जयपुर. नौतपा में राजस्थान तप रहा है. भीषण गर्मी में प्रदेश के ज्यादातर इलाकों के लोग बिजली और पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. इस बीच सरकार के निर्देश पर जिलों के प्रभारी सचिव (आईएएस अधिकारियों) ने संबंधित जिलों का दौरा किया और बिजली-पानी की समस्याओं का जायजा लिया. इसके साथ ही गोशालाओं में चारे-पानी और अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता की भी समीक्षा की गई. अब सभी प्रभारी सचिव रिपोर्ट तैयार करने में लगे हैं.
यह रिपोर्ट 31 मई को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में होने वाली उच्च स्तरीय बैठक में रखी जाएंगी. जिसके आधार पर संबंधित जिलों में सामने आई समस्याओं के समाधान को लेकर कवायद शुरू की जाएगी. दरअसल, सरकार ने जिलों के प्रभारी सचिवों को 28 और 29 मई को संबंधित जिलों में जाकर वहां के हालात का जायजा लेने के निर्देश दिए थे. इसके बाद दो दिन सभी प्रभारी सचिव अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में रहे.
रात में चौपाल लगाकर पूछी समस्याएं: सरकार के निर्देश पर दो दिन में 50 प्रभारी सचिवों ने अपने-अपने प्रभार वाले जिलों का दौरा किया और बिजली-पानी की किल्लत का जायजा लिया. इस दौरान लोगों से मिलकर पानी की किल्लत और बिजली कटौती के बारे में फीडबैक लिया गया. उन्होंने यह भी पूछा कि पानी कितने दिन के अंतराल से आ रहा है और दिन में कितने घंटे बिजली कटौती की जा रही है. इस बीच कई प्रभारी सचिवों ने गांवों में रात्रि चौपाल लगाकर भी लोगों की समस्याएं सुनी.
अस्पतालों का लिया जायजा, मनरेगा श्रमिकों के हाल जाने: कई जगहों पर पानी बिजली की समस्याओं के साथ ही अन्य मुद्दों पर भी प्रभारी सचिवों ने फीडबैक लिया. प्रभारी सचिवों ने कलेक्टर व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक के अलावा अस्पताल और मनरेगा कार्यों का भी निरीक्षण किया. इसके अलावा गोशालाओं के भी हाल जाने. अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता की जानकारी ली. अवैध खनन जैसे मुद्दों को लेकर भी फीडबैक लिया गया. इसके अलावा ई फाईलिंग सिस्टम की भी जानकारी ली.