शिमला: समेज गांव में 31 जुलाई को आई बाढ़ ने हिमाचल को झकझोर कर रख दिया था. इस त्रासदी की सिसकियां अभी भी नहीं थमी हैं. समेज के साथ-साथ मंडी, कुल्लू में भी कई लोगों की जान गई. अब तक लापता लोगों की तलाश जारी है. एनडीआरएफ की टीमें लापता लोगों की तलाश कर रही हैं.
16 दिनों तक चले सर्च ऑपरेशन के बाद अब तक शिमला में 19 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं. कुल्लू में चार, मंडी में नौ डेड बॉडी रिकवर हो चुकी हैं. कुल्लू में 2, शिमला में 8, मंडी में 9 शवों को शिनाख्त की जा चुकी है. 31 जुलाई को आई बाढ़ के कारण कुल्लू में 12, शिमला में 33, मंडी में नौ लोग लापता हो गए थे. समेज से लापता हुए लोगों की पहचान के लिए पुलिस ने परिजनों के डीएनए सैंपल लिए हैं. डीएनए सैंपल के जरिए पुलिस लापता लोगों की पहचान में जुटी है. समेज गांव के अलावा सुन्नी डैम एरिया में भी लापता लोगों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चल रहा है. समेज से 85 किलोमीटर दूर सुन्नी डैम एरिया से अब तक 10 लोगों के शव बरामद हुए हैं. सिर्फ सुन्नी में ही डैम होने के कारण रामपुर क्षेत्र का मलबा सतलुज नदी में आता है, वो सुन्नी डैम में लगभग 85 किलोमीटर के दायरे में फंस जाता है.
सर्च ऑपरेशन के लिए टीमें तैनात
कुल्लू में अभी भी एसडीआरएफ के 11, पुलिस के 36 जवान, होम गार्ड के 6 जवान सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. शिमला में एनडीआरएफ 30, पुलिस के 60, होमगार्ड के 9, आईटीबीपी के 42, आर्मी के 71, सीआईएसएफ के 10 जवान, अन्य 77 लोग सर्च ऑपरेशन में लगे हुए हैं. भले ही अभी सर्च ऑपरेशन जारी है, लेकिन लापता लोगों के परिजनों की अब उम्मीद धुंधली होती जा रही है.
बता दें कि 31 जुलाई की रात को आई बाढ़ में कुल्लू में 31, शिमला में 25, मंडी में चार घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए थे. बाढ़ के मलबे में कुल्लू में 12, शिमला में 33, मंडी में 10 लोग लापता हो गए थे.