ETV Bharat / state

Rajasthan: अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर को, संतान के सुख की कामना के लिए माताएं रखती व्रत - AHOI ASHTAMI 2024

बीकानेर में अहोई अष्टमी 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी. इस दिन अहोई माता के साथ-साथ स्याही माता की भी उपासना की जाती है.

Ahoi Ashtami  2024
अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर को (Photo ETV Bharat Bikaner)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 19, 2024, 10:13 AM IST

बीकानेर: हिंदू धर्म शास्त्रों में करवा चौथ का व्रत पति की दीर्घायु की कामना को लेकर रखा जाता है, इसी तरह करवा चौथ के चार दिन बाद अहोई अष्टमी का व्रत पुत्र की दीर्घायु की कामना को लेकर किया जाता है. इस बारे में बीकानेर के प्रसिद्ध पंडित राजेंद्र किराडू कहते हैं कि अहोई को माता पार्वती का स्वरूप माना जाता है. मां पार्वती की आराधना करते हुए दीवार पर आकृति स्वरूप में मां और उनके सात पुत्रों की तस्वीर बनाई जाती है और चावल का भोग अर्पित करते हुए अष्टोई अष्टमी की व्रत कथा सुननी चाहिए. महिलाएं अपने पुत्र की लंबी आयु के लिए इस व्रत को करती हैं. रात्रि में तारों को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है.

पढ़ें: करवा चौथ कल, सुहागिन महिलाएं व्रत करते समय जरूरी बातों का रखें ध्यान

संतान सुख की कामना होती पूरी: पंडित राजेंद्र किराडू कहते हैं कि केवल अपने पुत्र के लिए ही माताएं ही इस व्रत को नहीं करती है, बल्कि जिन महिलाओं को संतान नहीं होती है, वो भी पुत्र की कामना को लेकर इस व्रत को करती है. अहोई माता उन पर प्रसन्न होकर उन्हें पुत्र रत्न का आशीर्वाद भी देती है. इस दौरान घर में बुजुर्ग महिला या सास को भी उपहार के तौर पर कुछ दिया जाता है. अहोई अष्टमी को लेकर बीकानेर में महिलाओं में काफी उत्साह है. महिलाएं इन दिनों करवा चौथ और अहोई अष्टमी की तैयारियों में लगी हुई है.

बीकानेर: हिंदू धर्म शास्त्रों में करवा चौथ का व्रत पति की दीर्घायु की कामना को लेकर रखा जाता है, इसी तरह करवा चौथ के चार दिन बाद अहोई अष्टमी का व्रत पुत्र की दीर्घायु की कामना को लेकर किया जाता है. इस बारे में बीकानेर के प्रसिद्ध पंडित राजेंद्र किराडू कहते हैं कि अहोई को माता पार्वती का स्वरूप माना जाता है. मां पार्वती की आराधना करते हुए दीवार पर आकृति स्वरूप में मां और उनके सात पुत्रों की तस्वीर बनाई जाती है और चावल का भोग अर्पित करते हुए अष्टोई अष्टमी की व्रत कथा सुननी चाहिए. महिलाएं अपने पुत्र की लंबी आयु के लिए इस व्रत को करती हैं. रात्रि में तारों को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है.

पढ़ें: करवा चौथ कल, सुहागिन महिलाएं व्रत करते समय जरूरी बातों का रखें ध्यान

संतान सुख की कामना होती पूरी: पंडित राजेंद्र किराडू कहते हैं कि केवल अपने पुत्र के लिए ही माताएं ही इस व्रत को नहीं करती है, बल्कि जिन महिलाओं को संतान नहीं होती है, वो भी पुत्र की कामना को लेकर इस व्रत को करती है. अहोई माता उन पर प्रसन्न होकर उन्हें पुत्र रत्न का आशीर्वाद भी देती है. इस दौरान घर में बुजुर्ग महिला या सास को भी उपहार के तौर पर कुछ दिया जाता है. अहोई अष्टमी को लेकर बीकानेर में महिलाओं में काफी उत्साह है. महिलाएं इन दिनों करवा चौथ और अहोई अष्टमी की तैयारियों में लगी हुई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.