धौलपुर: जिले की मनिया थाना पुलिस एवं उत्तर प्रदेश के मैनपुरी की एसओजी की टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित सुआ का बाग के नजदीक छैमार गैंग के 8 बदमाशों को फोर व्हीलर गाड़ी से पकड़ा गया है. बदमाशों के कब्जे से दो अवैध हथियार, जिंदा कारतूस, डंडे एवं अन्य उपकरण बरामद किए हैं.
पुलिस अधीक्षक सुमित मेहरड़ा ने बताया कि विगत लंबे समय से जिले में चोरी और नकबजनी की घटनाओं में इजाफा देखने को मिल रहा था. उन्होंने बताया कि मैनपुरी पुलिस के एसओजी के पुलिस अधिकारी कुलदीप दीक्षित ने धौलपुर पुलिस को छैमार गैंग की गतिविधियों के बारे में अवगत कराया. बदमाशों की लोकेशन साइबर सेल एवं आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित मनिया थाना इलाके में सुआ का बाग के नजदीक ट्रैस हुई थी. मनिया थाना पुलिस, डीएसटी टीम एवं अन्य पुलिस थानों की टीम को शामिल कर कार्रवाई करने के लिए मौके पर भेजा गया.
पुलिस टीम ने नाकाबंदी कर छैमार गैंग के बदमाश 30 वर्षीय मुस्ताक खान पुत्र नबी खान, 25 वर्षीय साहिल उर्फ संजय पुत्र हमीद, 24 वर्षीय नूर आलम पुत्र सकुर खान, 25 वर्षीय सानू पुत्र रिजवान, 22 वर्षीय शाहबाज पुत्र उस्मान, 40 वर्षीय आरिफ खान पुत्र बरखान, 25 वर्षीय पचू पुत्र जमील खा और 24 वर्षीय नासिर पुत्र जमील खान को गिरफ्तार किया है. एसपी ने बताया कि बदमाशों के कब्जे से एक बंदूक, एक तलवार, पांच जिंदा कारतूस एवं डंडे बरामद किए हैं. उन्होंने बताया कि गैंग ने हाल ही में मनिया और राजाखेड़ा इलाके में सियापुरा, हिनौता, बीलपुर, तोर समेत आधा दर्जन गांवों में चोरी और नकबजनी की घटनाओं को अंजाम दिया था.
राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में मचा रखा था आतंक: पुलिस अधीक्षक सुमित मेहरड़ा ने बताया कि छैमार गैंग के बदमाश राजस्थान के धौलपुर, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर, जयपुर, अजमेर, भरतपुर आदि जिलों में चोरी और नकबजनी की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं. इसके अलावा मध्य प्रदेश के मुरैना, ग्वालियर, भिंड व उत्तर प्रदेश के आगरा, मैनपुरी, इटावा, मथुरा, फिरोजाबाद आदि जिलों में वारदाते कर चुके हैं.
करते थे हरे डंडे का इस्तेमाल: एसओजी मैनपुरी के पुलिस अधिकारी कुलदीप दीक्षित ने बताया कि ये बदमाश पहले हरा भारी डंडा रखते थे. गैंग के मेंबर चोरी वाले घर में परिवार के हर सदस्य के सिहराने खड़े जाते थे. जाग होने पर इस डंडे से लोगों पर वार करते थे. हालांकि कई बार इसके चलते लोगों की मौत हो जाती थी. इसके बाद गैंग ने इस तरह डंडे रखना बंद कर दिया. उनका मानना था कि हत्या का मामला बन जाने से पुलिस पीछे पड़ जाती है और पकड़े जाने की संभावन प्रबल हो जाती है. उन्होंने बताया कि छेमार गैंग के बदमाश अधिकांश झुग्गी और झोंपड़ियों में रहना पसंद करते हैं.
पक्षियों की आवाज निकाल कर गैंग को करते इकट्ठा: पुलिस अधीक्षक सुमित मेहरड़ा ने बताया कि बदमाश गैंग रात्रि के समय छिन भिन्न हो जाती हैं, तो पक्षियों की आवाज लगाकर एक जगह इकट्ठा हो जाते हैं. गैंग के बदमाश अलग-अलग पक्षियों की आवाज जानते हैं. हालात के मुताबिक वैसी ही आवाज का उपयोग करते हैं.