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मधेपुरा सदर अस्पताल के 30 डॉक्टरों पर देशद्रोह का आरोप, झंडोत्तोलन में नहीं हुए थे शामिल - मधेपुरा सदर अस्पताल

सदर अस्पताल में कार्यरत करीब 30 डॉक्टरों पर देशद्रोह का आरोप लगा है. इस मामले में सिविल सर्जन के द्वारा अस्पताल उपाधीक्षक से 48 घंटे के भीतर जवाब तलब किया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 28, 2024, 4:06 PM IST

मधेपुरा: बिहार के मधेपुरा से बड़ी खबर सामने आई है. जहां सदर अस्पताल में कार्यरत करीब 30 डॉक्टरो पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है. यह आरोप सिविल सर्जन डॉक्टर मिथिलेश ठाकुर के द्वारा सदर अस्पताल उपाधीक्षक को पत्र जारी कर लगाया गया है. सिविल सर्जन के द्वारा जारी किए गए पत्र में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक से पूछा गया है कि बीते 26 जनवरी को ध्वजारोहण के समय मात्र दो चिकित्सक डॉ सचिन कुमार एवं डॉ यश शर्मा ही मौजूद थे, जबकि इनके अलावा सभी चिकित्सक उपस्थित नहीं हुए.

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झंडोत्तोलन में क्यों शामिल नहीं हुए सभी डॉक्टर : अस्पातल उपाधीक्षक से बाकी डॉक्टरों के गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडोत्तोलन के दौरान उपस्थित नहीं रहने की बाबत कारण पूछा गया है कि, आखिर ऐसा क्यों हुआ. सिविल सर्जन का कहना है कि ''ऐसा करना यह दर्शाता है कि इन तमाम चिकित्सकों के द्वारा राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया है. यह कृत राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है. पूर्व से निर्धारित राष्ट्रीय ध्वजारोहण के कार्यक्रम में उपस्थित नहीं होना, तिरंगे को सलामी नहीं देना यह गंभीर चिंता का विषय है.''

48 घंटे के अंदर उपाधीक्षक से मांगा जवाब : इस संबंध में सिविल सर्जन के द्वारा 48 घंटे के भीतर सदर अस्पताल उपाधीक्षक से जवाब तलब किया गया है. गौरतलब हो कि सदर अस्पताल मधेपुरा में फिलहाल लगभग 30 चिकित्सक कार्यरत हैं. जिनमें से मात्र दो चिकित्सक 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित झंडोत्तोलन में शामिल हुए. बाकी अनुपस्थित पाए गए. अब देखना दिलचस्प होगा कि सदर अस्पताल उपाधीक्षक के द्वारा इस मामले में सिविल सर्जन को क्या जवाब दिया जाता है.

ये भी पढ़ें : Watch Video: बिहार के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों से उठा भरोसा! तांत्रिक करते हैं इलाज, वार्ड में लगता है झाड़-फूंक का मेला

मधेपुरा: बिहार के मधेपुरा से बड़ी खबर सामने आई है. जहां सदर अस्पताल में कार्यरत करीब 30 डॉक्टरो पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है. यह आरोप सिविल सर्जन डॉक्टर मिथिलेश ठाकुर के द्वारा सदर अस्पताल उपाधीक्षक को पत्र जारी कर लगाया गया है. सिविल सर्जन के द्वारा जारी किए गए पत्र में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक से पूछा गया है कि बीते 26 जनवरी को ध्वजारोहण के समय मात्र दो चिकित्सक डॉ सचिन कुमार एवं डॉ यश शर्मा ही मौजूद थे, जबकि इनके अलावा सभी चिकित्सक उपस्थित नहीं हुए.

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झंडोत्तोलन में क्यों शामिल नहीं हुए सभी डॉक्टर : अस्पातल उपाधीक्षक से बाकी डॉक्टरों के गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडोत्तोलन के दौरान उपस्थित नहीं रहने की बाबत कारण पूछा गया है कि, आखिर ऐसा क्यों हुआ. सिविल सर्जन का कहना है कि ''ऐसा करना यह दर्शाता है कि इन तमाम चिकित्सकों के द्वारा राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया है. यह कृत राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है. पूर्व से निर्धारित राष्ट्रीय ध्वजारोहण के कार्यक्रम में उपस्थित नहीं होना, तिरंगे को सलामी नहीं देना यह गंभीर चिंता का विषय है.''

48 घंटे के अंदर उपाधीक्षक से मांगा जवाब : इस संबंध में सिविल सर्जन के द्वारा 48 घंटे के भीतर सदर अस्पताल उपाधीक्षक से जवाब तलब किया गया है. गौरतलब हो कि सदर अस्पताल मधेपुरा में फिलहाल लगभग 30 चिकित्सक कार्यरत हैं. जिनमें से मात्र दो चिकित्सक 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित झंडोत्तोलन में शामिल हुए. बाकी अनुपस्थित पाए गए. अब देखना दिलचस्प होगा कि सदर अस्पताल उपाधीक्षक के द्वारा इस मामले में सिविल सर्जन को क्या जवाब दिया जाता है.

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