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शेयर बाजार में मोटे मुनाफे के लालच में साइबर ठगों के चंगुल में फंसा अकाउंटेंट, 25 लाख का लगा चूना - CYBER FRAUD WITH RETIRED ACCOUNTANT

रिटायर्ड अकाउंटेंट ने कहा कि एक महीने के भीतर उनसे 25 लाख 56 हजार की ठगी की गई. ठगी का अहसास होने पर कंपलेंट कराई.

CYBER FRAUD WITH RETIRED ACCOUTANT IN DEHRADUN
देहरादून में 25 लाख की ठगी का मामला (SSOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 4, 2025, 10:33 AM IST

देहरादून: शेयर मार्केट में मोटे मुनाफे का लालच देकर साइबर ठगों ने एक रिटायर्ड अकाउंटेंट से 25 लाख रुपये ठग लिए. साइबर ठग एक महीने तक रिटायर्ड अकाउंटेंट से धनराशि जमा करवाते रहे, लेकिन उन्हें कोई भी रिटर्न नहीं मिला. जिस पर रिटायर्ड अकाउंटेंट को अहसास हुआ कि उनके साथ फ्रॉड हुआ है. उन्होंने इसकी शिकायत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दी. मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

एक महीने में ठग लिए 25 लाख 50 हजार रुपए: जीएमएस रोड निवासी विजय गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराई है कि-

14 दिसंबर 2024 को उनको एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया. इस ग्रुप में 102 सदस्य थे. पीड़ित को एक एप डाउनलोड करने के लिए कहा गया. ग्रुप का एडमिन अजय गर्ग सभी निर्देश देता रहता था. अजय गर्ग ने खुद को एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज लिमिटेड का चीफ इंवेस्टमेंट अधिकारी बताया. पीड़ित को सेबी रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र भी व्हाट्सएप पर दिखाया गया. उसके नीचे कंपनी का रजिस्ट्रेशन नंबर भी दिखाया गया.

साइबर ठगी के शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया है कि-

इसके बाद उसने निवेश करना शुरू कर दिया. शेयर अलॉटमेंट की धनराशि जमा कराए जाने के लिए व्हाट्सएप पर ही कस्टमर केयर के माध्यम से बैंक की डिटेल की कथित सूचना भी भेजी जाती थी. इसी एप पर अलॉटेड शेयर को बेचा जाता था. लाभ या हानि होने पर ट्रेडिंग अकाउंट में बैलेंस दिखाया जाता था. इस दौरान जब पीड़ित को धनराशि की जरूरत हुई, तो उन्होंने अपने ट्रेडिंग अकाउंट से धनराशि निकालना चाही. इस पर कहा गया कि आपकी रकम पर कैपिटल गेन टैक्स जमा करना होगा. सेबी की गाइडलाइन और इन्वेस्टर की सुरक्षा के कारण आपके लाभ से टैक्स काटा नहीं जा सकता है. मजबूरी में पीड़ित विजय गुप्ता ने अकाउंट में टैक्स धनराशि भी जमा की. जिसके बाद भी अकाउंट से धनराशि नहीं निकाली जा सकी.

रुपये निकालने के नाम पर बार-बार बहाने करते थे ठग: पीड़ित के मुताबिक उन्हें कहा गया कि सेबी की गाइडलाइन के अनुसार पहले आपके बैंक अकाउंट का वेरीफिकेशन होगा. उसके लिए दो लाख रुपए सिक्योरिटी के रूप में जमा करने होंगे. वेरिफिकेशन में 10 मिनट का समय लगेगा. उसके बाद खाते से खुद ही दो लाख रुपए कट जाएंगे. साइबर ठगों ने 24 दिसंबर 2024 से लेकर 23 जनवरी 2025 तक कुल 25 लाख 56 हजार रुपए जमा करवाए गए.

साइबर क्राइम कंट्रोल सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया है कि-

पीड़ित विजय गुप्ता की शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. लगातार आम जनता को इस तरह की ठगी से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा है. इसके बावजूद लोग साइबर ठगों के जाल में फंसते जा रही हैं. लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए.
-अंकुश मिश्रा, सीओ, साइबर क्राइम कंट्रोल-

ये भी पढ़ें- एक महीने पहले सेवानिवृत्त हुए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लाखों की ठगी, पड़ताल में जुटी पुलिस

ये भी पढ़ें- हल्द्वानी में एक्टिव यूपी का साइबर फ्रॉड गिरोह, छह सदस्य गिरफ्तार, बड़ी मात्रा में फर्जी डॉक्यूमेंट बरामद

ये भी पढ़ें- हैदराबाद में अंतरराज्यीय साइबर अपराध रैकेट का भंडाफोड़, तीन बैंक अफसरों समेत 52 गिरफ्तार

ये भी पढ़ें- डिजिटल ठगों ने बैंक से उड़ा दिए 2.34 करोड़, RTGS ट्रांजैक्शन सिस्टम को बनाया निशाना

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एक महीने में ठग लिए 25 लाख 50 हजार रुपए: जीएमएस रोड निवासी विजय गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराई है कि-

14 दिसंबर 2024 को उनको एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया. इस ग्रुप में 102 सदस्य थे. पीड़ित को एक एप डाउनलोड करने के लिए कहा गया. ग्रुप का एडमिन अजय गर्ग सभी निर्देश देता रहता था. अजय गर्ग ने खुद को एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज लिमिटेड का चीफ इंवेस्टमेंट अधिकारी बताया. पीड़ित को सेबी रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र भी व्हाट्सएप पर दिखाया गया. उसके नीचे कंपनी का रजिस्ट्रेशन नंबर भी दिखाया गया.

साइबर ठगी के शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया है कि-

इसके बाद उसने निवेश करना शुरू कर दिया. शेयर अलॉटमेंट की धनराशि जमा कराए जाने के लिए व्हाट्सएप पर ही कस्टमर केयर के माध्यम से बैंक की डिटेल की कथित सूचना भी भेजी जाती थी. इसी एप पर अलॉटेड शेयर को बेचा जाता था. लाभ या हानि होने पर ट्रेडिंग अकाउंट में बैलेंस दिखाया जाता था. इस दौरान जब पीड़ित को धनराशि की जरूरत हुई, तो उन्होंने अपने ट्रेडिंग अकाउंट से धनराशि निकालना चाही. इस पर कहा गया कि आपकी रकम पर कैपिटल गेन टैक्स जमा करना होगा. सेबी की गाइडलाइन और इन्वेस्टर की सुरक्षा के कारण आपके लाभ से टैक्स काटा नहीं जा सकता है. मजबूरी में पीड़ित विजय गुप्ता ने अकाउंट में टैक्स धनराशि भी जमा की. जिसके बाद भी अकाउंट से धनराशि नहीं निकाली जा सकी.

रुपये निकालने के नाम पर बार-बार बहाने करते थे ठग: पीड़ित के मुताबिक उन्हें कहा गया कि सेबी की गाइडलाइन के अनुसार पहले आपके बैंक अकाउंट का वेरीफिकेशन होगा. उसके लिए दो लाख रुपए सिक्योरिटी के रूप में जमा करने होंगे. वेरिफिकेशन में 10 मिनट का समय लगेगा. उसके बाद खाते से खुद ही दो लाख रुपए कट जाएंगे. साइबर ठगों ने 24 दिसंबर 2024 से लेकर 23 जनवरी 2025 तक कुल 25 लाख 56 हजार रुपए जमा करवाए गए.

साइबर क्राइम कंट्रोल सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया है कि-

पीड़ित विजय गुप्ता की शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. लगातार आम जनता को इस तरह की ठगी से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा है. इसके बावजूद लोग साइबर ठगों के जाल में फंसते जा रही हैं. लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए.
-अंकुश मिश्रा, सीओ, साइबर क्राइम कंट्रोल-

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