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1952 में तैनात इस 'योद्धा' ने कई बड़े हादसों को टाला, यादों में अमर रखने के लिए जर्मन कंपनी का ऑफर ठुकराया - Fire Brigade Vehicle

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 1, 2024, 6:17 AM IST

Alwar Fire Department, राजस्थान के अलवर अग्निशमन विभाग की ऐसी दमकल गाड़ी, जिसकी पहचान किसी योद्धा से कम नहीं है. इस दमकल ने कई बड़े हादसों को टाला और लोगों के जान-माल की रक्षा की. जर्मनी की कंपनी ने कई बार इसे लेने का प्रयास किया, लेकिन इसके साथ काम कर चुके कर्मचारियों ने हमेशा कंपनी का ऑर्डर ठुकरा दिया. पढ़ें पूरी खबर...

FIRE BRIGADE VEHICLE
1952 मॉडल की दमकल गाड़ी (ETV Bharat GFX)

दमकल गाड़ी जिसने कई बड़े हादसों को टाला (ETV Bharat Alwar)

अलवर. आज के आधुनिक जमाने में तो एक से बढ़कर एक दमकल की गाड़ियां आग पर काबू पाने के लिए राजस्थान के हर नगर निकाय और नगर निगमों में तैयारी से खड़ी हैं. इनकी कामों को देखा जाए तो यह भी सेना के टैंकों से कम नहीं हैं. फर्क बस इतना है कि टैंक सिर्फ दुश्मनों पर आग बरसता है और यह दमकल की गाड़ियां आग पर काबू पाकर आगजनी की घटनाओं में न जाने कितनों की जान बचाती हैं. आज हम आपको एक ऐसी दमकल गाड़ी की कहानी बताने जा रहे हैं, जो उम्र और हालात से बुजुर्ग अवस्था में है, लेकिन जवानी में इस दमकल का जलवा कुछ ऐसा रहा है, जिससे अलवर दमकल विभाग के कर्मचारी के साथ जिलेवासी तक रिटायरमेंट के बाद भी इसे नहीं भूला पा रहें हैं.

अलवर अग्निशमन विभाग के एएफओ जगदीप तक्षक ने बताया कि यह विदेशी कंपनी का दमकल आज भी अलवर के नगर निगम में शान से खड़ा है. इसकी हालत जरूर दयनीय है, लेकिन 1952 मॉडल का यह दमकल गाड़ी अपनी तैनाती के बाद से 3000 से ज्यादा अग्निकांडों पर काबू पाकर न जाने कितनी जानें और लोगों की संपत्ति को बचा चुकी है. यही वजह है कि 2010 में रिटायर होने के बाद भी यह बुजुर्ग दमकल आज भी अलवर के नगर निगम में खड़ा है. इसके साथ काम करने वालों की आज भी इस दमकल वाहन से गहरी यादें और भावनाएं जुड़ी हुई हैं.

पढ़ें : पर्यावरण संरक्षण की अद्भुत नजीर अजमेर का पदमपुरा गांव, 700 सालों से नीम ही नारायण, कभी नहीं चली कुल्हाड़ी - Special Report

52 मॉडल के नाम से जानते हैं लोग : जगदीप तक्षक ने बताया कि इस दमकल को अलवर नगर निगम के सेवानिवृत अधिकारी आज भी 52 मॉडल के नाम से जानते हैं. यह दमकल ट्रक जर्मनी की शेवरले कंपनी का है. खास बात यह है कि इस ट्रक पर जिसने भी काम किया, उसने हमेशा इसे यादों में सहेज कर रखा. अग्निशमन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस 52 मॉडल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि जिस कंपनी ने इसको बनाया है, वह भी आज इसे अलवर की नगर निगम परिषद से मांग रही है. कंपनी कई बार इस मॉडल के लिए बायबैक ऑफर दे चुकी है, लेकिन इसके साथ काम करने वालों ने हमेशा कंपनी का ऑर्डर ठुकराया है.

इसलिए मांग रही निर्माता कंपनी ? : शेवरले कंपनी के पास 1952 मॉडल का यह ट्रक अब उपलब्ध नहीं है. जर्मनी की यह कंपनी 1952 के ट्रक अपने यहां एंटीक व्हीकल के रूप में अपनी डिस्प्ले में रखने के साथ एंटीक आइटम के रूप में सजाना चाहती है. अग्निशमन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस ट्रक ने 1952 से 2010 तक निरंतर अपनी सेवाएं अलवर में दी है.

दमकल गाड़ी जिसने कई बड़े हादसों को टाला (ETV Bharat Alwar)

अलवर. आज के आधुनिक जमाने में तो एक से बढ़कर एक दमकल की गाड़ियां आग पर काबू पाने के लिए राजस्थान के हर नगर निकाय और नगर निगमों में तैयारी से खड़ी हैं. इनकी कामों को देखा जाए तो यह भी सेना के टैंकों से कम नहीं हैं. फर्क बस इतना है कि टैंक सिर्फ दुश्मनों पर आग बरसता है और यह दमकल की गाड़ियां आग पर काबू पाकर आगजनी की घटनाओं में न जाने कितनों की जान बचाती हैं. आज हम आपको एक ऐसी दमकल गाड़ी की कहानी बताने जा रहे हैं, जो उम्र और हालात से बुजुर्ग अवस्था में है, लेकिन जवानी में इस दमकल का जलवा कुछ ऐसा रहा है, जिससे अलवर दमकल विभाग के कर्मचारी के साथ जिलेवासी तक रिटायरमेंट के बाद भी इसे नहीं भूला पा रहें हैं.

अलवर अग्निशमन विभाग के एएफओ जगदीप तक्षक ने बताया कि यह विदेशी कंपनी का दमकल आज भी अलवर के नगर निगम में शान से खड़ा है. इसकी हालत जरूर दयनीय है, लेकिन 1952 मॉडल का यह दमकल गाड़ी अपनी तैनाती के बाद से 3000 से ज्यादा अग्निकांडों पर काबू पाकर न जाने कितनी जानें और लोगों की संपत्ति को बचा चुकी है. यही वजह है कि 2010 में रिटायर होने के बाद भी यह बुजुर्ग दमकल आज भी अलवर के नगर निगम में खड़ा है. इसके साथ काम करने वालों की आज भी इस दमकल वाहन से गहरी यादें और भावनाएं जुड़ी हुई हैं.

पढ़ें : पर्यावरण संरक्षण की अद्भुत नजीर अजमेर का पदमपुरा गांव, 700 सालों से नीम ही नारायण, कभी नहीं चली कुल्हाड़ी - Special Report

52 मॉडल के नाम से जानते हैं लोग : जगदीप तक्षक ने बताया कि इस दमकल को अलवर नगर निगम के सेवानिवृत अधिकारी आज भी 52 मॉडल के नाम से जानते हैं. यह दमकल ट्रक जर्मनी की शेवरले कंपनी का है. खास बात यह है कि इस ट्रक पर जिसने भी काम किया, उसने हमेशा इसे यादों में सहेज कर रखा. अग्निशमन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस 52 मॉडल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि जिस कंपनी ने इसको बनाया है, वह भी आज इसे अलवर की नगर निगम परिषद से मांग रही है. कंपनी कई बार इस मॉडल के लिए बायबैक ऑफर दे चुकी है, लेकिन इसके साथ काम करने वालों ने हमेशा कंपनी का ऑर्डर ठुकराया है.

इसलिए मांग रही निर्माता कंपनी ? : शेवरले कंपनी के पास 1952 मॉडल का यह ट्रक अब उपलब्ध नहीं है. जर्मनी की यह कंपनी 1952 के ट्रक अपने यहां एंटीक व्हीकल के रूप में अपनी डिस्प्ले में रखने के साथ एंटीक आइटम के रूप में सजाना चाहती है. अग्निशमन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस ट्रक ने 1952 से 2010 तक निरंतर अपनी सेवाएं अलवर में दी है.

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