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दरगाह में पीएम की चादर पर रोक लगाने की अर्जी का मामला, 24 जनवरी को होगी सुनवाई - AJMER DARGAH CONTROVERSY

अजमेर में दरगाह पर प्रधानमंत्री की ओर से चादर भेजने पर रोक लगाने के लिए कोर्ट में अर्जी दायर की गई थी.

Ajmer dargah controversy
पीएम की चादर पर रोक लगाने की अर्जी का मामला (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 4, 2025, 5:22 PM IST

अजमेर : ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में प्रधानमंत्री द्वारा भेजी गई चादर पर रोक लगाने को लेकर अजमेर पश्चिम की सिविल कोर्ट प्रथम में शुक्रवार को परिवादी विष्णु गुप्ता द्वारा लगाई गई अर्जी पर कोर्ट ने अगली सुनवाई 24 जनवरी को निर्धारित की है. यह मामला दरगाह वाद से संबंधित है, जिसमें हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करते हुए याचिका दायर की थी. यह मामला फिलहाल कोर्ट में विचाराधीन है. इस मामले में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात विभाग, केंद्रीय पुरातत्व विभाग और अजमेर दरगाह कमेटी को पक्षकार बनाया गया है. हालांकि, दरगाह में पीएम की ओर से चादर पेश कर दी गई है.

गुप्ता ने बताया कि उर्स के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अजमेर दरगाह में भेजी गई चादर के खिलाफ उन्होंने कोर्ट में अर्जी दी थी. अर्जी में यह कहा गया था कि यदि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग उर्स के मौके पर दरगाह में चादर पेश करते हैं, तो इसका असर चल रहे केस पर पड़ सकता है. गुप्ता ने आगे बताया कि सरकार स्वयं पक्षकार है और जब सरकार खुद ही एकतरफा फैसला लेकर दरगाह में चादर भेजती है, तो इसका न्यायिक प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है. यह पक्ष वकील के माध्यम से कोर्ट में रखा गया है. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने इस अर्जी पर सुनवाई के लिए 24 जनवरी की तारीख तय की है. इसके साथ ही संकट मोचन महादेव मंदिर बनाम अजमेर दरगाह केस की अगली सुनवाई भी 24 जनवरी को होने वाली है.

परिवादी विष्णु गुप्ता (ETV Bharat Ajmer)

इसे भी पढ़ें- ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 813वां उर्स, पीएम की ओर से किरेन रिजिजू ने पेश की चादर, पढ़ा संदेश

यह है दरगाह वाद प्रकरण : हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करते हुए अजमेर पश्चिम सिविल कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका में परिवादी ने अजमेर दरगाह कमेटी, भारतीय पुरातत्व विभाग और केंद्रीय अल्पसंख्यक विभाग को पक्षकार बनाया था. कोर्ट ने तीनों पक्षकारों को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया था. इन पक्षकारों ने लिखित में अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट से समय मांगा है. हालांकि, दरगाह कमेटी ने प्लेस ऑफ वरशिप एक्ट 1991 और ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह एक्ट 1955 का हवाला देते हुए वाद को निरस्त करने की अर्जी दी है. इस प्रकरण की अगली सुनवाई भी 24 जनवरी को होगी.

अजमेर : ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में प्रधानमंत्री द्वारा भेजी गई चादर पर रोक लगाने को लेकर अजमेर पश्चिम की सिविल कोर्ट प्रथम में शुक्रवार को परिवादी विष्णु गुप्ता द्वारा लगाई गई अर्जी पर कोर्ट ने अगली सुनवाई 24 जनवरी को निर्धारित की है. यह मामला दरगाह वाद से संबंधित है, जिसमें हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करते हुए याचिका दायर की थी. यह मामला फिलहाल कोर्ट में विचाराधीन है. इस मामले में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात विभाग, केंद्रीय पुरातत्व विभाग और अजमेर दरगाह कमेटी को पक्षकार बनाया गया है. हालांकि, दरगाह में पीएम की ओर से चादर पेश कर दी गई है.

गुप्ता ने बताया कि उर्स के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अजमेर दरगाह में भेजी गई चादर के खिलाफ उन्होंने कोर्ट में अर्जी दी थी. अर्जी में यह कहा गया था कि यदि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग उर्स के मौके पर दरगाह में चादर पेश करते हैं, तो इसका असर चल रहे केस पर पड़ सकता है. गुप्ता ने आगे बताया कि सरकार स्वयं पक्षकार है और जब सरकार खुद ही एकतरफा फैसला लेकर दरगाह में चादर भेजती है, तो इसका न्यायिक प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है. यह पक्ष वकील के माध्यम से कोर्ट में रखा गया है. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने इस अर्जी पर सुनवाई के लिए 24 जनवरी की तारीख तय की है. इसके साथ ही संकट मोचन महादेव मंदिर बनाम अजमेर दरगाह केस की अगली सुनवाई भी 24 जनवरी को होने वाली है.

परिवादी विष्णु गुप्ता (ETV Bharat Ajmer)

इसे भी पढ़ें- ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 813वां उर्स, पीएम की ओर से किरेन रिजिजू ने पेश की चादर, पढ़ा संदेश

यह है दरगाह वाद प्रकरण : हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करते हुए अजमेर पश्चिम सिविल कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका में परिवादी ने अजमेर दरगाह कमेटी, भारतीय पुरातत्व विभाग और केंद्रीय अल्पसंख्यक विभाग को पक्षकार बनाया था. कोर्ट ने तीनों पक्षकारों को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया था. इन पक्षकारों ने लिखित में अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट से समय मांगा है. हालांकि, दरगाह कमेटी ने प्लेस ऑफ वरशिप एक्ट 1991 और ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह एक्ट 1955 का हवाला देते हुए वाद को निरस्त करने की अर्जी दी है. इस प्रकरण की अगली सुनवाई भी 24 जनवरी को होगी.

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