बीकानेर. गोगा नवमी के दिन गोगाजी महाराज की पूजा की जाती है. उत्तर भारत में लोकदेवता गोगा जी महाराज की पूजा होती है. हनुमानगढ़ जिले में स्थित गोगा जी महाराज के धाम गोगामेड़ी में गोगा नवमी पर बड़ा मेला भरता है और इस दिन राजस्थान सहित उत्तर भारत के दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश हिमाचल प्रदेश से बड़ी संख्या में भक्ति गोगामेड़ी पहुंचते हैं.
संतान की लंबी आयु के लिए पूजा : गोगा नवमी को लोग घरों में भी इस दिन गोगा जी महाराज की पूजा करते हैं और गोगा जी महाराज की पूजा अर्चना कर मन्नत मांगते हैं. मान्यता है कि गोगा जी महाराज की पूजा अर्चना करने से नि:संतान दंपतियों को संतान का सुख मिलता है और संतान की लंबी आयु के लिए भी माताएं इस दिन गोगा जी महाराज की पूजा करती हैं.
सांप के कांटे से बचाव : किसी भी व्यक्ति को सांप के काटने से बचाने के लिए गोगा जी महाराज की पूजा की जाती है. सांप के काटने के बाद किसी भी तरह की बीमारी से बचने के लिए लोग गोगा जी महाराज को पूजते हैं और गोगामेड़ी धाम पहुंचते हैं.
लाखों की संख्या में श्रद्धालु : हनुमानगढ़ जिले में गोगामेड़ी धाम और हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर में गोगा नवमी पर बड़ा आयोजन होता है. गोगा जी महाराज के जीवन चरित्र को बताने के साथ ही इस दिन सांस्कृतिक आयोजन से जुड़ा मेला भी भरता है. इस मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और उत्तर भारत में बड़े धार्मिक आयोजन या मेले में गोगा जी महाराज के मेले का जिक्र होता है.
ऐसे होती पूजा : इस दिन घर की दीवार पर दूध में कोयला पीसकर चाकोर घर बनाकर सर्प की आकृति का चित्रण किया जाता है. इसके बाद इन सर्पों पर जल, कच्चा दूध, रोली-चावल, बाजरा, आटा, घी, चीनी मिलाकर प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता है.