आगरा : यूपी सरकार ने बीते मंगलवार राज्य अध्यापक पुरस्कार और मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार की घोषणा की. जिसमें 11 शिक्षकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार और दो प्रधानाचार्यों को मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार दिया गया है. जिसमें ही आगरा के डाॅ. निखिल जैन शामिल हैं. जिन्हें राज्य अध्यापक पुरस्कार मिला है. डाॅ. निखिल जैन आगरा के हरीपर्वत स्थित एमडी जैन इंटर काॅलेज में विज्ञान शिक्षक हैं. जो 9वीं और 10वीं के विद्यार्थियों को विज्ञान और गणित विषय पढ़ाते हैं. ईटीवी भारत ने डाॅ. निखिल जैन से राज्य अध्यापक पुरस्कार मिलने पर खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि, मैंने बच्चों को विज्ञान समझाने के लिए कई प्रयोग किए. जिससे बच्चे दिलचस्पी से विज्ञान पढ़ें. इसके लिए मैंने कबाड़ से जुगाड़ करके कई प्रोजेक्ट बनाए. जिनकी मदद से जब बच्चों को टाॅपिक पढ़ाए तो बच्चे खेल-खेल में विज्ञान पढ़ने और सीखने लगे. अब पुरस्कार से जिम्मेदारी और बढ़ गई है.
बता दें कि, कासगंज के निवासी डाॅ. निखिल जैन वर्तमान में आगरा के कमलानगर क्षेत्र में स्थित यमुनोत्री काॅलोनी में रहते हैं. डाॅ. निखिल जैन ने कासगंज के सुमंत कुमार माहेश्वरी इंटर काॅलेज से 2001 में पढ़ाना प्रारंभ किया. इसके बाद सन् 2009 में आगरा के प्रसिद्ध एमडी जैन इंटर काॅलेज को ज्वाइन किया. तभी से यहां पर कक्षा 9वीं और 10वीं के विद्यार्थियों को विज्ञान और गणित विषय पढ़ा रहे हैं.
प्रैक्टिकल करके समझाया तो बनी बात : डाॅ. निखिल जैन बताते हैं कि, विद्यालय में अधिकांश विद्यार्थी सामान्य और गरीब परिवारों से आते हैं जो विज्ञान को पढ़ना चाहते हैं, लेकिन, उनके पास संसाधन नहीं होते हैं. इसलिए, मैंने काॅलेज के बच्चों में विज्ञान के प्रति रुझान विकसित करने के लिए कबाड़ को सहायक बनाया. इसके लिए मैं कबाड़ से जुगाड़ करके बच्चों को पढ़ाने के साथ ही बच्चों को विज्ञान को प्रैक्टिकल कराकर समझाने लगा. जिससे उन्होंने विज्ञान पढ़ने और समझने में अपनी दिलचस्पी दिखाई. मेरा आइडिया काम कर गया. मैंने सिलेबस के मुताबिक, टाॅपिक के तमाम प्रैक्टिकल के माॅडल बनाए. जिसमें प्रकाश का परावर्तन और अपवर्तन, क्रिया प्रतिक्रिया, अंधविश्वास से जुडे माॅडल शामिल हैं.
दो हजार से अधिक बच्चों ने प्राप्त किए पुरस्कार : डाॅ. निखिल जैन ने बताया कि, मैंने अपने विभिन्न माॅडल से खेल-खेल में बच्चों को विज्ञान पढ़ाने और सिखाने के साथ ही अंधविश्वास को दूर करने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित किया. जिसका परिणाम यह रहा है कि, सन 2009 से अब तक मेरे पढ़ाए करीब दो हजार से अधिक बच्चों ने विभिन्न पुरस्कार प्राप्त किए. इनमें से छात्र सुमित बघेल और सनी ने इंस्पायर अवार्ड मानक योजना में राष्ट्रीय स्तर लगातार दो वर्ष तक प्रतिभाग किया.
छात्र ने बनाया था सेफ्टी रोलर बैरियर : डाॅ. निखिल जैन ने बताया कि, मेरे पढ़ाए छात्र सुमित ने सेफ्टी रोलर बैरियर बनाया था. जिससे वाहन दुर्घटना में चालक को कम हानि हो. जिसे खूब सराहना और पुरस्कार मिले हैं. इसके साथ ही छात्र सनी ने वर्टीएस्केप फाॅर हाई रिस्क इमरजेंसी बनाया. जिससे बहुमंजिला इमारत में आग लगने पर लोगों को आसानी से बिना नुकसान पहुंचाए निकालना शामिल है.
ये जिम्मेदारी भी संभाली : विज्ञान शिक्षक डाॅ. निखिल जैन बताते हैं कि, वे वर्तमान में समन्वयक जिला विज्ञान क्लब आगरा होने के साथ समन्वयक राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस समन्वयक व नोडल अधिकारी इंस्पायर अवार्ड आयोजन सड़क सुरक्षा अभियान के नोडल अधिकारी जवाहरलाल नेहरू बाल विज्ञान प्रदर्शनी के भी नोडल अधिकारी हैं.
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