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अजमेर दरगाह को हिंदू मंदिर बताने से नाराज दरगाह दीवान के बेटे ने दर्ज कराया मुकदमा, आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

Ajmer Sharif Dargah, अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू मंदिर बताने और दरगाह में एएसआई सर्वेक्षण कराने की मांग के खिलाफ दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन के बेटे सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने दरगाह थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. साथ ही उन्होंने पुलिस से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

Ajmer Sharif Dargah
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 28, 2024, 4:45 PM IST

अजमेर. ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को हिंदू मंदिर बताकर धार्मिक भावना भड़काने का आरोप लगाते हुए दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन के पुत्र सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने दरगाह थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. दरगाह थाना प्रभारी नरेंद्र जाखड़ ने बताया कि सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती की ओर से शिकायत मिली है. उनका आरोप है कि हिंदू शक्ति दल संगठन की ओर से धार्मिक भावनाओं को भड़काने के उद्देश्य से दरगाह को मंदिर बताकर गलत टिप्पणी की जा रही है और सोशल मीडिया पर इसको लेकर पोस्ट डाला गया है. इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा है. वहीं, प्रकरण दर्ज कर पूरे मामले की जांच की जा रही है. साथ ही चिश्ती ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले वीडियो पोस्ट को शेयर करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की है. दरअसल, एक हफ्ते पहले हिंदू शक्ति दल संगठन के नाम से कुछ लोगों ने एडीएम सिटी को ज्ञापन देकर दरगाह में एएसआई सर्वेक्षण कराने की मांग की थी.

हिंदू शक्ति दल ने अतिरिक्त कलेक्टर को सौंपा था ज्ञापन : दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन के साहबजादे सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने बताया कि सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती ने अपनी पूरी जिंदगी मानव सेवा में गुजारी है. लोगों को उन्होंने मोहब्बत और भाईचारे का संदेश दिया है. गरीबों के दुख दर्द दूर करके उन्हें खुशी नवाजते थे. इसलिए लोग उन्हें ख्वाजा गरीब नवाज के नाम से भी जानते हैं. ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में देश-दुनिया से विभिन्न मजहब के लोग आते हैं. करोड़ों लोगों में ख्वाजा गरीब नवाज के प्रति आस्था है. वहीं, बीते 21 फरवरी को हिंदू शक्ति दल संगठन के अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों की ओर से अतिरिक्त कलेक्टर को ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के संबंध में एक ज्ञापन दिया गया था.

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ज्ञापन में दरगाह के संबंध में अनर्गल तथ्य के आधार पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई और उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया गया. यह कृत्य धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए हेट स्पीच की श्रेणी में आता है. उन्होंने कहा कि इस कृत्य से ख्वाजा गरीब नवाज में अकीदा रखने वाले लोग काफी आक्रोशित हैं. वहीं, दरगाह थाने शिकायत देकर आरोपियों के खिलाफ अविलंब सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है.

जानें पूरा मामला : हिंदू शक्ति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से बीते 21 फरवरी को अजमेर एडीएम सिटी को ज्ञापन दिया गया था. इस ज्ञापन में अजमेर दरगाह को हिंदू मंदिर बताकर एएसआई सर्वेक्षण करवाने की मांग की गई थी. इसके साथ ही दरगाह को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी भी की गई.

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खादिम समुदाय ने भी दर्ज किया मुकदमा : इस मामले में दरगाह के खादिम शकील अब्बासी ने भी अजमेर के क्लॉक टावर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. साथ ही खादिम ने धार्मिक भावना आहत करने का आरोप लगाया है. फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी है.

अजमेर. ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को हिंदू मंदिर बताकर धार्मिक भावना भड़काने का आरोप लगाते हुए दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन के पुत्र सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने दरगाह थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. दरगाह थाना प्रभारी नरेंद्र जाखड़ ने बताया कि सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती की ओर से शिकायत मिली है. उनका आरोप है कि हिंदू शक्ति दल संगठन की ओर से धार्मिक भावनाओं को भड़काने के उद्देश्य से दरगाह को मंदिर बताकर गलत टिप्पणी की जा रही है और सोशल मीडिया पर इसको लेकर पोस्ट डाला गया है. इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा है. वहीं, प्रकरण दर्ज कर पूरे मामले की जांच की जा रही है. साथ ही चिश्ती ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले वीडियो पोस्ट को शेयर करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की है. दरअसल, एक हफ्ते पहले हिंदू शक्ति दल संगठन के नाम से कुछ लोगों ने एडीएम सिटी को ज्ञापन देकर दरगाह में एएसआई सर्वेक्षण कराने की मांग की थी.

हिंदू शक्ति दल ने अतिरिक्त कलेक्टर को सौंपा था ज्ञापन : दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन के साहबजादे सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने बताया कि सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती ने अपनी पूरी जिंदगी मानव सेवा में गुजारी है. लोगों को उन्होंने मोहब्बत और भाईचारे का संदेश दिया है. गरीबों के दुख दर्द दूर करके उन्हें खुशी नवाजते थे. इसलिए लोग उन्हें ख्वाजा गरीब नवाज के नाम से भी जानते हैं. ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में देश-दुनिया से विभिन्न मजहब के लोग आते हैं. करोड़ों लोगों में ख्वाजा गरीब नवाज के प्रति आस्था है. वहीं, बीते 21 फरवरी को हिंदू शक्ति दल संगठन के अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों की ओर से अतिरिक्त कलेक्टर को ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के संबंध में एक ज्ञापन दिया गया था.

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ज्ञापन में दरगाह के संबंध में अनर्गल तथ्य के आधार पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई और उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया गया. यह कृत्य धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए हेट स्पीच की श्रेणी में आता है. उन्होंने कहा कि इस कृत्य से ख्वाजा गरीब नवाज में अकीदा रखने वाले लोग काफी आक्रोशित हैं. वहीं, दरगाह थाने शिकायत देकर आरोपियों के खिलाफ अविलंब सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है.

जानें पूरा मामला : हिंदू शक्ति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से बीते 21 फरवरी को अजमेर एडीएम सिटी को ज्ञापन दिया गया था. इस ज्ञापन में अजमेर दरगाह को हिंदू मंदिर बताकर एएसआई सर्वेक्षण करवाने की मांग की गई थी. इसके साथ ही दरगाह को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी भी की गई.

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खादिम समुदाय ने भी दर्ज किया मुकदमा : इस मामले में दरगाह के खादिम शकील अब्बासी ने भी अजमेर के क्लॉक टावर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. साथ ही खादिम ने धार्मिक भावना आहत करने का आरोप लगाया है. फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी है.

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