प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में नकल करने वालों से सख़्ती से निपटा जाना चाहिए. नकल से योग्यता और समान अवसर के सिद्धात का हनन होता है. नकल पनी योग्यता और कड़ी मेहनत से परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को नुकसान होता है. यूपी कांस्टेबल भर्ती के लिए हुई परीक्षा में दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने के आरोपी आवेदक के स्थान पर बैठकर परीक्षा देने वाले अमरजीत चौरसिया की ज़मानत अर्ज़ी खारिज करते हुए न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने यह टिप्पणी की.
बनारस के एसबी शिक्षा निकेतन इंटरमीडिएट कॉलेज, करौंदी सुंदरपुर में 17 फरवरी 2024 को यूपी कांस्टेबल भर्ती के लिए परीक्षा हुई. याची अमरजीत चौरसिया के स्थान पर चंदन कुमार यादव परीक्षा देते पकड़ा गया. बायोमेट्रिक सत्यापन से चंदन कुमार यादव को अधिकारियों ने पकड़ लिया. इस मामले में अमरजीत के खिलाफ भी धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया. याची 20 मार्च 2024 से जेल में है.
याची के वकील ने कहा कि याची को इस मामले में गलत फंसाया गया है. उसका चंदन कुमार से कोई सरोकार नहीं है. न ही कोई आपराधिक इतिहास है. अपर शासकीय अधिवक्ता ने ज़मानत का विरोध करते हुए कहा कि चंदन कुमार ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा कि वह अमरनाथ के स्थान पर परीक्षा दे रहा था. सह-अभियुक्त चंदन की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है. कोर्ट ने संबंधित पक्षों के वकीलों को सुना है और रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री का अवलोकन करने के बाद आवदेक की जमानत अर्जी खारिज कर दी.