अलवर. डाक सेवक के पद पर नियुक्ति के लिए 5 अभ्यर्थियों ने दसवीं की फर्जी मार्कशीट को लगाया था. जांच में फर्जीवाड़ा सामना आने के बाद पांचों की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है. पांचों के खिलाफ अलवर शहर के अरावली विहार थाना में फर्जी मार्कशीट से नौकरी पाने का मामला दर्ज करवाया है. पांचों अभ्यर्थियों ने तमिलानाडु से दसवीं पास करने की फर्जी मार्कशीट को लगाया था.
डाक विभाग के प्रवर अधीक्षक झब्बार ने बताया कि अभ्यर्थी हितेश पुत्र हरिनारायण यादव, शैलेंद्र कुमार पुत्र सत्यनारायण, पिंटू कुमार पुत्र कैलाश चंद मीणा, साहिल पुत्र अशोक कुमार और मनीषा नैना पुत्री राजू की नियुक्ति पर रोक लगाई गई है. सभी ने बोर्ड ऑफ सेकंडरी एक्जामिनेशन तमिलनाडु से दसवीं की मार्कशीट को लगाया था, जो जांच में फर्जी मिली. झब्बार ने बताया कि भर्ती में पास होने वाले अभ्यर्थियों के दस्तावेज जांच के लिए संबंधित बोर्ड को भेजे जाते हैं. वहां से दस्तावेज वेरीफाई होते हैं. तब नियुक्ति दी जाती है.
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इन पांचों अभ्यर्थियों के पास बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन तमिलनाडु से 10वीं पास की मार्कशीट थी. जिसका विभाग के जरिए 16 जनवरी को वेरीफिकेशन कराया गया. जिस पर तमिलनाडु बोर्ड ने साफ मना कर दिया कि ये मार्कशीट उनकी नहीं है. इसके बाद ग्रामीण डाक सेवक के पद पर भर्ती हुए पांचों अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है. झब्बार ने बताया कि अलवर में 2022-23 में 35 डाक सेवक भर्ती हुए हैं. जिनमें से अधिकतर की ज्वाइनिंग हो चुकी है. इन पांच के दस्तावेज फर्जी मिले हैं, इसलिए ज्वाइनिंग को रोका गया है.