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आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी ने चूरू के तत्कालीन SP राहुल बारहट के पदक और पुरस्कार वापस लेने की उठाई मांग - Anandpal Encounter

Anandpal Encounter Case, गैंगस्टर आनंदपाल एनकाउंटर मामले में चूरू के तत्कालीन एसपी राहुल बारहट को दिए गए नकद पुरस्कार और मेडल वापस लेने की मांग उठी है. यह मांग चर्चित आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी ने उठाई है.

Anandpal Encounter Case
आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी ने की ये मांग (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 1, 2024, 12:39 PM IST

जयपुर. गैंगस्टर आनंदपाल सिंह एनकाउंटर मामले में जांच का सामना कर रहे चूरू के तत्कालीन एसपी (आईपीएस अधिकारी) राहुल बारहट की मुश्किलें आने वाले समय में बढ़ सकती है. चर्चित आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी ने राहुल बारहट को दिए मेडल और नकद पुरस्कार वापस लेने की मांग की है. साथ ही उन्होंने राहुल बारहट की प्रतिनियुक्ति रद्द करने की भी उन्होंने मांग उठाई है.

दरअसल, पंकज चौधरी ने मुख्यमंत्री कार्यालय के एसीएस शिखर अग्रवाल को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा कि न्याय का सिद्धांत निष्पक्षता पर आधारित होता है. आनंदपाल एनकाउंटर मामले में राहुल बारहठ व अन्य अधिकारियों को कोर्ट ने हत्या जैसे संगीन मामले में आरोपी बनाया है. 2007 बैच के आईपीएस अधिकारी राहुल बारहठ चूरू एसपी के पद पर 26 जून 2015 से 23 जुलाई 2018 तक करीब तीन साल तक पदस्थापित रहे.

इसे भी पढ़ें - दहशत का दूसरा नाम था आनंदपाल, एनकाउंटर के बाद मचा बवाल, कोर्ट ने उठाए सवाल - Anandpal Encounter Case

उन्हें न सिर्फ विशेष पदोन्नति दी गई वरन स्पेशल अवार्ड और नकद पुरस्कार और चूरू जिले में 3 साल का कार्यकाल दिया गया. उनको लगातार फील्ड पोस्टिंग दी गई और वर्ष 2021 में प्रतिनियुक्ति भी प्रदान की गई. इसके साथ ही 2019 में बीएसएफ द्वारा प्रशंसा पत्र भी प्रदान किया गया. हत्या के आरोपी अधिकारी को इतने परिलाभ व विशेष दर्जा प्रदान किया गया. जो गंभीर जांच का विषय है. उन्होंने मांग की है कि राहुल बारहट की मुंबई प्रतिनियुक्ति रद्द कर तत्काल वापस बुलाने, पहले दिए गए पदक और नकद लाभ जब्त करने की भी पंकज चौधरी ने मांग की है.

मुझे दो साल में मिली सात चार्जशीट : इसी पत्र में पंकज चौधरी ने कहा कि वे 19 नवंबर 2015 से 16 जनवरी 2019 तक स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो में पदस्थापित रहे. इस दौरान उन्हें दो साल में राज्य सरकार द्वारा अवैध व असंगत रूप से 7 चार्जशीट दी गई. उन्होंने कहा, एक तरफ जहां हत्या के आरोपी आईपीएस अधिकारी को तमाम परिलाभ प्रदान किए गए और दूसरी तरह उन्हें (पंकज चौधरी को) ना सिर्फ प्रताड़ित किया गया बल्कि 3 प्रमोशन के साथ तमाम अन्य परिलाभ रोक लिए गए.

इसे भी पढ़ें - आनंदपाल एनकाउंटर में ट्विस्ट, कोर्ट ने गोली मारने के तरीके पर उठाया सवाल तो पुलिस की 'कहानी' पर फिरा पानी - Anand pal Encounter Case

कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं मिला लाभ : पंकज चौधरी ने आगे लिखा, कुछ प्रकरणों में सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली, हाईकोर्ट व केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण, नई दिल्ली द्वारा उनके पक्ष में आदेश पारित किए जाने के बावजूद अनावश्यक रूप से प्रमोशन व अन्य परिलाभ रोके गए हैं. जो 'संविधान की मूल भावना' का सरासर उल्लघंन है. उन्होंने यह भी मांग की है कि 15 दिन में उनको समस्त परिलाभ दिए जाएं.

जयपुर. गैंगस्टर आनंदपाल सिंह एनकाउंटर मामले में जांच का सामना कर रहे चूरू के तत्कालीन एसपी (आईपीएस अधिकारी) राहुल बारहट की मुश्किलें आने वाले समय में बढ़ सकती है. चर्चित आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी ने राहुल बारहट को दिए मेडल और नकद पुरस्कार वापस लेने की मांग की है. साथ ही उन्होंने राहुल बारहट की प्रतिनियुक्ति रद्द करने की भी उन्होंने मांग उठाई है.

दरअसल, पंकज चौधरी ने मुख्यमंत्री कार्यालय के एसीएस शिखर अग्रवाल को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा कि न्याय का सिद्धांत निष्पक्षता पर आधारित होता है. आनंदपाल एनकाउंटर मामले में राहुल बारहठ व अन्य अधिकारियों को कोर्ट ने हत्या जैसे संगीन मामले में आरोपी बनाया है. 2007 बैच के आईपीएस अधिकारी राहुल बारहठ चूरू एसपी के पद पर 26 जून 2015 से 23 जुलाई 2018 तक करीब तीन साल तक पदस्थापित रहे.

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उन्हें न सिर्फ विशेष पदोन्नति दी गई वरन स्पेशल अवार्ड और नकद पुरस्कार और चूरू जिले में 3 साल का कार्यकाल दिया गया. उनको लगातार फील्ड पोस्टिंग दी गई और वर्ष 2021 में प्रतिनियुक्ति भी प्रदान की गई. इसके साथ ही 2019 में बीएसएफ द्वारा प्रशंसा पत्र भी प्रदान किया गया. हत्या के आरोपी अधिकारी को इतने परिलाभ व विशेष दर्जा प्रदान किया गया. जो गंभीर जांच का विषय है. उन्होंने मांग की है कि राहुल बारहट की मुंबई प्रतिनियुक्ति रद्द कर तत्काल वापस बुलाने, पहले दिए गए पदक और नकद लाभ जब्त करने की भी पंकज चौधरी ने मांग की है.

मुझे दो साल में मिली सात चार्जशीट : इसी पत्र में पंकज चौधरी ने कहा कि वे 19 नवंबर 2015 से 16 जनवरी 2019 तक स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो में पदस्थापित रहे. इस दौरान उन्हें दो साल में राज्य सरकार द्वारा अवैध व असंगत रूप से 7 चार्जशीट दी गई. उन्होंने कहा, एक तरफ जहां हत्या के आरोपी आईपीएस अधिकारी को तमाम परिलाभ प्रदान किए गए और दूसरी तरह उन्हें (पंकज चौधरी को) ना सिर्फ प्रताड़ित किया गया बल्कि 3 प्रमोशन के साथ तमाम अन्य परिलाभ रोक लिए गए.

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कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं मिला लाभ : पंकज चौधरी ने आगे लिखा, कुछ प्रकरणों में सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली, हाईकोर्ट व केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण, नई दिल्ली द्वारा उनके पक्ष में आदेश पारित किए जाने के बावजूद अनावश्यक रूप से प्रमोशन व अन्य परिलाभ रोके गए हैं. जो 'संविधान की मूल भावना' का सरासर उल्लघंन है. उन्होंने यह भी मांग की है कि 15 दिन में उनको समस्त परिलाभ दिए जाएं.

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