैनाल के पास सरसों के खेत में दबिश दी.मौके पर साइबर अपराधी ऑनलाइन ठगी में लिप्त पाए गए. पुलिस टीम ने मौके से घेराबंदी कर गांव लाडलाका निवासी आदिल, साजिद, आकिल, दिलशाद और तालीम को गिरफ्तार किया. वहीं सीकरी थाना पुलिस ने जय श्री गौशाला के पास से साइबर ठगी में लिप्त पाए गए अलग अलग गांव के रहने वाले आरोपी माहिर आजाद, आसिफ, इरफान और कैफ को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से 8 मोबाइल, 2 एटीएम कार्ड, फर्जी सिम समेत अन्य सामान जब्त किया है.
इसे भी पढ़ें - 8 साइबर ठग गिरफ्तार, इनके कारनामे जान हो जाएंगे हैरान - Cyber Crime
रिटायर्ड अधिकारी से ठगे 64 हजार, अलवर से कॉलेज छात्र गिरफ्तार : साइबर अपराधियों के जाल में फंसे एक रिटायर्ड अधिकारी से 64,987 रुपए ठगने के मामले में भरतपुर की साइबर थाना पुलिस ने अलवर के रायबका निवासी एक कॉलेज छात्र को गिरफ्तार किया है. पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने बताया कि ठगी का यह मामला 14 जून को 1930 नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज हुआ था, जहां पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया कि अज्ञात ठगों ने पुलिस अधिकारी बनकर उन्हें ब्लैकमेल किया और पैसे ऐंठे. पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक ही दिन में तीन अलग-अलग ट्रांजेक्शनों के जरिए यह ठगी की और तुरंत एटीएम से पैसे निकाल लिए. गहन पड़ताल के बाद, पुलिस ने 21 वर्षीय अरुण को गिरफ्तार किया, जो पहले भी साइबर ठगी के मामले में बहरोड थाने में गिरफ्तार हो चुका है.
ठगी का नेटवर्क : जांच में यह भी सामने आया कि ठगी के लिए बैंक खाते मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के लोगों के नाम पर खोले गए थे, जिन्हें ऑनलाइन जॉब के नाम पर गुमराह कर ठगों ने इस्तेमाल किया. पुलिस फिलहाल आरोपी के अन्य साथियों और ठगी के पूरे नेटवर्क का पता लगा रही है. एसपी ने नागरिकों से अपील की है कि वे ऐसे साइबर अपराधियों से सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज के जाल में न फंसें.