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मसौढ़ी में आंगनबाड़ी सेविकाओं को 'पोषण ट्रैकर' एप चलाने की दी गई ट्रेनिंग, अब लाभार्थियों को समय पर मिलेगा लाभ

Anganwadi Workers In Masaurhi: पटना के मसौढ़ी में आंगनबाड़ी सेविकाओं को 'पोषण ट्रैकर' ऐप चलाने की ट्रेनिंग दी गई. जहां आंगनवाड़ी केंद्रों की निगरानी एवं आईसीडीएस सेवाओं में पारदर्शिता लाने के लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षण दिया गया. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम तीन दिनों तक चलेगा.

Anganwadi Workers In Masaurhi
मसौढ़ी में आंगनबाड़ी सेविकाओं को 'पोषण ट्रैकर' एप चलाने की दी गई ट्रेनिंग
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 5, 2024, 7:35 PM IST

मसौढ़ी: राजधानी पटना के मसौढ़ी प्रखंड में आंगनवाड़ी केंद्रो की निगरानी एवं आईसीडीएस की सेवाओं में पारदर्शिता लाने को लेकर आंगनबाड़ी सेविकाओं को ट्रेनिंग दी गई. उन्होंने 'पोषण ट्रैकर एप' समझाकर काम करने का प्रशिक्षण दिया गया. बता दें कि इसके जरिये केंद्र की मॉनिटरिंग की जाएगी. यह कार्यक्रम तीन दिनों तक चलेगा.

पोषण ट्रैकर एप की मिली ट्रेनिंग: आंगनबाड़ी केंद्रों से संबंधित सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और आईसीडीएस प्रक्रिया को आसान बनाने को लेकर सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के सेविकाओं को पोषण ट्रैकर एप की ट्रेनिंग दी गई है. पोषण ट्रैकर ऐप के सफल क्रियान्वयन को लेकर प्रखंड एवं जिला स्तर पर आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. विभागीय निर्देश के आलोक में लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने में हो रही देरी को खत्म करने के लिए और पोषण ट्रैकर मोबाइल ऐप के माध्यम से सभी कार्य समय पर संपन्न कराना है, सभी सेविकाओं को काम करने में काफी सहूलियत होगी.

"आईसीडीएस से संबंधित सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और आंगनबाड़ी केंद्रो के काम को सहज और प्रभावी बनाने के लिए विभागीय स्तर की तरफ से लगातार प्रयास किया जा रहे हैं. इसी क्रम में आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी और अनुसरण के लिए एक नया मोबाइल एप्लीकेशन जारी किया गया है. इस पोषण ट्रैक्टर ऐप के उपयोग से आंगनबाड़ी केंद्रो का मूल्यांकन और निगरानी करने में आसान होगी." - अर्चना कुमारी, सीडीपीओ, मसौढ़ी

इनके लिए होगा लाभदायक: गौरतलब हो कि राष्ट्रीय पोषण अभियान की पोषण ट्रैकर एप के जरिए सभी आंगनबाड़ी केंद्र पर वास्तविक समय में निगरानी रखी जाती है. साथ ही केंद्रों की ट्रैकिंग के साथ-साथ उसे सक्षम बनाया जाता है. यह सरकारी एप गर्भवती महिलाओं, स्तनपान करने वाली मां, किशोर लड़कियों और किशोर लड़कों के लिए लाभदायक साबित होता है.

पोषण ट्रैकर ऐप में अपलोड होगी जानकारी: बता दें कि इस एप के माध्यम से आंगनबाड़ी वर्कर द्वारा बच्चे व माता सहित गर्भवती महिला से संबंधित तमाम जानकारी एकत्रित कर पोषण ट्रैकर ऐप में अपलोड की जाती है. उनके खाने-पीने सहित रहन-सहन से संबंधित सारी जानकारी जुटाई जाती है और समय-समय पर इसकी मॉनिटरिंग भी की जाती है.

इसे भी पढ़े- आंगनबाड़ी सेविकाओं को दिया जा रहा है पोषण ट्रैकर ऐप चलाने का प्रशिक्षण, काम में होगी आसानी

मसौढ़ी: राजधानी पटना के मसौढ़ी प्रखंड में आंगनवाड़ी केंद्रो की निगरानी एवं आईसीडीएस की सेवाओं में पारदर्शिता लाने को लेकर आंगनबाड़ी सेविकाओं को ट्रेनिंग दी गई. उन्होंने 'पोषण ट्रैकर एप' समझाकर काम करने का प्रशिक्षण दिया गया. बता दें कि इसके जरिये केंद्र की मॉनिटरिंग की जाएगी. यह कार्यक्रम तीन दिनों तक चलेगा.

पोषण ट्रैकर एप की मिली ट्रेनिंग: आंगनबाड़ी केंद्रों से संबंधित सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और आईसीडीएस प्रक्रिया को आसान बनाने को लेकर सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के सेविकाओं को पोषण ट्रैकर एप की ट्रेनिंग दी गई है. पोषण ट्रैकर ऐप के सफल क्रियान्वयन को लेकर प्रखंड एवं जिला स्तर पर आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. विभागीय निर्देश के आलोक में लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने में हो रही देरी को खत्म करने के लिए और पोषण ट्रैकर मोबाइल ऐप के माध्यम से सभी कार्य समय पर संपन्न कराना है, सभी सेविकाओं को काम करने में काफी सहूलियत होगी.

"आईसीडीएस से संबंधित सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और आंगनबाड़ी केंद्रो के काम को सहज और प्रभावी बनाने के लिए विभागीय स्तर की तरफ से लगातार प्रयास किया जा रहे हैं. इसी क्रम में आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी और अनुसरण के लिए एक नया मोबाइल एप्लीकेशन जारी किया गया है. इस पोषण ट्रैक्टर ऐप के उपयोग से आंगनबाड़ी केंद्रो का मूल्यांकन और निगरानी करने में आसान होगी." - अर्चना कुमारी, सीडीपीओ, मसौढ़ी

इनके लिए होगा लाभदायक: गौरतलब हो कि राष्ट्रीय पोषण अभियान की पोषण ट्रैकर एप के जरिए सभी आंगनबाड़ी केंद्र पर वास्तविक समय में निगरानी रखी जाती है. साथ ही केंद्रों की ट्रैकिंग के साथ-साथ उसे सक्षम बनाया जाता है. यह सरकारी एप गर्भवती महिलाओं, स्तनपान करने वाली मां, किशोर लड़कियों और किशोर लड़कों के लिए लाभदायक साबित होता है.

पोषण ट्रैकर ऐप में अपलोड होगी जानकारी: बता दें कि इस एप के माध्यम से आंगनबाड़ी वर्कर द्वारा बच्चे व माता सहित गर्भवती महिला से संबंधित तमाम जानकारी एकत्रित कर पोषण ट्रैकर ऐप में अपलोड की जाती है. उनके खाने-पीने सहित रहन-सहन से संबंधित सारी जानकारी जुटाई जाती है और समय-समय पर इसकी मॉनिटरिंग भी की जाती है.

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