इंदौर। मध्य प्रदेश में अब बस आखिरी चरण की जंग बाकी है. इसके बाद 4 जून को परिणाम बताएंगे कि एमपी में बीजेपी और कांग्रेस को जनता ने कितना पसंद किया. इस आखिरी चरण में सबसे चर्चित इंदौर लोकसभा सीट है. जहां 29 अप्रैल को हुई ऊठापटक ने प्रदेश से लेकर देश तक की निगाहें इंदौर की तरफ खींच दी. एमपी कांग्रेस में भूचाल लाने वाले पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी व बीजेपी नेता अक्षय कांति बम से ईटीवी भारत एमपी ब्यूरो हेड सिफाली पांडे ने बात की. इस दौरान उन्होंने गिरफ्तारी वारंट और बीजेपी में अपने सफर के बारे में खुलकर जवाब दिए.
ईटीवी भारत से बताया गिरफ्तारी वारंट का सच
ईटीवी भारत से बात करते हुए अक्षय कांति बम ने सबसे पहले खुद को बीजेपी नेता की जगह बीजेपी कार्यकर्ता बताया. इसके बाद गिरफ्तारी वारंट को लेकर पूछे गए सवाल पर बीजेपी नेता अक्षय कांति बम ने जवाब दिया. कांति बम ने बताया कि उन्होंने कोर्ट में एप्लीकेशन दिया था कि चुनावी कार्यक्रम को देखते हुए पेशी में उन्हें छूट दी जाए. जिसे कोर्ट ने न मानते हुए अक्षय कांति बम को पेश होने के लिए कहा है. बम ने बताया यह उस चीज का वारंट है, न कि गिरफ्तारी वारंट है. अक्षय कांति बम ने कहा कि वह गिरफ्तारी वारंट नहीं है, बल्कि 307 के अंदर आपको कोर्ट में जज के सामने पेश होना पड़ेगा.'
अक्षय बम बोले-वो युद्ध कैसा जहां पराक्रम न हो
कांग्रेस छोड़ने को लेकर अफसोस के सवाल पर बम ने कहा कि ' उन्हें किसी तरह का कोई अफसोस नहीं है. उन्होंने कहा यह इतना बड़ा चुनाव होता है. संगठन, नेता, नीति और नेतृत्व का चुनाव होता है. उन्होंने कहा कि हमारे पुराने संगठन में कमजोरी थी. हमारे कार्यक्रम नहीं बन पा रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि जब इतना बड़ा चुनाव होता है तो व्यक्तिगत नहीं लड़ सकते. बीजेपी नेता ने कहा कि आगे जब आप अपना काम ही नहीं कर पा रहे हैं. अपना पराक्रम ही नहीं दिखा पा रहे हैं, तो वो युद्ध कैसा. वहीं बीजेपी में भविष्य को लेकर पूछे गए सवाल पर अक्षय कांति बम ने कहा कि सनातन धर्म और एक कार्यकर्ता बनकर जो काम कर सकता हूं, वो करुंगा.
कौन हैं अक्षय कांति बम
गौरतलब है कि अक्षय कांति वहीं नेता हैं, जिन्होंने एमपी की सियासत में अपने कारनामे से बम फोड़ दिया है. 29 अप्रैल को नाम वापसी के अंतिम दिन अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया था. इसके बाद वह तुरंत कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ कार में बैठकर सेल्फी लेते नजर आए थे. वहीं शाम होते-होते बम ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. इस पूरे घटनाक्रम का कांग्रेस ने विरोध जताया था और प्रत्याशी हरण व लोकतंत्र के चीरहरण का आरोप लगाया था. अब कांग्रेस नोटा का समर्थन करते हुए जनता से नोटा पर वोट करने की अपील कर रही है. बता दें 13 मई को इंदौर लोकसभा सीट के लिए मत डाले जाएंगे.